चुनाव चर्चा: केरल के लाल गढ़ में भाजपा की खाली-पीली गर्जना!


टाइम्स नाउ-सी-वोटर के हालिया पोल सर्वे के अनुसार केरल में सीपीएम के सत्तारूढ़ एलडीएफ के विधान सभा चुनाव में कुल 140 सीटों में से 82 सीटों पर जीतने की संभावना है. कांग्रेस का यूडीएफ 56 सीट जीत सकता है. भाजपा एक सीट जीत सकती है.एलडीएफ की जीतीं सीटे पिछली बार से 9 कम हो सकती है पर वह कुल 82 सीट जीत कर राज्य में सबसे बड़ा मोर्चा बना रहेगा. यूडीएफ को 56 सीटों पर जीत मिलने की संभावना है, जो उसकी पिछली बार जीती सीटों से 9 ज्यादा होगी.एक सीट अन्य के खाता में जाने की संभावना है।


चन्‍द्रप्रकाश झा चन्‍द्रप्रकाश झा
काॅलम Published On :


विश्व में सान मरिनो के बाद भारत में पहली बार 1957 में जब केरल में ईएमएस नम्बूदरीपाद (ईएमएस) के नेतृत्व में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित कम्युनिस्ट सरकार का गठन हुआ तब देश के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेह्ररू थे. ये जगजाहिर है. जो बात इतिहास के पन्नों में दब सी गई वो ये कि एक ओर तो साम्यवादी सियासत ने स्वतंत्र भारत में लाल परचम लहरा दिया, दूसरी तरफ  ‘इंडिया दैट इज भारत’ में लोकतंत्र की बुनियाद मजबूत करने में लगे पंडित नेहरू की इकलौती संतान इंदिरा गांधी ने अपने पिता के जीवनकाल में ही 1959 में कांग्रेस अध्यक्ष बन देश में खानदानी सियासत की वो नीव डाल दी जो नेहरू-गांधी डायनेस्टी के रूप में आज भी कायम है. 

इंदिरा गांधी की बड़ी पुत्रवधू सोनिया गांधी अभी कांग्रेस अध्यक्ष हैं. 1991 में लिट्टे के आत्मघाती हमलावरों ने तमिलनाडु में चुनाव प्रचार के दौरान उनकी हत्या कर दी थी. गाँधी परिवार कुछ वर्ष राजनीति से बाहर रहा पर आपसी गुटबाज़ी में जूझ रहे कांग्रेस दिग्गज सोनिया गाँधी को राजनीति में ले ही आये. वे कांग्रेस अध्यक्ष चुन ली गयीं. बाद में 2004 में राहुल गाँधी ने भी चुनावी राजनीति में पदार्पण किया और अमेठी से सांसद बने जो कभी राजीव गाँधी का संसदीय क्षेत्र था। राहुल ने भी पार्टी अध्यक्ष पद संभाला लेकिन 2019 में मिली हार के बाद इस्तीफ़ा देकर अलग हो गये. सोनिया गाँधी को फिर अंतरिम अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी संभालनी पड़ी। उनकी बेटी प्रियंका गाँधी भी राजनीति में पूरे दम से सक्रिय हैं जो राबर्ट वढेरा से शादी के बाद अपना नाम प्रियंका गाँधी वढेरा लिखती हैं. राहुल गाँधी, कांग्रेस की तमाम कमज़ोरी के बावजूद नरेंद्र मोदी के सबसे प्रबल प्रतिद्वंद्वी हैं जो पीएम पद संभालने के लिए तैयार होने की तस्दीक कर चुके हैं.

राहुल गांधी अभी केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य हैं. वह 2019 का लोकसभा चुनाव अमेठी से भी लडे थे पर केंद्रीय मंत्री स्मृति (मल्होत्रा) ईरानी से परास्त हो गये थे. 

 

नेहरू-गांधी डायनेस्टी

नेहरू-गांधी डायनेस्टी का केरल की सियासत के संदर्भ में एक और बात कुछ दब सी गई है. वो ये कि लिजेंड्री कम्युनिस्ट ईएमएस की केरल में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को 1958 में केंद्र सरकार ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष इंदिरा गांधी के ही इशारे पर बर्खास्त करके वहाँ राष्ट्र्पति शासन लागू कर दिया था. कहते हैं पंडित नेहरु ने ईएमएस सरकार की बर्खास्तगी में आनाकानी की थी पर वह अपनी बेटी के जोर देने पर मान गये. यह भी इतिहास के पन्नो में दर्ज है कि ईलम्कुलम मनक्कल शंकरन नम्बूदरिपाद (13 जून 1909 –19 मार्च 1998) मुख्यमंत्री पद से अपनी बर्खास्तगी के बाद 1967 में कराये गये नये विधानसभा चुनाव में वाममोर्चा की  जीत के बाद फिर मुख्यमंत्री बने. केंद्रीय सत्ता पर काबिज कांग्रेस ने केरल में कम्युनिस्ट सरकार को इस बार बर्दाश्त कर लिया. 

