Subscribe
×
Your name
Your email
Sunday 18th April 2021
Facebook
Twitter
Instgram
You Tube
Rss
MediaVigil
Comment is free, but facts are sacred
Subscribe
Become a supporter
Subscribe
Become a
supporter
Facebook
Twitter
Instgram
You Tube
Rss
ख़बर
देश
प्रदेश
राजनीति
समाज
ख़बर
विज्ञान
मीडिया
सामाजिक न्याय
वीडियो
Renaissance
आंदोलन
हमारी मदद करें
पर्यावरण
मीडिया
राजनीति
विज्ञान
संपादकीय
समाज
समुदाय
सांप्रदायिकता
सामाजिक न्याय
ख़बर
फैक्ट चेक
Home
»
Raghvendra Dubey Bhau
Raghvendra Dubey Bhau News
#MeToo: हिंदी अख़बारों के कामातुर लपकहे, जो यौन उत्पीड़न करते-करते स्टेट हेड हो गए!
थरूर ‘हिंदू पाकिस्तान’ के ख़तरे पर अड़े, तो लोग भी होने लगे साथ खड़े !
RSS पर हमलावर राहुल गाँधी और ढाल बनते प्रणब मुखर्जी !
बीजेपी ने इमरजेंसी विरोधी बहादुराना संघर्ष को अपमानित किया -डी.पी.टी
इतिहासयुद्ध : मिथ्या गौरव के नये मिथक गढ़ने की ‘सैप्टिक’ इच्छा !
वह प्रभाष जोशी की रणनीतिक कुशलता का ‘हेमंत’ था !
बाबरी ध्वंस हो चुका था और पंडित जी नभाटा में लिख रहे थे -राधा का लास्य !
मायावती की प्रेस कान्फ्रेंस में रिपोर्टर बस इमला लिखते थे !
राजेंद्र माथुर ने कहा-मैं जो लिखता हूँ, वही मैं हूँ, बाक़ी सब अप्रासंगिक !
अख़बारों में गला काट होड़ है, लेकिन कंटेंट ‘पूल’ होता है !
जो कुछ नहीं लिख सकते, ख़ुद को न्यूज़ का आदमी कहते हैं !
अख़बार प्रतिभा के वधस्थल होते जा रहे थे….!
कभी हिंदी के पास राजेंद्र माथुर थे, अब मछली खिलाकर संपादक हो जाते हैं !
नेहरू की सीख और प्रभाष जोशी की परंपरा का नाश कर दिया मनोरोगी संपादकों ने !
संपादक मज़े में है, मालिक भी मज़े में, पत्रकार ही तबाह, यहाँ भी है वहाँ भी !
बनिया (मालिक)+ब्राह्मण (संपादक)= हिंदी पत्रकारिता !
संपादक ने कहा- रिपोर्टर लिक्खाड़ नहीं ‘लॉयल’ चाहिए !
प्रमुख सचिव से करोड़ों का विज्ञापन झटकने वाला औसत पत्रकार बना संपादक !
दिल्ली से फ़रमान आया- ‘प्रभाष जोशी के देहावसान की ख़बर नही जाएगी !’
6 दिसंबरः मैने इतिहास को नंग धड़ंग देखा !
6 दिसंबर: रिपोर्टर पिटा,अख़बार बढ़ा और मालिक पहुँचा राज्यसभा !
6 दिसंबर: सच नहीं, ह्यूमन स्टोरी के नाम पर कारसेवकों का ‘शौर्य’ लिखने का आदेश था !
6 दिसंबर: अख़बार हिंदू एजेंडा पर चल पड़े थे, पत्रकार अब उसकी ही पुतरी थे !
6 दिसंबर :”रपटों में केवल हुंकार लिखना था, हिंदी अख़बार हिंदू हो गये थे !”
मीडिया विजिल
से जुड़ने के लिए शुक्रिया। जनता के सहयोग से जनता का मीडिया बनाने के अभियान में कृपया हमारी
आर्थिक मदद करें।
ख़बर
बौद्ध दर्शन की भाषा संस्कृत को राष्ट्रभाषा बनाने के डॉ.आंबेडकर के प्रस्ताव पर अचरज कैसा?
