आंदोलनकारियों को प्रताड़ित कर रहे Republic TV के खिलाफ़ एसपी उदयकुमार ने लिखा प्रेस काउंसिल को पत्र

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परमाणु ऊर्जा विरोधी आंदोलन के चर्चित कार्यकर्ता डॉ. एसपी उदयकुमार ने रिपब्लिक टीवी और उसके कर्मचारियों के खिलाफ़ प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया में एक शिकायत दर्ज करायी है जिसमें कहा गया है कि इस चैनल के लोगों ने उन्‍हें और उनके परिवार को प्रताडि़त किया है।

एनडीए सांसद राजीव चंद्रशेखर और चीखने वाले समाचार ऐंकर अर्णब गोस्‍वामी के साझा स्‍वामित्‍व वाले नए टीवी चैनल रिपब्लिक टीवी ने उदयकुमार के खिलाफ कथित तौर पर एक स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें चैनल ने अपनी रिपोर्टर को शोध छात्रा बनाकर उनके पास भेजा और उन्‍हें विदेश से कुछ फंड दिलवाने का प्रलोभन दिया। इसी प्रकरण को रिपब्लिक टीवी ने स्टिंग कह कर अपने यहां प्रसारित किया था।

डॉ. उदयकुमार परमाणु संयंत्र विरोधी कुडनकुलम आंदोलन का चेहरा रहे हैं और उनके सहित संयंत्र से लगे गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों के ऊपर राजद्रोह का मुकदमा भी सरकार कर चुकी है। उन्‍होंने प्रेस काउंसिल को जो पत्र लिखा है, उसे हम नीचे दे रहे हैं।


21 जून, 2017

एसपी उदयकुमार
संयोजक
पीपुल्‍स मूवमेंट अगेंस्‍ट न्‍यूक्लियर एनर्जी (पीमाने)
पचाइ तमिझगम काची (ग्रीन तमिलनाडु पार्टी)

माननीय जस्टिस श्री चंद्रमौलि कुमार प्रसाद
अध्‍यक्ष
भारतीय प्रेस परिषद
सूचना भवन
8-सीजीओ परिसर
लोधी रोड
नई दिल्‍ली 110 003
ईमेल: vibha.b@nic.in, secy-pci@nic.in, pcibpp@gmail.com, pcibppcomplaint@gmail.com

महोदय,

अभिवादन। मैं यह पत्र लिखकर आपका ध्‍यानाकर्षण मेरे और मेरे परिवार के साथ रिपब्लिक टीवी के श्री अर्णब रंजन गोस्‍वामी और उनके कुछ सहयोगियों जैसे श्‍वेता और संजीव द्वारा किए गए धोखे और उत्‍पीड़न की ओर दिलाना चाहता हूं।

गत 8 अप्रैल 2017 को कोई ”श्‍वेता शर्मा” नागरकोइल स्थित मेरे घर पर आई (बाद में मैंने पाया कि उसका असली नाम श्‍वेता कोठारी था) और खुद को उसने यूके की कार्डिफ युनिवर्सिटी का रिसर्च स्‍कॉलर बताया। उसने अपने शोध प्रबंध में मेरी मदद मांगी। उसके साथ उसका एक स्‍थानीय मित्र ”संजीव” आया था। मैंने उसे कई किताबें दीं और उसके सवालों का जवाब दिया।

