ऑक्सीजन के लिए जान लड़ाने वाले श्रीनिवास से दिल्ली पुलिस ने की पूछताछ, कांग्रेस बोली-शर्मनाक

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कोरोना के हाहाकार के बीच यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.वी.श्रीनिवास फ़रिश्ता बन कर उभरे हैं। पत्रकारों से लेकर तमाम पार्टियों के नेताओं की अपील पर उन्होंने आक्सीजन सिलेंडर से लेकर रेमडिसिवर इंजेक्शन तक उपलब्ध कराया है। सोशल मीडिया पर उनकी जमकर वाहवाही हो रही है, लेकिन केंद्र की बीजेपी सरकार को ये सब पसंद नहीं आ रहा है। दिल्ली पुलिस ने यूथ कांग्रेस कार्यालय में जाकर बी.वी.श्रीनिवास से पूछताछ की। कांग्रेस ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जतायी है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने यूथ कांग्रेस के प्रति पूरा समर्थन जताते हुए कहा है कि ‘मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है।”

दरअसल, एक याचिका में आरोप लगाया गया है कि श्रीनिवास और उनकी टीम राहत सामग्री के अवैध वितरण में शामिल हैं। पिछले दिनों विदेशी दूतावासों ने भी श्रीनिवास से मदद माँगी थी। न्यूज़ीलैंड और फिलीपींस के दूतावासों में यूथ कांग्रेस कार्यकर्ता ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर पहुँचे थे जिससे मोदी सरकार की काफ़ी किरकिरी हुई थी। दूतावास भारत सरकार की जगह विपक्षी दल से मदद माँगें, ये वाक़ई किसी सरकार के लिए शर्मनाक होना चाहिए, लेकिन हालात कुछ ऐसे थे कि सरकार की साख से बड़ी साख श्रीनिवास की हो गयी।

बहरहाल, श्रीनिवास ने कहा, ‘हमने कुछ भी गलत नहीं किया। यदि हमारा छोटा सा प्रयास कोई जान बचाने में मदद करता है तो हमें ऐसी बातों से डरने की जरूरत नहीं है।’ उन्होंने एक वीडियो भी ट्वीट किया जिसमें यूथ कांग्रेस के लोग मदद में जुटे हैं।

 

उधर, कांग्रेस श्रीनिवास से हुई पूछताछ से भड़की हुई है। पार्टी के प्रवक्ता, रणदीप सुरजेवाला ने पूछा है कि क्या लोगों को आक्सीजन, इंजेक्शन या बेड की व्यवस्था करने में मदद करना अपराध है? ट्विटर पर डाले गये एक वीडियो में सुरजेवाला ने श्रीनिवास से हुई पूछताछ को शर्मनाक बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार को चुल्ली भर पानी में डूब मरना चाहिए। सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी के निर्देश पर यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता ऐसे ही काम करते रहेंगे।

 

 

दिलचस्प बात ये है कि संकट काल में लोगों की सेवा करने का दावा करने वाले आरएसएस या बीजेपी के कार्यकर्ता जनता के बीच नज़र नहीं आ रहे हैं जबकि कांग्रेस का युवा संगठन हर जगह सक्रिय नज़र आ रहा है। लोगों के बीच आरएसएस कार्यकर्ताओं की अनुपस्थिति चर्चा का विषय है।

 

 


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