
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने कृषि कानूनों का विरेाध कर रहे किसानों पर बर्बरतापूर्वक वाटर कैनन चलाने वाली भाजपा सरकार की निन्दा करते हुए भाजपा को किसान विरोधी करार दिया है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि- ‘‘किसानों से समर्थन मूल्य छीनने वाले कानून के विरोध में किसान की आवाज सुनने की बजाय भाजपा सरकार उन पर भारी ठंड में पानी की बौछार मारती है। किसानों से सबकुछ छीना जा रहा है और पूंजीपतियों को थाल में सजा कर बैंक, कर्जमाफी, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन बांटे जा रहे हैं।’’
किसानों से समर्थन मूल्य छीनने वाले कानून के विरोध में किसान की आवाज सुनने की बजाय भाजपा सरकार उन पर भारी ठंड में पानी की बौछार मारती है।
किसानों से सबकुछ छीना जा रहा है और पूंजीपतियों को थाल में सजा कर बैंक, कर्जमाफी, एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन बांटे जा रहे हैं। #FarmersProtest pic.twitter.com/al8dG8ZZhi
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 26, 2020
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि अन्नदाताओं के खिलाफ लाठी गोली चलाने वाली भाजपा सरकार मेहनतकश समुदाय का दर्द क्या जाने। कोरोना काल मे जहाँ अडानी अम्बानी की आय 150 गुना बढ़ी तो वहीं योगी सरकार में गन्ने के मूल्यों में कोई भी बढ़ोतरी नही हुई है जबकि उनकी उत्पादन लागत बिजली, उर्वरक, कीटनाशक, डीजल आदि की वजह से बढ़ी है। किसानों को गन्ने का पिछला भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। इससे स्पष्ट होता है कि भाजपा सरकारों के एजेंडे में किसान मजदूर कभी था ही नहीं। किसानों का कर्ज माफ करने और बिजली मूल्य माफ करने का वादा किया था। नये कृषि कानून जो बनाये गये हैं वह सब किसानेां के हितों पर कुठाराघात है जिसके चलते किसान आन्दोलन करने के लिए विवश हुए हैं।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि भाजपा सरकार जब सत्ता में आयी थी तो उसने ऐलान किया था कि गन्ना किसानों का भुगतान 14 दिनों में कर देंगे। भुगतान में मेरी होने पर उन्हें ब्याज सहित भुगतान किया जायेगा। लेकिन आज साढ़े तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी योगी सरकार ने गन्ना किसानों का पूरा भुगतान नहीं किया है। आज जब गन्ना किसानों का लागत राशि पहले के मुकाबले दुगुना बढ़ गयी है उसका पिछला बकाये का भुगतान नहीं हुआ है। किसान कर्ज लेकर खेती करने के लिए विवश है और कर्ज के मकड़जाल में फंसता जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नये कृषि कानून में एमएससी को खत्म किये जाने से बिचैलिये और कालाबाजारी करने वालों के पौ बारह है। आवश्यक खाद्य वस्तुएं जैसे आलू, प्याज, तिलहन, दलहन के दाम आसमान छू रहे हैं इन बढ़ी हुई कीमतों के चलते आज आम जनता में हाहाकार मचा है। कोरोना की वजह से लाखों लोग अपनी नौकरी और रोजगार खो चुके हैं। जो रोजगार में हैं उनके वेतन में कटौतियां हो रही हैं। ऐसे में आवश्यक वस्तुओं की बढ़ी कीमतें लोगों की जेबों पर डाका डाल रही हैं। आज अन्नदाता किसान, मजदूर, मध्यम वर्ग हर तबका इस बढ़ती मंहगाई से पीड़ित है।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि एक तरफ जहां अन्नदाता किसान भारतीय जनता पार्टी की किसान विरोधी नीतियों के चलते आर्थिक तंगी का शिकार है और आत्महत्या कर रहा है वहीं दूसरी तरफ जहां भाजपा सरकारों के एजेण्डे में किसान को कोई प्राथमिकता नहीं है वहीं भाजपा सरकार पूंजीपतियों को रेवड़ी बांट रही है। आज जिस प्रकार अन्नदाता किसानों पर बर्बर जुल्म भाजपा सरकार द्वारा किया गया है यह किसानों के लिए काले दिन के रूप में याद किया जायेगा। किसानों की पीठ पर पड़ी हर लाठी और पानी की बौछार भारतीय जनता पार्टी सरकार की ताबूत में अंतिम कील ठोंकने का काम करेगी।
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