दलित VDO ने की खुदकुशी, सुसाइड नोट में जातिगत उत्‍पीड़न का ज़िक्र

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उत्तर प्रदेश Published On :


उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में एक ग्राम विकास अधिकारी ने भारतीय किसान यूनियन के एक नेता और 2 ग्राम प्रधानों द्वारा उत्पीड़न किए जाने से परेशान होकर आत्महत्या कर ली. मऊ जिले के रहने वाले त्रिवेंद्र कुमार लखीमपुर खीरी जिले की कुम्भी गांव में ग्राम विकास अधिकारी के पद पर तैनात थे. त्रिवेंद्र कुमार की जेब से बरामद हुए सुसाइड नोट में दो प्रधानों और किसान यूनियन के नेता द्वारा उत्पीड़न का जिक्र है.

इस घटना ने एक बार फिर रोहित वेमुला कांड की याद ताजा कर दी. जनपद लखीमपुर खीरी के विकासखंड गोला में तैनात ग्राम शिव सागर कॉलोनी छाउच्छ निवासी त्रिवेंद्र कुमार पुत्र कोमल प्रसाद की पिछले वर्ष ग्राम विकास अधिकारी के पद पर नियुक्ति हुई थी. नियुक्ति के बाद उनको विकास खंड गोला की ग्राम पंचायत रसूलपुर देवरिया में तैनाती मिली, जहां के दबंग प्रधान ने पहले उन्हें परेशान किया, उसके बाद उस इलाके में सक्रिय भाजपा से जुड़ी किसान यूनियन के नेताओं ने भी उसके साथ जाति सूचक अभद्रता की. जिस कारण आहत होकर ग्राम विकास अधिकारी त्रिवेंद्र कुमार ने बुधवार, 4 अगस्त की सुबह आत्महत्या कर ली.

त्रिवेंद्र कुमार की आत्महत्या से गुस्साए ग्राम विकास अधिकारियों ने कलम बंद हड़ताल की घोषणा करते हुए मृतक को न्याय दिलाने की मांग की है. घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

ग्राम विकास अधिकारी त्रिवेंद्र कुमार की आत्महत्या के कुछ देर बाद एक वीडियो वायरल होने लगा. वायरल वीडियो को पुलिस इस केस से जोड़कर देख रही है, जिसमें भरे मंच से त्रिवेंद्र को बेइज्जत किया जा रहा है.

बीते दिनों लखीमपुर खीरी जिले के कुंभी ब्लॉक के अमीन नगर में एक किसान पंचायत के दौरान भारतीय किसान यूनियन लोकतांत्रिक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह और जिला अध्यक्ष श्यामू शुक्ला के नेतृत्व में बैठक चल रही थी. इसी दौरान भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने त्रिवेंद्र कुमार को मंच पर बुलाकर उनका अपमान किया. इन्हीं सब बातों से आहत होकर त्रिवेंद्र कुमार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

त्रिवेंद्र कुमार ने अपनी मौत से पहले पापा को एक खत लिखा है जिसमें उसने लिखा है कि वहां पर किसान यूनियन व प्रधानों के द्वारा उसे कथित तौर पर प्रताड़ित किया गया है. इससे वह बहुत परेशान है. उसे गाली दी गई. आरक्षण के विरोध में बोला गया. जो कि बहुत गलत है. वह अपनी जिंदगी से परेशान हो गया है. त्रिवेंद्र अपने परिवार से बहुत प्यार करता है. उसे परिवार पर विश्वास है. वहां ब्लॉक पर मेरा मजाक बनाया जाता है. अगर हमें कुछ होता है तो उसका जिम्मेदार सिर्फ किसान यूनियन पार्टी अध्यक्ष व रसूलपुर प्रधान, देवरिया प्रधान पुत्र पप्पू है. मुझे दिमागी रूप से यह पार्टी और प्रधान परेशान करते हैं. मैं अपने आप से विफल हो गया हूं. मेरे मरने के बाद मेरे परिवार को कोई परेशान नहीं करेगा. मैं स्वयं की इच्छा से मरने जा रहा हूं. परंतु मेरे मरने के बाद पार्टी अध्यक्ष व प्रधानों को कथित रूप से सजा मिले. जिससे यह किसी और को परेशान न कर सके.

त्रिवेंद्र के पिता कोमल प्रसाद आश्रम पद्धति स्कूल लखीमपुर में अध्यापक थे. वह कुछ समय पहले रिटायर हो गए हैं. कोमल प्रसाद भी यही शिव सागर कॉलोनी में रहते थे. रिटायर होने के बाद उनका अपने पैतृक गांव में रहना ज्यादा हो गया. घटना के समय वह यहां नहीं थे. बताया जाता है कि त्रिवेंद्र का एक और भाई भी है. जो गांव में रहकर पढ़ाई कर रहा है. पिता के रिटायर होने के बाद त्रिवेंद्र घर में कमाने वाला अकेला था उसी की कमाई से उसके घर का खर्च चलता था. उसकी मौत से पूरा परिवार टूट गया है.

खबरों के अनुसार, मृतक के पिता जिला मऊ निवासी कोमल प्रसाद की तहरीर पर 8 के विरुद्ध मामला थाना कोतवाली लखीमपुर में दर्ज कर लिया गया है. आरोपियों में अध्यक्ष किसान यूनियन राकेश सिंह चौहान, तहसील अध्यक्ष महेश चंद्र वर्मा, मीडिया प्रभारी विकास शुक्ल, सेक्टर प्रभारी अनिल स्वामी, ब्लॉक अध्यक्ष राम सिंह वर्मा, प्रदेश अध्यक्ष कार्यवाहक प्रदीप शुक्ला श्यामू (किसान यूनियन के पदाधिकारी), देवरिया ग्राम पंचायत के प्रधान पुत्र हरदेव सिंह, रसूलपुर ग्राम पंचायत के प्रधान पति जुबेर अहमद शामिल हैं. अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दो लोग हिरासत में लिए गए हैं.


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