भाकपा माले विधायक दल ने की लालू प्रसाद यादव की अविलंब रिहाई की मांग!

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राजनीति Published On :


भाकपा माले ने राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को अविलंब रिहा करने और उनके इजाल की उच्चतम व्यवस्था करने की मांग की है। भाकपा माले विधायक दल ने कहा कि गिरते स्वास्थ्य को देखते हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को अविलंब रिहा किया जाना चाहिए और उनके इलाज की उच्चतम व्यवस्था की जानी चाहिए। माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने अपनी सजा की आधी से अधिक अवधि जेल में काट भी ली है, इसलिए उन्हें बेल न देने का कोई मतलब समझ में नहीं आ रहा है।

आगामी 19 फरवरी से शुरू हो रहे बिहार विधानसभा के बजट सत्र को लेकर भाकपा-माले विधायक दल की एकदिवसीय बैठक आज पटना के छज्जूबाग स्थित भाकपा-माले विधायक में संपन्न हुई। इस बैठक में विधायक दल ने पहला प्रस्ताव लालू प्रसाद यादव की रिहाई का लिया। बैठक में माले राज्य सचिव कुणाल, विधायक दल के प्रभारी राजाराम सिंह, विधायक दल के नेता महबूब आलम व माले के पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेन्द्र झा शामिल थे। उनके अलावा बैठक में माले विधायक दल के उपनेता सत्यदेव राम, सचेतक अरूण सिंह, मनोज मंजिल, संदीप सौरभ, वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता, सुदामा प्रसाद, रामबलि सिंह यादव, महानंद सिंह, गोपाल रविदास और अजीत कुशवाहा भी शामिल हुए।

महबूब आलम ने विधायक दल की बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि बैठक में आगामी बजट सत्र में सरकार को सदन में घेरने पर चर्चा हुई। यह भी तय हुआ कि वामपंथी दलों व महागठबंधन के अन्य दलों के विधायकों के साथ इस पर जल्द ही चर्चा की जाएगी और इस पर एक राय बनाई जाएगी कि विधानसभा के भीतर सरकार की असफलता को कैसे कारगर तरीके से पर्दाफाश किया जाए।

उन्होंने कहा कि हम इस बात की गारंटी चाहते हैं कि विधानसभा में जनता के जरूरी सवालों पर चर्चा हो। हम विधानसभा के आगामी सत्र में मोदी सरकार द्वारा देश पर थोप दिए गए तीनों किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लाने की मांग करेंगे। साथ ही, दिल्ली की तर्ज पर बिहार में भी भाजपा-जदयू सरकार की बढ़ती तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी। आशा, रसोइया, शिक्षक आदि तबकों के सवालों को प्रमुखता से उठाया जाएगा.

माले विधायक दल ने कहा कि विधानसभा सत्र के पहले सभी विधायक अपने क्षेत्रों में जनसंवाद का कार्यक्रम चला रहे हैं और जनता से आए सवालों को एकत्रित कर रहे हैं। हम इन सवालों को सदन के अंदर मजबूती से उठायेंगे और सरकार को जवाब देने के लिए बाध्य करेंगे।