इस लगभग शत-प्रतिशत शिक्षित राज्य में चुनावी सियासत, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी यानि सीपीएम के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के बीच ही घूमती है. मोदी जी की भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) का केरल की सियासत में दखल नगण्य है. वर्ष 2016 के पिछले चुनाव में भाजपा एक सीट जीतने में कामयाब हो गई. इस बार के चुनाव में भी टाइम्स नाऊ– सी वोटर के हालिया सर्वे के अनुसार भाजपा के एक ही सीट जीतने की सम्भावना है. 

 

टाइम्स नाउ-सी-वोटर पोल सर्वे

टाइम्स नाउ-सी-वोटर के हालिया पोल सर्वे के अनुसार केरल में सीपीएम के सत्तारूढ़ एलडीएफ के विधान सभा चुनाव में कुल 140 सीटों में से 82 सीटों पर जीतने की संभावना है. कांग्रेस का यूडीएफ 56 सीट जीत सकता है. भाजपा एक सीट जीत सकती है.एलडीएफ की जीतीं सीटे पिछली बार से 9 कम हो सकती है पर वह कुल 82 सीट जीत कर राज्य में सबसे बड़ा मोर्चा बना रहेगा. यूडीएफ को 56 सीटों पर जीत मिलने की संभावना है, जो उसकी पिछली बार जीती सीटों से 9 ज्यादा होगी.एक सीट अन्य के खाता में जाने की संभावना है।

सर्वे में पिनराई विजयन सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री बताये गए हैं जिन्हें 38 फीसद वोटरों ने अपनी पहली पसंद बताया. ऊमन चांडी, लोकप्रियता चार्ट में 28.3 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद के आधार पर दूसरे नंबर पर हैं. केरल के मुख्यमंत्री पद के एक अन्य दावेदार और तिरुवनंतपुरम की एक सीट से मौजूदा लोक सभा सदस्य शशि थरूर को 5.8 प्रतिशत लोगों ने अपनी पहली पसंद बताया. पूर्व मुख्यमंत्री एके एंटनी को 2.2 प्रतिशत लोग मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। सर्वे में 36.36 प्रतिशत लोगों ने केरल की विजयन सरकार के कामकाज पर संतोष और 21.99 प्रतिशत लोगों ने असंतोष व्यक्त किया. मुख्यमंत्री के रूप में विजयन को 42.34 प्रतिशत लोगों ने सराहा है. 

 

भाजपा का भगवा चेहरा ‘मेट्रोमैन’ श्रीधरन

88 बरस की आयु में सियासत में कूद पड़े ईलत्तुवलापिल श्रीधरन को भाजपा ने नई सरकार के मुख्यमंत्री पद के लिए अपना दावेदार घोषित कर दिया है.इस वय में सियासत में आने का औचित्य पूछे जाने पर उन्होंने कहा: मैंने देश की कई परियोजना में काम किया है. इस उम्र में भी काम करने मेरे अंदर पर्याप्त ऊर्जा है. मैं केरल के विकास के लिये काम  करना चाहता हूँ.इसलिए भाजपा में शामिल हो गया.मानसिक रूप से मैं बहुत अलर्ट हूँ. मेरा स्वास्थ्य दुरुस्त है. 

वह इसका साफ जवाब नहीं दे सके कि उन्होंने भाजपा से चुनाव लड़ने के लिए सीट अपने शहर, पोन्नानी के निकट ही देने क्यों कहा है?  उन्होंने 18 फरवरी को भाजपा में शामिल होने की घोषणा की थी. वह 25 फरवरी को भाजपा के केरल प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन की उपस्थिति में इस पार्टी में शामिल हो गये. उन्होने इस मौके पर गदगद भाव से कहा: यह उनके जीवन का महान क्षण है. 

 

अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तिरुवनंतपुरम में एक जनसभा में श्रीधरन जी की मौजूदगी में चुनावी बिगुल फूंक कर कहा: केरल , भगवान पद्मनाभ की भूमि है लेकिन यह भ्रष्टाचार और राजनीतिक हिंसा की ‘बीमारू भूमि’ बन गई है. केरल विकास, पर्यटन, साक्षरता में देश में कभी सबसे आगे था. पर अब एलडीएफ और यूडीएफ राज में यहां भ्रष्टाचार और हिंसा का बोलबाला है. एलडीएफ और यूडीएफ में भ्रष्टाचार की प्रतिस्पर्धा है. यूडीएफ सत्ता में आती है तो सौर घोटाला होता है. एलडीएफ सत्ता में आती है तो डॉलर और सोने की तस्करी होती है. ये दोनों मोर्चा देश के लिए नहीं अपने वोट बैंक को लेकर चिंतित हैं. उन्होने तंज कसे :सीपीआई, एसडीपीआई और पीएफआई के साथ ‘इलू-इलू’ ( आई लव यू ) कर रही है. कांग्रेस ने इस चुनाव में मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन किया है.

