ज्यादातर अखबारों ने अभिनंदन के वापस आने की खबर को ही बनाया है
घाट घाट का पानी के इस अंक में नामवर सिंह को श्रद्धांजलि
महामना की यूनिवर्सिटी में ऐसा गया गुज़रा प्रोफेसर होगा, हमने कल्पना नहीं की थी।
सरकार से सवाल पूछना पाप है और अगर आपने ऐसा किया तो आप सबसे बड़े पापी।
गणपत सिंह वसावा ने कहा है कि पुलवामा हमला का बदला लेने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ तत्काल जवाबी कार्रवाई जरूरी है, चाहे इसके लिए आगामी लोक सभा चुनाव विलंब से कराने पड़ें।
गरीबों की संख्या बढ़ने लगे तो गरीबी रेखा को नीचे ले जाइये, जी.डी.पी.का डाटा परेशान करे तो उसे संशोधित कीजिये, केवल अपने कार्यकाल के आंकड़े बढ़ाने का विकल्प ही नहीं है, पिछली सरकारों…
भाइयों बहनों दिल्ली की सल्तनत के पास इसका जवाब नहीं है। इसके लिए 56 इंच का सीना चाहिए।
आम तौर पर गर्र-गुर्र जैसी लगने वाली ऐसी भाषा कार्टून के कैरेक्टर बोलते हैं। मगर यह भारत के सीएजी की भाषा है।
अफ़ज़ल गुरु की फांसी के छह साल बाद उनकी पत्नी और बेटे का हाल
संपादक रहते हुए शशि शेखर जी ने जज लोया, एन राम की रफाल जैसी कितनी ख़बरें की या करवाईं ?
मौजूदा 16 वीं लोकसभा की पहली बैठक चार जून 2014 को हुई थी। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, पांच वर्ष का उसका निर्धारित कार्यकाल तीन जून 2019 को स्वतः समाप्त हो जाएगा।
प्रिंयका की छवि बीजेपी ने ही अपनी आलोचना से इतनी रहस्मयी और जादुई बना दिया कि प्रियंका के बारे में जानने के लिये वोटरो में भी उत्सुकता जाग गई।
गिरीश मालवीय देश की सबसे बड़ी ऑडिट एजेंसी सीएजी ने रॉफेल सौदे पर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंप दी है। दो भागों में यह रिपोर्ट संसद में पेश की जाएगी। रॉफेल…
क्या आपने रक्षा ख़रीद की ऐसी कोई डील सुनी है जिसकी शर्तों में से किसी एजेंसी या एजेंट से कमीशन लेने या अनावश्वयक प्रभाव डालने पर सज़ा के प्रावधान को हटा दिया जाए?
दास मलूका अखंडानंद त्रिपाठी ने एक बार फिर मुन्ना को फटकारा- “विशुद्ध चूतिए लड़के हो तुम” लेकिन मुन्ना हैं कि हर फटकार से बेअसर। तय कर लिया है तो तय कर लिया है…
अस्सी का सांस्कृतिक असर शहर के जीवन में नगण्य था, जबकि दी रेस्त्रां के अड्डे दशकों तक शहर के राजनीतिक व सांस्कृतिक जीवन पर असर डालते रहे
उनकी लिखी एकमात्र किताब ‘यादों की रोशनी में’ पेरिन के अपने जज्बे, अपनी जीजीविषा की भी कहानी है
उन्होंने दशकों पहले बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से पी.एच.डी. की थी और उसके बाद उन्होंने अनेक पुस्तकों और लेखों का हिंदी अनुवाद किया जिसका प्रकाशन साहित्य अकादमी ने किया
कयास हैं कि राहुल गांधी अमेठी से पलायन तो नहीं करेंगे लेकिन वह महाराष्ट्र के नांदेड़ अथवा मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से भी लोक सभा चुनाव लड़ सकते हैं
वह आज़ादी के आंदोलन से उभरे विरल प्रजाति के एक प्रतिनिधि थे, जो अब राजनीतिक जीवन में नहीं दिखते हैं
जिस हिंदू महासभा की नेता ने कल गांधी के पुतले को गोली मारी, उसी के नेता गोडसे ने बापू को गोली मारी थी
पूर्वोत्तर भारत में भाजपा के चुनावी मंसूबों में नागरिकता विधेयक अड़चन डाल सकता है
अगर खोने का डर न हो तो ऐसे दोस्त ही ज़िंदगी को जीने लायक बनाते हैं. बनाते हैं, फिर खो जाते हैं
संविधािन में अंतरिम बजट जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। बस वोट ऑन अकाउंट होता है।
जागरण की सूत्रों वाली पत्रकारिता के कारण भ्रम है और मजेदार यह है कि ‘सूत्र’ जागरण का होता तो मैं भी उसके सूत्रों की खबरों के आधार पर अटकल लगाता। लेकिन इस बार…