इज़रायली स्पाइवेयर Pegasus की जासूसी के शिकार लोगों ने सरकार को लिखा खुला पत्र

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इज़रायली स्पाइवेयर पेगासस के माध्यम से व्हाट्सएप से जासूसी सम्बंधित सूचना प्राप्त कर चुके कुछ लोगों ने भारत सरकार को खुला पत्र लिखा है.

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गौरतलब है कि इज़रायली स्पाइवेयर पेगासस के माध्यम से भारत में मानवाधिकार कार्यकर्ता और आदिवासी क्षेत्रों में काम करने वाले वकील, दलित एक्टिविस्ट, भीमा-कोरगांव केस में आरोपी बनाये गए कार्यकर्ता, रक्षा मामलों पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार और दिल्ली विश्वविद्यालय के अध्यापकों सहित दो दर्जन से अधिक लोगों के फोन भारत में आम चुनावों के दौरान मई 2019 में इज़रायली स्पाइवेयर पेगासस के माध्यम से सरवेलांस यानी निगरानी पर थे और वॉट्सएप ने इन लोगों को इससे आगाह भी किया था.

लोकसभा चुनाव में सरवेलांस पर थे दो दर्जन पत्रकार-कार्यकर्ता : WhatsApp

इनमें से कुछ लोगों ने पूरे प्रकरण के बारे में मीडिया को बताया था. अब इस प्रकरण को लेकर सरकार को लिखे पत्र में हस्ताक्षरकर्ताओं ने कहा है -हम सभी पत्रकार, वकील, शिक्षाविद, लेखक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यकर्ता, छात्र और अन्य पेशेवर हैं, जो भारत के विभिन्न हिस्सों से आए हैं. हम भारतीय नागरिक समाज के विभिन्न क्षेत्रों में लगे हुए हैं.

सामने आए वे नाम जिनकी की गयी थी जासूसी, WhatsApp ने किया था आगाह

एक अज्ञात संस्था द्वारा हम सभी की निगरानी में हमारे अंतरंग विवरण, व्यक्तिगत वार्तालाप, वित्तीय लेनदेन आदि की जासूसी की जा रही है, जो बहुत ही परेशान कर रहा है. यह हमारे निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है, और न केवल हमारी सुरक्षा, बल्कि परिवार, दोस्तों, सहकर्मियों, ग्राहकों, स्रोतों आदि के हमारे विस्तारित नेटवर्क से भी समझौता है.

वास्तव में, इस तरह की व्यापक निगरानी पूरे समाज पर एक परेशान करने वाला प्रभाव पैदा करती है और विचारों और अभिव्यक्तियों के मुक्त आदान-प्रदान की हमारी लोकतांत्रिक परंपरा के खिलाफ है.

इस पत्र में इन लोगों ने सरकार से मांग की है कि इस जासूसी हमले से प्रभावित होने व एक जागरूक नागरिक होने के नाते सरकार के पास इस प्रकरण के बारे में जो भी जानकारी है उसे सामने लाया जाए कौन लोग इसमें शामिल हैं उनका नाम सार्वजनिक किया जाए.


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