रवीश कुमार को बीमार बताने वाले सुशांत सिन्हा दो साल पहले उनके गुण गाते थे !

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इंडिया न्यूज़ के ऐंकर सुशांत सिन्हा ने हाल ही में रवीश कुमार के लिए जो खुला ख़त लिखा है, उस पर काफ़ी विवाद हो रहा है। इस ख़त में रवीश कुमार को एक दो नहीं तीन गंभीर बीमारियों का शिकार बताने वाले सुशांत सिन्हा महज़ दो साल पहले उनकी शान में क़सीदे काढ़ते थे। तब वे एनडीटीवी में थे। उन्होंने bikimedia.com को दिए एक इंटरव्यू में कहा था –“जो रवीश कुमार टीवी पर हैं वही रवीश कुमार न्यूज रूम में भी हैं, उनकी बातों में कोई बनावटीपन नहीं है। ”  मीडिया विजिल  इस वेबसाइट पर 10 जनवरी 2015 को प्रकाशित सुशांत के इंटरव्यू को साभार प्रकाशित कर रहा है। पढ़ें –

 

ये सच है कि जो आज स्क्रिन पर दिखते हैं, उसे लोग अच्छा पत्रकार मानते हैं  ये कहना है  NDTV इंडिया के एंकर सुशांत सिन्हा का। पत्रकारिता में लगभग दशक पार कर चुके सुशांत सिन्हा खबरों को उसकी मर्म के साथ प्रस्तुत करने में विश्वास रखते हैं। bikimedia.com के संपादक बिक्रम सिंह से बात करते हुए सुशांत ने कई ऐसी मुद्दों पर बात की जो आज लगभग नदारद है। अपनी खबरों को सरलता के साथ प्रस्तुत करने वाले सुशांत सिन्हा वास्तव में आज उन एंकरों व पत्रकारों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत हैं जो मामूली खबर को ऐसे पढ़ते हैं मानो कुतुबमीनार से, नीचे खड़े लोगों तक खबर पहुंचानी हो।

सुशांत सिन्हा करीब 12 साल से पत्रकारिता से जुड़ें है, हर पत्रकार की तरह ये भी ‘बाईचांस से ही पत्रकार बन गए। सुशांत ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पटना से की , अपनी करियर के लिए इन्होंने इनफॉरमेशन एंड टेकनाॉलोजी से ग्रैजुएशन किया। शौकिया तौर पर ऑल इंडिया रेडियो के पटना केन्द्र में काम करने वाले सुशांत सिन्हा ने पटना के ही एक लोकल चैनल से एंकरिंग शुरू की,उनका सफर न्यूज 24, लाइव इंडिया और जैन टीवी से होते हुए आज NDTV इंडिया तक जारी है।

सुशांत नए पत्रकारों को समझाना चाहते हैं कि पत्रकारिता का मतलब सिर्फ टीवी एंकरिंग और रिपोर्टिंग ही नहीं है इसके अलावा कई और आयाम है, कई और चरण है जिसे नए पत्रकारों को सीखना चाहिए। टीवी पत्रकारिता हो या फिर प्रिंट पत्रकारिता, दोनो में बस माध्यम का अंतर है, बाकि दोनों का काम लोगों तक सूचना पहुंचाना है।

अपने खास इंटरव्यू में सुशांत ने बताया कि NDTV इंडिया भारत का शायद एकमात्र चैनल है जहां न्यूज रूम में कोई किसी पर नहीं चिल्लाता। बगैर गाईडलाइंस के यहां के सभी एंकर खबरों की प्रस्तुती, एक आम शैली में करते हैं,यहां खबरों के साथ कोई समझौता नहीं होता है।  सुशांत सिन्हा एक ऐसे एंकर के रूप में जाने जाते है जिनकी एंकरिंग शैली में किसी भी राजनीतिक दल की तरफ झुकाव नहीं दिखता है और इसे वह अपने लिए बहुत बड़ी अचिवमेंट मानते है।

वर्तमान दौर की पत्रकारिता पर सुशांत का मानना है कि भारत में जैसे-जैसे इंटरनेट की स्पीड बढ़ेगी वैसे-वैसे लोगों का ध्यान टीवी से हटकर मोबाईल की ओर जाएगा। मोबाईल आज हर किसी के बस की चीज है, ऐसे में आम लोग खबरों के लिए सिर्फ मोबाईल पर निर्भर रहेंगे। bikimedia.com  के इस प्रयास पर सुशांत काफी खुशी जाहिर करते हुए कहें कि-“आप लोगों ने भविष्य को समझते हुए अभी से तैयारी कर ली है, बस काम अच्छा करें,फिर आपकी  ही दुनिया है।”

सुशांत NDTV इंडिया के ही नहीं पूरे मीडिया के शायद इकलौते ऐसे पत्रकार हैं जो उर्दू अल्फाज को बहुत ही शालीनता के साथ दर्शकों को परोसते हैं। इस पर बात करते हुए सुशांत बताते हैं कि- “भले ही मैं बिहार में पला-पढ़ा हूं पर मुझे ऐसा माहौल मिला, ऐसे दोस्त मिलें जिसकी वजह से मेरी हिन्दी का उच्चारण अच्छा है।

पत्रकारों के बारे में बात करते हुए सुशांत की अपनी एक अलग राय है,वो कहते हैं कि-पत्रकारों को समझना चाहिए कि वो जनता की आवाज हैं ऐसे में उन्हें जनता के हित से जुड़ी बातों को,मुद्दों को  सामने लाना चाहिए न कि अपनी मनगढ़ंत बातों को या फिर सनसनीखेज खबरों को थोंप दें। जनता को पत्रकारों पर नेताओं से ज्यादा भरोसा है ऐसे में पत्रकार ही जनता की भलाई की बात और उनसे जुड़े मुद्दों को नहीं उठायेगा तो कौन करेगा?

हर मुद्दें पर अपनी बेबाकी से राय रखने वाले सुशांत सिन्हा से जब रवीश कुमार की शैली के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि-“जो रवीश कुमार टीवी पर हैं वही रवीश कुमार न्यूज रूम में भी हैं, उनकी बातों में कोई बनावटीपन नहीं है।” करीब आधे घंटे की बातचीत में सुशांत सिन्हा ने हरेक मुद्दे पर अपनी राय व विचार रखें। bikimedia.com  आने वाले दिनों के लिए ढ़ेर सारी शुभकामनाएं देते हुए सुशांत ने कहा कि इस तरह का प्रयास सराहनीय है।