कश्मीर में अवैध गिरफ्तारियों पर ब्रिटेन के बार और मानवाधिकार कमेटी ने लिखा मोदी को पत्र

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कश्मीर Published On :

सांकेतिक चित्र


इंग्लैंड और वेल्स की बार कॉउंसिल और बार मानवाधिकार कमिटी ने कश्मीर में हिरासत में लिए गए वकीलों और तीन हजार से अधिक नागरिकों की गैर क़ानूनी गिरफ़्तारी के मामलों की स्वतंत्र जांच के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।

मोदी को लिखे पत्र में इस विषय पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए बार कॉउंसिल और इंग्लैण्ड और व्लेस और मानवाधिकार कमेटी ने कहा है कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से घाटी में तीन हजार से अधिक नागरिकों की गैरकानूनी गिरफ़्तारी जिनमें बहुत से उच्चस्तरीय लीगल प्रोफेशनल के अलावा जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेजिडेंट मियां अब्दुल क़यूम और उनके पूर्व प्रेजिडेंट नज़ीर अहमद रोंगा भी शमिल हैं. पत्र में लिखा गया है कि करीब 300 अधिक कानून से जुड़े लोगों को हिरासत में लिया गया है।

पत्र में संयुक्त राष्ट्र की धारा 1990 का जिक्र करते हुए लिखा गया है कि इस नियम के अनुसार कानून से जुड़े लोगों को स्वतंत्र रूप से उनका काम करने देने से नहीं रोका जा सकता है।

दो पेजों के इस पत्र में बंदी बनाये गए वकीलों और कानूनविदों की सुरक्षा पर चिंता वक्त करते हुए उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने और इन मामलों की स्वतंत्र जांच की मांग की गई है। और इन मामलों की जांच के लिए एक स्वतंत्र जांच कमेटी को घाटी में जाने देने की मांग की गई है।


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