गृह मंत्री ने कहा: मैंने सीएम विजयन का बयान देखा कि केंद्रीय एजेंसियों का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है. मैं उससे पूछना चाहूंगा: डॉलर तस्करी मामले में मुख्य आरोपी आपके कार्यालय में काम कर रहा था या नहीं? क्या आपकी सरकार ने उस आरोपी को 3 लाख वेतन दिया? आपने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हाई प्रोफाइल नौकरी दी या नहीं? सोना पकड़े जाने पर सीएमओ ने कस्टम ऑफिस पर दबाव बनाया या नहीं?

भाजपा की ‘केरल विजय यात्रा’ का जिक्र कर उन्होंने दावा किया कि करीब 950 किलोमीटर की इस यात्रा में 65 रैलियां हुई जिनमें श्रीधरन जी के साथ साथ अलावा हाईकोर्ट के कुछ रिटायर जज और कई अन्य लोग भाजपा में शामिल हुए. उन्होंने बीजेपी के चुनाव प्रचार के लिए नया नारा दिया : मोदी के साथ नया केरल. अमित शाह ने तिरुवनंतपुरम में श्रीरामाकृष्ण आश्रम  जाकर धार्मिक नेताओं से भेंट की.

भाजपा इस बार के चुनाव में अपनी ताकत बढ़ने का दावा कर रही है. उसने धार्मिक ध्रुवीकरण के लिए कई मुददे खडे किये हैं. लेकिन केरल में उसने गाय को मुद्दा नहीं बनाया, जिस पर मोदीराज में देश भर में  अन्यत्र  भाजपा और उसकी मातृ संस्था राष्ट्रीय स्वयमसेवक संघ (आरएसएस) वालो का हाथ होने के आरोप की मॉब लिंचिंग की अनगिनत घटनाएं हुई हैं. उसके कई उम्मीदवारो ने खुल कर वादा किया है कि वे चुनाव जीतने पर लोगो को उत्तम क्वालिटी का गोमांस की आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे। 

भाजपा ने केरल के अल्पसंख्यकों को रिझाने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मुहम्मद खान को राज्यपाल बनाया. यहाँ 

मुस्लिम और ईसाई राज्य की आबादी की करीब 48 फ़ीसदी हैं. अल्पसंख्यक समुदायों ने भाजपा को केरल की सत्ता से दूर ही रखा है. भाजपा अर्से से ईसाई समुदाय में अपनी पहुंच बढाने में लगी है. भाजपा ने केरल में भी साम्प्रदायिक घृणा का ‘लव जिहाद’ अभियान शुरू कर दिया. इसे ईसाई समुदाय को रिझाने में इस्तेमाल किया गया. भाजपा का ‘लव जिहाददुष्प्रचार वही है कि मुस्लिम युवक, हिंदू युवतियों को आकर्षित कर उन्हे विवाह के लिये इस्लाम धर्म कबूल करवाते हैं. हाल में मलंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियाई चर्च और दूसरे गुट जैकबाइट चर्च ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में मोहन भागवत के बाद तीसरे सबसे बड़े नेता मनमोहन वैद्य से फोन पर बातचीत की. वैसे बिशप थिओसोफिलोज़े और ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रवक्ता फादर अब्राहम कोनाट ने कहा कि संघ के नेता के साथ राजनीतिक चर्चा नहीं हुई. 

 

पिनरायी विजयन 

मुख्य्मंत्री विजयन का आरोप है कि केंद्र सरकार की एजेंसियो ने भाजपा का चुनाव प्रचार का काम अपने हाथ में ले लिया है. उन्होने अमित शाह के सारे आरोप खारिज कर पलटवार किया कि सोना की तस्करी तिरुवनंतपुरम इंटरनेश्नल एयर पोर्ट से हुई जो केंन्द्र सरकार के अधीन है. उनका कहना था: ‘अमित शाह हमें नसीहत न दे तो बेह्तर. कठघरे में हम नहीं बल्कि मोदी सरकार और भाजपा है.’

केरल विधान सभा चुनाव के लिए सभी सीटो पर एक साथ 6 अप्रैल को वोटिंग कराई जायेगी.वोटों की गिनती 2 मई को होगी. केरल के साथ ही  तमिलनाडु और पुडुचेरी में भी एक ही चरण में छह अप्रैल को मतदान कराया जायेगा. इन तीनों राज्यों के लिए 12 मार्च को चुनाव अधिसूचना जारी होगी. अधिसूचना जारी होने के दिन से 19 मार्च तक नामांकन पत्र दाखिल किए जा सकेंगे. केरल में करीब 2 करोड 60 लाख मतदाता हैं. 

देखना यह है कि भाजपा श्रीधरन जी को सीएम पद के लिये अपना दावेदार घोषित करने के बाद और क्या शिगूफा छोड्ती है. देखना तो ये भी है कि असम, बंगाल और तमिलनाडु में चुनाव के लिये आपसी गठ्बंधन कर चुकी कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियाँ केरल में एक दूसरे से कैसे लोहा लेती हैं

 

 

*मीडिया हल्कों में सीपी के नाम से मशहूर चंद्र प्रकाश झा 40 बरस से पत्रकारिता में हैं और 12 राज्यों से चुनावी खबरें, रिपोर्ट, विश्लेषण के साथ-साथ महत्वपूर्ण तस्वीरें भी जनता के सामने लाने का अनुभव रखते हैं।