जालान समिति के हाल के सुझाव भारतीय रिजर्व बैंक की बरबादी का सबब बन सकते हैं। जिनको पता न हो वे जान लें कि पूर्व आरबीआइ गवर्नर बिमल जालान के नेतृत्व वाली समिति…
आजादी के 72 वर्षों के दौरान लोकतंत्र किस रूप में विकृत हुआ है, अगर इसे देखना और समझना हो तो बुलंदशहर में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या को याद किया जा सकता है।…
पुलिस ने दबंगों से कहा- घबराओ मत, हम इसे तब तक मारेंगे जब तक डंडा न टूट जाए। -राजकुमार गोंड, 34 वर्ष, ग्राम-चौका भुसौला, थाना चोलापुर, जिला वाराणसी यह घटना 22 फरवरी 2018…
हाल में ही आयी एक खबर से अमेरिकी शेयर बाज़ार में गिरावट दर्ज़ हुई। अमेरिकी ट्रेजरी का यील्ड कर्व अस्थायी रूप से बुधवार, 14 अगस्त को उलट गया। इस घटना को यील्ड कर्व…
अब यह बात स्थापित हो चुकी है कि भारत मंदी की चपेट में आ रहा है। तमाम उद्योगपतियों से लेकर बड़े औद्योगिक घरानों तक ने बयान जारी कर इस विषय पर सरकार का…
भारत में सैटेलाइट चैनल का पिछला बीस साल देश का भाग्यविधाता रहा है। हमारे देश की लंबी बौद्धिक परंपरा के लिए यह सबसे खतरनाक और चुनौती भरा दौर रहा है। जैसे-जैसे टेलीविजन चैनलों…
सार्वजनिक मामलों के प्रति उदासीनता की कीमत है दुष्ट पुरुषों द्वारा शासित किया जाना -प्लेटो किस बात की शुभकामना देना उचित है यह भी विचारणीय हो चला है। आज़ादी पर शुभकामना…
आज से लगभग 22 साल पहले, 1997 में प्रसिद्ध अकादमिक रॉबिन जेफ्री ने प्रतिष्ठित पत्रिका इकनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली (ईपीडब्लू) में भारत के समाचारपत्रों पर 11 खंड में ‘इंडियन लैंग्वेजेज़ न्यूज़पेपर्स’ नाम से…
सोनभद्र के घोरावल से करीब 25 किलोमीटर दूर उम्भा गांव में 16 जुलाई, 2019 को हुई गोलीबारी की आपराधिक घटना को महीना भर होने आ रहा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आज वहां…
उतरते सावन की बरसात ने हाल-बेहाल कर रखा है। मोहल्ले में घंटों से बिजली गुल है। उमस के मारे, लोग बेचारे गली के नुक्कड़ पर जमा हैं। मोहल्ला महासभा में अनुच्छेद 370 की…
जब हथियारों के सौदे लाभ-उन्मुख हो जाते हैं, तो वे युद्ध के माध्यम से लाभ जारी रखने के लिए संघर्ष को बढ़ावा देते हैं भारतीय अर्थव्यवस्था जहां पूरी तरह से वैश्विक बाज़ारों से…
शाखा बाबू एक बार फिर बालाकोट मोड में हैं। एक्साइटमेंट का पारावार नहीं है। भूलता जा रहा जुमला फिर याद आ रहा है… अकेले-अकेले मुस्कियाते हैं, कुछ-कुछ बुदबुदाते हैं, लेटे-लेटे अपना हाथ चमकाते…
1991-1992 के बजट भाषण को तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने फ्रांसीसी उपन्यासकार विक्टर ह्यूगो के एक उद्धरण के साथ समाप्त किया था: “पृथ्वी पर कोई भी शक्ति एक विचार को नहीं रोक…
पिछले हफ्ते को कई बातों के लिए याद किया जा सकता है और अगर न चाहें तो याद करने योग्य कुछ भी नहीं हुआ है। उदाहरण के लिए, देश के 49 कलाकार व…
खालिस्तान आंदोलन के लिये भिंडरावाले का समर्थन किया जाना पार्टी विशेष के राजनीतिक स्वार्थ साधने का तरीका था, लेकिन उसके कारण हुई हिंसा ने यह साबित किया कि साम्प्रदायिक उन्माद एक ऐसे जिन्न…
सोलहवीं लोकसभा के चुनाव में मुसलमान सांसदों की संख्या 22 से बढ़कर 27 हो गयी है। फिर क्या माना जाए कि देश पुराने समय में लौट आया है और भाजपा अब मुसलमानों के…
“मेरी अम्मी बावली होकर सबसे पूछती है कि मेरा बेटा इरशाद कब वापस आएगा?” फर्जी एनकाउंटर में मारे गए इरशाद की बहन सायबा का यह बयान सुन कर दिल में एक अजीब सा…
इतिहासकार रोमिला थापर ने ‘भारत का इतिहास’ में लिखा था कि भारत कई शताब्दियों में एक साथ जीता है। संदर्भ बिल्कुल अलग है लेकिन भारतीय मीडिया घरानों के क्रिया-कलापों को देखें तो आप…
“ई मिसरा है तो भरतौल कइसे है यार?” “भरतौल…? इ का होता है?” बरेली के विधायक की भागी हुई लड़की पर बहस बनारस के गैर पंजीकृत ब्राह्मण महासभा की पंचायत में राजा घाट के…
बुद्धिजीवियों ने धर्म पर काफी कुछ लिखा-बोला पर है पर मौजूदा स्थिति में वे आम जन से संवाद स्थापित नहीं कर पा रहे हैं। संवेदनशील मुद्दों पर घर के बाहर “खुले में” बात…
हमारे समाज का तथाकथित प्रगतिशील तबका एक साथ कई आवरणों में जीता है। कभी आपको लग सकता है कि महिलाओं के मामले में वह काफी रैडिकल पोजीशन लेकर खड़ा है लेकिन जब बात…
[मलूका इधर बहुत बिजी रहे। मंत्रियों को चार्ज-वार्ज दिलवाना था। कश्मीर पर शाह जी का भाषण कराना था। मोदी जी से उसको ट्वीट कराना था। न शाखा बाबू के घर जा सके, न…
किसी भी देश या फिर इलाके के विकास के लिए ज़रूरी है कि गर्भवती औरतों और नवजातों की मौत को कम किया जाय, किन्तु कॉर्पोरेटपरस्ती के लिए चलाये जा रहे आर्थिक विकास के अजेंडे…
हमारी संस्कृति का ताना-बाना पूरी तरह धर्म के इर्द-गिर्द बुना हुआ है। कई मायनों में यह जुड़ाव इस हद तक है कि धर्म और संस्कृति का भेद न के बराबर है। देश की…
पिछली बार मैंने स्वतंत्र भारत के 72 साल के इतिहास में जिन पांच-छह बड़ी घटनाओं का जिक्र किया था, उसमें इमरजेंसी के अलावा 1984 के सिख विरोधी दंगे, मंडल आयोग को लागू किया…