अख़बारनामा: राहुल ने पुजारी को बताया था गोत्र, अख़बारों ने पहले पन्ने पर तान दिया !

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संजय कुमार सिंह


मंदिर और धर्म की घटिया राजनीति करने वाले सत्ता में आए तो मंदिर बनाना भूल गए और जनेऊ व गोत्र पर उतर आए। इसका विरोध करने की बजाय मीडिया ने ऐसे सवालों को हवा दी और जिसे राजनीति करनी है वो तो जवाब देगा ही। लिहाजा जनेऊ, मानसरोवर के बाद राहुल गांधी ने अपना गोत्र भी बता दिया है और अखबार वाले इसे पहले पन्ने पर छापने का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। मेरे ख्याल से राहुल गांधी गलत कर रहे हैं। राहुल गांधी को कहना चाहिए कि पिता की तरफ से मैं पारसी हूं और पारसियों में जो होता हो सो है। मां और दादी की तरफ से भी जो हूं सो हूं। या फिर मेरा गोत्र वही है जो वरुण गांधी का है। अगर वरुण का गोत्र मुद्दा नहीं है तो राहुल का क्यों होना चाहिए?

राहुल को गोत्र बताने की चुनौती में कुछ नया नहीं है और वास्तविक स्थिति सबको पता है। आखिर राहुल गांधी का परिवार कोई आम परिवार तो है नहीं। खुद प्रधानमंत्री ही उन्हें नामदार कहते हैं तो क्या जरूरत है कि राहुल सर्वविदित सवालों का जवाब देने में पड़ें। उन्हें तो पूछना चाहिए कि आप में से किसी के यहां उस जमाने में अंतरजातीय या अंतरधार्मिक शादी हुई हो तो बात करो नहीं तो “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” – करते रहो और बलात्कारियों को संरक्षण देते रहो। पर राजनीति इतनी आसान भी नहीं है और राहुल वही कर रहे हैं जो भाजपा उनसे करवा रही है। मीडिया मजे ले रही है।

वैसे तो, तीर्थ और धार्मिक यात्राएं निजी होनी चाहिए पर मीडिया से कौन बचा है। राहुल की पुष्कर यात्रा कल सोशल मीडिया पर भी छाई हुई थी। आज दैनिक भास्कर ने तो इसे लीड ही बना दिया है। फ्लैग शीर्षक है, “पुष्कर में मिला साल का सबसे बड़ा जवाब”… मुख्य शीर्षक है, “पूजा में बोले राहुल …. मैं कौल ब्राह्मण ….., दत्तात्रेय मेरा गोत्र”। दैनिक भास्कर ने आज बहुत कम शब्दों की खबर को लीड बनाया है। पूरी खबर और उसपर शाहनवाज हुसैन की (जी हां, संबित पात्रा की नहीं) प्रतिक्रिया पढ़ने लायक है। इसलिए भी कि इसमें कुछ नया नहीं है फिर भी जो है वह लीड है। गोत्र बताने की चुनौती देने वाली पार्टी के दूसरे प्रवक्ता की टिप्पणी के बावजूद।

पुष्कर डेटलाइन से भास्कर न्यूज की खबर इस प्रकार है, “कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को पुष्कर पहुंचे। यहां सरोवर की पूजा की तथा ब्रह्मा जी की आरती भी उतारी। इस दौरान अपना गोत्र कौल दत्तात्रेय बताकर विरोधियों के सवाल का जवाब दे दिया। पुश्तैनी पुरोहित ने राहुल गांधी से संकल्प दिलाते हुए अपना नाम व गोत्र का उच्चारण करने को कहा। इसपर राहुल ने अपना नाम बोलते हुए गोत्र कौल दत्तात्रेय का उच्चारण किया। पुरोहित राजनाथ कौल का कहना है कि राहुल कश्मीरी ब्राह्मण हैं उनका गोत्र कौल दत्तात्रेय है। पूजन के दौरान उन्होंने अपने गोत्र का उच्चारण किया। वही गोत्र उनकी बही में लिखा हुआ है। उनके दादा फिरोज गांधी के पुष्कर आने का कोई प्रमाण बही में दर्ज नहीं है। उनकी दादी इंदिराजी और पिता राजीव दोनों ही दत्तात्रेय गोत्र बताते थे।”

अखबार ने इसके साथ भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन की टिप्पणी भी प्रकाशित की है, शाहनवाज बोले – “हमें पता है, वह तो फिरोज गांधी के पौत्र हैं और फिरोज गांधी कश्मीरी पंडित नहीं थे। राहुल को चुनाव आते ही गोत्र, मजहब की याद आती है जबकि यही लोग हिन्दू आतंकवाद और भगवा आतंकवाद जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर माहौल बिगाड़ते हैं।” शाहनवाज की बातों से लग रहा है कि राहुल को जवाब उसी वक्त देना था जब उनसे पूछा गया था। रैपिड फायर राउंड के जवाब की तरह।

नवोदय टाइम्स में भी यह खबर पहले पेज पर है। शीर्षक है, “राहुल ने बताया अपना गोत्र – दत्तात्रेय..। उपशीर्षक है, “पुष्कर में पुजारी ने पूछा था” और “अजमेर में दरगाह पर भी चढ़ाई चादर”.. नवभारत टाइम्स में आज खबरों के पहले पेज पर खूब विज्ञापन है और यह खबर पहले पेज पर नहीं है। वैसे भी, नवभारत टाइम्स ने आज फर्जी कागज पर पासपोर्ट बनाने की अपनी एक्सक्लूसिव खबर को लीड बनाया है। नभाटा ने इस खबर को राज्यों में चुनाव और देश की खबरों के पेज पर तीन कॉलम में लगाया है। दैनिक हिन्दुस्तान में यह खबर पहले पेज पर नहीं है। दैनिक हिन्दुस्तान ने इसे चुनावी खबरों के पन्ने पर चुनावी खबरों के साथ ही छापा है।

दैनिक जागरण का पहला पेज भी विज्ञापनों से भरा है और पहले पेज पर यह खबर नहीं है। लेकिन खबरों के दूसरे पहले पेज पर यह खबर पांच कॉलम में है। जागरण ने इसे जाति व धर्म की राजनीति के तहत पांच कॉलम में छापा है। “कांग्रेस अध्यक्ष ने पुष्कर में विधिवत पूजा अर्चना की, इससे पहले ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत कर मांगी जीत की दुआ” फ्लैग शीर्षक है। मुख्य शीर्षक है, “राहुल गांधी बोले – कौल ब्राह्मण हूं, दत्तात्रेय गोत्र है मेरा”… राजस्थान पत्रिका में यह खबर पहले पेज पर नहीं है। अमर उजाला में यह खबर पहले पेज पर तो है, लेकिन छोटी सी। और छोटी-छोटी दो अन्य खबरों के साथ दो कॉलम के शीर्षक में फोटो के साथ है। अंग्रेजी अखबारों में जो मैं देखता हूं उनमें यह पहले पन्ने पर नहीं है।

 

लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।