प्रकाश के रे साल 661 में इस्लाम के चौथे खलीफा हजरत अली की हत्या के करीब छह माह बाद जेरूसलम की अल-अक्सा मस्जिद में मजहब के बड़े-बुजुर्गों की मौजूदगी में मुआविया को…
विष्णु राजगढ़िया दिल्ली राज्य का वर्तमान घटनाक्रम देश की अभूतपूर्व परिघटना है। संवैधानिक तरीके से चुनी गई एक राज्य सरकार के साथ केंद्र का रवैया लोकतंत्र की बुनियाद पर गंभीर सवाल उठाता है।…
तन्मय त्यागी का कार्टून वार, हर रविवार….
अनिल यादव आखिर हम कब तक सदमें में रहेंगे! यह ख्याल अमेरिका के चीफ जस्टिस ऑलिवर वैन्डेल होल्मस जूनियर (1841-1935) का एक मुशाहिदा देखते हुए आया जो कुछ इस तरह है- “किसी नए अनुभव…
गिरीश मालवीय ‘एक बार जो मैंने कमिटमेंट कर दी उसके बाद में मैं अपने देशवासियों के हितो की भी परवाह नही करता’ यह कहना है हमारे पीएम नरेन्द्र मोदी का। सालो से…
विकास नारायण राय दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने लम्बी जद्दोजहद के बाद सुप्रीम कोर्ट में मोदी सरकार की मनमानी के विरुद्ध, लोकतंत्र की लड़ाई जीत ली है| लेकिन स्वयं अपनी पार्टी में…
रामशरण जोशी, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और टिप्पणीकार हैं। उन्होंने राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी लंबा वक़्त बिताया है। वे केंद्रीय हिंदी संस्थान के अध्यक्ष रहे और कई अन्य संस्थानों से भी जुड़ाव…
रवीश कुमार यह न तंज है और न व्यंग्य है। न ही स्लोगन बाज़ी के लिए बनाया गया सियासी व्यंजन है। रोज़गार के डेटा को लेकर काम करने वाले बहुत पहले से एक…
चंद्र प्रकाश झा ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ की प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की चाहत पर सरकारी विचार -विमर्श अब विधि आयोग को सुपुर्द कर दिया गया है। इस सांविधिक आयोग से विधि…
डॉ.आंबेडकर के आंदोलन की कहानी, अख़बारों की ज़़ुबानी – 21 पिछले दिनों एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में डॉ.आंबेडकर को महात्मा गाँधी के बाद सबसे महान भारतीय चुना गया। भारत के लोकतंत्र को एक आधुनिक…
प्रकाश के रे खलीफा उमर की अगुवाई में जेरूसलम फतह की इस्लाम के लिए क्या अहमियत थी, इसे वहां तैनात किये गये अधिकारियों की फेहरिस्त से समझा जा सकता है. मक्का के अभिजात्य…
एल. एस. हरदेनिया इस बात में कोई संदेह नहीं कि आपातकाल हमारे देश के इतिहास के एक काले अध्याय के रूप में हमेशा याद रखा जाएगा। आपातकाल के दौरान लोकतंत्र और लोकत्र की…
तन्मय त्यागी का कार्टून वार….हर रविवार…
रविंदर गोयल पिछले कुछ दिनों से एक दिलचस्प नज़ारा देखने को आ रहा है. चोर मचाये शोर की तर्ज़ पर वर्त्तमान में अघोषित इमरजेंसी के सूत्रधार, इमरजेंसी और उसके कुकर्मों पर इतना जोर…
दास मलूका कौन हैं, यह जानने से ज़्यादा अहम यह जानना है कि हमारे समय में ऐसे लोग हैं जो दास मलूका जैसी दृष्टि रखते हैं। यह दृष्टि हमें उस ‘गोपन’ की यात्रा…
रामशरण जोशी, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और टिप्पणीकार हैं। उन्होंने राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी लंबा वक़्त बिताया है। वे केंद्रीय हिंदी संस्थान के अध्यक्ष रहे और कई अन्य संस्थानों से भी जुड़ाव…
विकास नारायण राय एमएचए यानी केन्द्रीय गृह मंत्रालय के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा को लेकर तमाम राज्यों को भेजे गए ताजातरीन निर्देशों को मीडिया में बाकायदा प्रचारित किया जा रहा है।…
चंद्र प्रकाश झा भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा सारे क्रियाकलाप पर अगले आम चुनाव की जरूरतें हावी हो गई हैं। भाजपा का जम्मू -कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ( पीडीपी ) के…
डॉ.आंबेडकर के आंदोलन की कहानी, अख़बारों की ज़़ुबानी – 20 पिछले दिनों एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में डॉ.आंबेडकर को महात्मा गाँधी के बाद सबसे महान भारतीय चुना गया। भारत के लोकतंत्र को एक आधुनिक…
चश्मदीद पत्रकार की कहानी, इमरजेंसी की कहानी- 3 सुशील कुमार सिंह फिर हमने इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी देखी। इससे पहले किसी ने इस घटना की कल्पना भी नहीं की होगी, हालांकि…
चश्मदीद पत्रकार की ज़बानी, इमरजेंसी की कहानी-2 सुशील कुमार सिंह सब तरफ अब इमरजेंसी की कहानियां थीं। आजादी के बाद देश इन्हें पहली बार सुन रहा था। कितने लोग पकड़े…
प्रकाश के रे खलीफा उमर का जेरूसलम में दाखिल होना इस लिहाज से भी बेहद अहम था कि इस जीत में खून-खराबा नहीं हुआ. इस पवित्र शहर पर कब्जे की पिछली लड़ाइयों में…
चश्मदीद पत्रकार की ज़ुबानी, इमरजेंसी की कहानी.. सुशील कुमार सिंह दिल्ली की शक्ल बदलने में सबसे ज्यादा तीन चीजों का हाथ रहा है। एशियाड 1982, मेट्रो का आगमन और 2010 के…
अनिल यादव अचानक पब्लिक फुटबाल खेलने लगी है. इसके पहले से मोदी-राहुल, हिंदू-मुसलमान, बैंक-नोट-सरकार, हत्या और गाय आदि खेले जा रहे हैं. किसी भी खेल की तरह इन खेलों मे भी पब्लिक की…
हर रविवार, पोलिटकल कार्टूनिस्ट तन्मय त्यागी का कार्टून वार….