सवाल: कोरोना के हवा से फैलने की ख़बर और हवा में उड़ती बेख़बर सरकार!
किसान आंदोलन को बदनाम करने में जुटे मुख्यमंत्री खट्टर इस्तीफ़ा दें- SKM
लखनऊ: ऑक्सीजन और अस्पताल नहीं, योगी पर भरोसे की ‘गोली’ मिली, मर गया बुज़ुर्ग पत्रकार!
कोविड नियंत्रण में मोदी सरकार नाकाम, मदद में जुटें कांग्रेस जन- सोनिया गाँधी
वीडियो
सवाल: कोरोना के हवा से फैलने की ख़बर और हवा में उड़ती बेख़बर सरकार!
मंडल जयंती पर ख़ास- क्रिस्टॉफ जेफ्रेलो का Exclusive इंटरव्यू, हिंदी सबटाइटल्स के साथ..
क्या गाँधी नहीं चाहते थे कि भगत सिंह की फाँसी रुके?
Fact Check – CM की भाषा, मीडिया का ख़ौफ और ANI-भाजपा का झूठ!
क्या भगत सिंह वाक़ई नास्तिक और कम्युनिस्ट थे?
दस्तावेज़
बौद्ध दर्शन की भाषा संस्कृत को राष्ट्रभाषा बनाने के डॉ.आंबेडकर के प्रस्ताव पर अचरज कैसा?
बीजेपी की ‘आंबेडकर पूजा’ बनाम उनकी 22 प्रतिज्ञाएँ
आंबेडकर जयंती पर विशेष: हिन्दू कोड बिल और नेहरू के साथ विच्छेद
बुद्ध को विष्णु-अवतार बताने को डॉ.आंबेडकर ने पागलपन क्यों कहा ?
डॉ.आंबेडकर ने क्यों बताया ‘हिंदू राष्ट्र’ को देश का दुर्भाग्य !
काॅलम
लखनऊ बन गया है लाशनऊ, धर्म का नशा बेचने वाले, लोगों को मरता छोड़ गये!
पहला पन्ना: प्रधानमंत्री के प्रचार में लगे अख़बारों ने उनके चुनावी भाषण नहीं छापे!
बौद्ध दर्शन की भाषा संस्कृत को राष्ट्रभाषा बनाने के डॉ.आंबेडकर के प्रस्ताव पर अचरज कैसा?
क्रॉस-कल्चरल फ़िल्मों का दौर
पहला पन्ना: एक दिन में 1340 मौत की ख़बर से खेलते अख़बार!
समाज
सवाल: कोरोना के हवा से फैलने की ख़बर और हवा में उड़ती बेख़बर सरकार!
किसान आंदोलन को बदनाम करने में जुटे मुख्यमंत्री खट्टर इस्तीफ़ा दें- SKM
लखनऊ: ऑक्सीजन और अस्पताल नहीं, योगी पर भरोसे की ‘गोली’ मिली, मर गया बुज़ुर्ग पत्रकार!
क्रॉस-कल्चरल फ़िल्मों का दौर
इस मेडिकल कॉलेज में कोविड वॉरियर्स, मरीज़ों, स्टाफ के जीवन पर उनका अधिकार नहीं!
ओप-एड
लखनऊ बन गया है लाशनऊ, धर्म का नशा बेचने वाले, लोगों को मरता छोड़ गये!
पहला पन्ना: प्रधानमंत्री के प्रचार में लगे अख़बारों ने उनके चुनावी भाषण नहीं छापे!
बौद्ध दर्शन की भाषा संस्कृत को राष्ट्रभाषा बनाने के डॉ.आंबेडकर के प्रस्ताव पर अचरज कैसा?
क्रॉस-कल्चरल फ़िल्मों का दौर
पहला पन्ना: एक दिन में 1340 मौत की ख़बर से खेलते अख़बार!