उसने 9 अप्रैल 2017 को मुझसे आग्रह किया कि मैं उसके होटल के कमरे पर रुक जाऊं क्‍येांकि उसे और सवाल पूछने थे। वहां उसने मुझसे कहा कि ”उसके एक ब्रिटिश प्रोफेसर” कुडनकुलम परमाणु संयंत्र के खिलाफ हमारे संघर्ष को सहयोग देने के बहुत इच्‍छुक हैं। मैंने उसे बताया कि हम विदेशियों से चंदा नहीं लेते हैं और हमारे आंदोलन का कोई बैंक खाता भी नहीं है। फिर उसने पूछा कि क्‍या पैसे देने का कोई और तरीका है। मैंने उसे बताया कि मेरा निजी खाता बंद पड़ा है और हमारे पार्टी का खाता भी विदेशी चंदा नहीं ले सकता। तो मैंने उससे कहा कि वह बाहर से पैसा हमें दान नहीं दे सकती है लेकिन अगर वह भारत में अपने माता-पिता को पैसे भेज सके तो वे ऐसा कर सकते हैं। मैंने उसे साफ़ तौर पर बताया कि हम इस दान की बाकायदा रसीद काटेंगे औश्र पैसा हिसाब में जाएगा। मैंने उसे यह भी बताया कि हमारी दिलचस्‍पी विदेशी चंदे में कतई नहीं है।

श्री अर्णब गोस्‍वामी और उनकी टीम ने मेरे ऊपर किए गए इस तथाकथित ”स्टिंग ऑपरेशन” को 20 जून, 2017 को दिन में 2 बजे अपने रिपब्लिक टीवी पर प्रसारित किया और आरोप लगाया कि कुछनकुलम न्‍यूक्लियर प्‍लांट के खिलाफ़ हमारा संघर्ष चर्च के विदेशी चंदे से चलता है। मैंने रिपब्लिक टीवी पर उक्‍त पैनल परिचर्चा में हिस्‍सा भी लिया और साफ़ किया जो मेरे साथ घटा था लेकिन गोस्‍वामी इतने घृणास्‍पद और सख्‍त तरीके से बात कर रहे थे और बीच में उन्‍होंने अपशब्‍द भी कहे।

मैं चूंकि कुंभकोणम शहर से उनके चैनल पर चर्चा में हिस्‍सा ले रहा था जहां एक आंदोलन चल रहा था, उस वक्‍त टीवी रिपोर्टर संजीव नागरकोइल में मेरे घर के सामने दोपहर 2 बजे से रात 11 बजे तक खड़ा रहा और मेरे 85 साल के पिता, 82 साल की मां, मेरी पत्‍नी औश्र स्‍कूल जाने वाले मेरे छोटे बच्‍चे को लगातार प्रताडि़त करता रहा। वह लगातार उनसे अपने स्टिंग ऑपरेशन पर जवाब मांग रहा था और दबाव डाल रहा था। उन्‍होंने उसे बताया कि मैं शहर से बाहर हूं, लेकिन वह अपने तीन सहयोगियों के साथ मेरे परिवार को अपने उच्‍श्रृंखल व्‍यवहार से धमकाता रहा।

संजीव एक बार फिर 21 जून 2017 की सुबह मेरे घर आया और मेरे परिवार को उसने प्रताडित करना शुरू किया। मेरे बूढ़े पिता ने जब उसके खराब व्‍यवहार पर आपत्ति जतायी तो उसने टीवी पर फर्जी रिपोर्ट चला दी कि मैंने उसे धमकाया है। मैं शाम को घर आया तो मुझे पूरी घटना के बारे में पता चला।

अपनी टीआरपी को बढ़ाने की बौखलाहट में बदनाम हो चुका रिपब्लिक टीवी मेरे बारे में अपमानजनक रिपोर्ट लगातार चला रहा है और सोशल मीडिया पर दुष्‍प्रचार कर रहा है। किसी लाकतंत्र में एक ऐंकर और रिपोर्टरों का ऐसा अशालीन और बदनुमा व्‍यवहार स्‍वीकार्य नहीं है। रिपब्लिक टीवी और उसके रिपोर्टर सारी सीमाएं लांघ रहे हैं और मुझे व मेरे परिवार को मानसिक रूप से बहुत पीड़ा पहुंचा रहे हैं।

उपर्युक्‍त परिस्थिति के आलोक में मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस जनविरोधी टीवी को मुझे और मेरे लोगों को भविष्‍य में चोट पहुंचाने से कृपया रोकें। आपकी तात्‍कालिक और अनुकूल प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में आपका शुभेच्‍छु

सादर
एसपी उदयकुमार