मालचा महल यानी किसी ज़माने की शिकारगाह, जिसे 1985 में बेगम विलायत महल ने अपनी रिहाइश बनाया था। यह खंडहर भारत की संसद और राष्ट्रपति भवन से बमुश्किल तीन किलोमीटर दूर है जहां पिछले दिनों बेग़म के सुपुत्र यानी अवध के आखिरी नवाब गुरबत और जि़ल्लत की मौत मर गए।