बीजेपी संकल्प-पत्र: तेजस्वी के 10 लाख की काट में 19 लाख नौकरी का दाँव, कोरोना सुई बोनस !


प्रो. मनोज झा ने कहा, विश्व में कोई भी ऐसा लोककल्याणकारी देश या राज्य नहीं है, जहाँ महामारी के खिलाफ के वैक्सीन को चुनावी घोषणापत्र में लाया गया हो. ऐसा करके बीजेपी ने अपनी संकीर्ण और तुच्छ समझ का परिचय दिया है. बिहार के लोगों ने बगैर किसी सरकार मदद के कोरोना की लड़ाई खुद लड़ी हैं.


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बिहार Published On :


बिहार में विपक्षी महागठबंधन के सीएम प्रत्याशी तेजस्वी यादव के दस लाख नौकरी के वादे का असर देखते हुए आज बीजेपी ने  जीतने पर बिहार में 19 लाख नौकरी देने और कोरोना का मुफ़्त टीका लगाने की घोषणा की है। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, संकल्प पत्र के नाम से बीजेपी का घोषणापत्र जारी करने ख़ुद पटना पहुँची थीं। विपक्ष ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा है कि महामारी के ख़िलाफ़ वैक्सीन को चुनावी घोषणापत्र में शामिल करने वाली बीजेपी दुनिया की पहली पार्टी है।

बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार, भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, नंद किशोर यादव और भूपेंद्र यादव आदि बीजेपी नेताओं के साथ निर्मला सीतारमण ने 5 सूत्र, 1 लक्ष्य और 11 संकल्पों वाले इस घोषणापत्र को जारी किया। ‘भाजपा है तो भरोसा है’ के नारे के साथ जारी संकल्पपत्र में बिहारवासियों को कोरोना का निशुल्क टीका, तकनीकी शिक्षा की हिन्दी भाषा में उपलब्धता, एक साल में 3 लाख शिक्षकों की नियुक्ति, अगले पांच वर्ष में आईटी हब ( IT HUB) बनाते हुए पांच लाख रोजगार की उपलब्धता, 50 हजार करोड़ रुपये की मदद से स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से एक करोड़ महिलाओं को स्वावलंबी बनाना, स्वास्थ्य क्षेत्र में 1 लाख नौकरी की उपलब्धता, दरभंगा में 2024 तक AIIMS का संचालन, दलहन की खरीद MSP दर पर, 2022 तक बिहार में 30 लाख पक्के मकान का निर्माण, मछली की उत्पादन में बिहार को नम्बर-1 बनाना, कृषि क्षेत्र में 10 लाख रोजगार सृजित करना जैसे मुद्दे शामिल हैं। .

तेजस्वी यादव के दस लाख रोज़गार के वादे पर हमला करते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि जिनके पास न दृष्टि है, न दिशा है, न नीति है और न ही नीयत, वे लोग रोजगार की रट लगाए घूम रहे हैं.

लेकिन विपक्ष ने बीजेपी के इस संकल्पपत्र का माखौल उड़ाया है। राजद नेता और राज्यसभा सांसद प्रो. मनोज झा ने प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि विश्व की सबसे बड़ी पार्टी (भाजपा) ने एक संकल्प जारी किया है. यह संकल्प तब आ रहा है, जब बिहार ने अपना विकल्प ढूंढ लिया है. उन्होंने कहा कि”‘नेता प्रतिपक्ष 10 लाख सरकारी नौकरी की बात एक नियत तिथि के अंदर कह रहे हैं। जबकि भाजपा के लोग कह रहे हैं कि 19 लाख रोजगार के अवसर के सृजन की सम्भावना तलाशी जाएगी। कौन-सा अवसर, 2014 के प्रधानमंत्री मोदी वाला 2 करोड़ रोजगार का ?”

प्रो. झा ने कहा, विश्व में कोई भी ऐसा लोककल्याणकारी देश या राज्य नहीं है, जहाँ महामारी के खिलाफ के वैक्सीन को चुनावी घोषणापत्र में लाया गया हो. ऐसा करके बीजेपी ने अपनी संकीर्ण और तुच्छ समझ का परिचय दिया है. बिहार के लोगों ने बगैर किसी सरकार मदद के कोरोना की लड़ाई खुद लड़ी हैं.

वहीं तेजस्वी यादव ने बीजेपी के संकल्प पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए अपनी एक सभा में कहा कि बिहार चुनाव के लिए भाजपा के पास कोई चेहरा नहीं है, इसलिए विजन डॉक्यूमेंट जारी करने के लिए वित्त मंत्री को आना पड़ा। जब वे यहाँ हैं, तो उन्हें पहले यह बताना चाहिए कि बिहार को विशेष पैकेज और विशेष राज्य का दर्ज़ा क्यों नहीं दिया ?

संकल्पपत्र जारी करते हुए केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले 15 साल के बिहार की जीडीपी बढ़ने की बात की थी जिस पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। सुरजेवाला ने कहा कि वह एक ऐसी आदरणीय महिला, जिन्होंने 10 प्रतिशत की देश की जीडीपी को में 23 प्रतिशत नीचे लाकर डूबो दिया । फिर भी वे जीडीपी पर ज्ञान दे रही हैं। निर्मला सीतारमण और भाजपा के लिए जीडीपी के मायने है- G-ज्ञान, D-देकर, P- प्रताड़ित करना अर्थात् ज्ञान देकर प्रताड़ित करना. उन्होंने कहा, ‘भाजपा का संकल्प पत्र झूठ का संकल्प पत्र है जिसे कूड़ेदान में डाल देना चाहिए।”