अमर उजाला ने 1982 के कामनवेल्थ की खबर आर्काइव से निकाल कर ज्यों की त्यों चिपका दी!

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दीपांकर पटेल 

स्मिथ के रोने पर भावुक होने वाले खेल पत्रकारों को अब रो देना चाहिए…अमर उजाला खेल के अमरत्व के भी पार जाकर खेल खबर निकाल कर ला रहा है…अमर उजाला की इस खबर को पढ़ने के बाद आप अपना माथा पीट लेंगे, हाइपरटेंशन होता होगा तो अभी हो जाएगा, पत्रकारिता पर उम्मीद से टकटकी लगाए होंंगे तो आंख बंद लेंगे, और हॉकी के खिलाड़ी हों ना हों घर में हॉकी पड़ी होगी तो उसे निकालने का मन करेगा।

कॉमनवेल्थ गेम 2018 शुरू होने में अभी चार दिन बाकी हैं लेकिन अमर उजाला खेल डेस्क वाले खेलप्रेमियों ने 1988 में स्वर्ग सिधार गये महान खिलाड़ी सैयद मोदी से 2018 के कॉमनवेल्थ में खेल शुरू होने से चार दिन पहले ही चमत्कारिक प्रदर्शन करवाकर उन्हें गोल्ड मेडल जितवा दिया है।
इस पत्रकारिता पर कोई हाय रे पत्रकारिता भी नहीं कह सकता।

ऐसा लगता है अमर उजाला में ना तो कोई पत्रकार बचा है ना कोई जानकार बचा है, बस कोई चमत्कार बचा है जिससे इसके न्यूजरूम में खबरें बन रही हैं और लोग उसे पढ़ रहे हैं।

(और चमत्कार पर ऐसा गुमान है कि खबर छपने के बाद अखबार का एक कर्मचारी मीडियाविजिल को चैट पर आकर चेताने के अंदाज़ में कहता है कि अब बहुत हो गया, अमर उजाला को ‘ट्रोल’ करना बंद करो: संपादक)

ये खबर गूगल सर्च में कॉमनवेल्थ लिखने पर टॉप में आ रही है। 29 मार्च 2018, शाम 8 बजकर सात मिनट पर ये खबर लिखी गई लेकिन 30 मार्च दोपहर करीब 12 बजे तक इस खबर में ना तो कोई सुधार हुआ ना तो खबर हटाई गई है।

गूगल एनालिट्क्स के हिसाब से amarujala.com पर हर महीने पांच करोड़ यूनीक विजिटर हैं। अमर उजाला अखबार हिंदी का तीसरा सबसे बड़ा अखबार है लेकिन खेल कवरेज के मामले में खेत होता रहा है।

इस खबर में सैयद मोदी को 2018 कॉमनवेल्थ में गोल्ड तो जितवाया ही गया, प्रकाश पादुकोण को पिछले खेल यानी 2014 कामनवेल्थ का गोल्ड मेडलिस्ट घोषित कर दिया। ऑनलाइन पर क्या पब्लिश हो रहा है, कोई देखने वाला नहीं।

अब खुलासा सुनिए! दरअसल किसी टाइपिस्ट ने अमर उजाला के आर्काइव से 1982 कॉमनवेल्थ की खबर निकाल कर बिना किसी बदलाव के 2018 में पब्लिश कर दी है। ये पूरी खबर 1982 कॉमनवेल्थ गेम्स की है जो क्वींसलैंड आस्ट्रेलिया में हुआ था जिसमें बैडमिंटन में सैयद मोदी और कुश्ती में रामचंद्र सारंग, महावीर सिंह, जगमिंदर सिंह और राजिंदर सिंह ने भारत की तरफ से स्वर्ण पदक जीता था। तीरंदाजी को भी पहली बार 1982 में ही कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल किया गया था।

अमर उजाला 2018 में आपको 1982 कॉमनवेल्थ की खबर पढ़वा रहा है। कौन कहता है आप टाइम ट्रैवल नहीं कर सकते, ये वेबसाइट्स आपको भूतकाल में पहुंचा देंगी। अमरउजाला.कॉम आपको भूतकाल की खबरें पढा़एगा, भारत को सबसे पहले गोल्ड मेडल जितवाकर लाइक बढ़ाएगा।

 


फेसबुक दीवार से साभार