भीख में मिली थी 1947 की आज़ादी वाले कंगना के बयान पर भड़के लोग!

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अपने अजीबों गरीब बयानों से विवादों में रहने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने महात्मा गांधी समेत स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों और बलिदान से मिली आज़ादी को भीक में मिली आज़ादी करार दे दिया। कंगना रनौत ने एक कार्यक्रम के दौरान आजादी को लेकर यह निंदनीय बयान दिया, जिसे लेकर बीजेपी सांसद वरुण गांधी, कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी व सुप्रिया श्रीनेत समेत पूर्व आईएएस और कई नेता कंगना पर भड़क गए है। वरुण गांधी ने कंगना पर स्वतंत्रता सेनानियों के अपमान का आरोप लगाया है।

1947 में भीख मिली थी आज़ादी नहीं..

दरअसल, कंगना ने एक कार्यक्रम में बयान दिया था कि रानी लक्ष्मीबाई, नेता सुभाष चंद्र बोस, सावरकर अगर मैं इन लोगों की बात करूं तो ये लोग जानते थे कि खून बहेगा लेकिन यह भी याद रखें कि हिंदुस्तानी-हिंदुस्तानी को खून नहीं बहाए। बेशक उन्होंने आज़ादी की कीमत चुकाई। लेकिन वह आज़ादी नहीं थी, वह भीख थी। हमें जो आज़ादी मिली थी वह 2014 में मिली थी। आपको बता दे कि 2014 वही साल जब बीजेपी की सरकार बनी थी। कंगना ने बीजेपी को स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान से मिली आज़ादी से भी ऊपर रख दिया। जिसे लेकर बीजेपी के ही संसद ने उन्हें अड़े हाथों लिया है।

पागलपन कहूँ या फिर देशद्रोह?

वरुण गांधी ने ट्वीट कर कंगना पर हमला करते हुए लिखा, ” कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार। वरुण ने कंगना का बयान शेयर करते हुए सवाल किया इस सोच को मैं पागलपन कहूँ या फिर देशद्रोह?

कांग्रेस और पूर्व आईएएस ने भी साधा निशाना..

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा- “हमारी आज़ादी को भीख कोई मानसिक रूप से विक्षिप्त असंतुलित ही कहेगा। वह आज़ादी जिसके लिए लाखों ने अपने प्राणों की आहुतियाँ दीं। ख़ैर उनसे और क्या आशा? लेकिन नाविका जी, आज़ादी के लिए इस्तेमाल किए गए इस सस्ते शब्द और वक्तव्य की आपने आलोचना क्यों नहीं की? या आपसे भी आशा बेकार है?” बता दे कि टाइम्स नाऊ के एक कार्यक्रम में जब कंगना ने यह विवादित बयान दिया तब एंकर नाविका कुमार ने जवाब में इस पर कहा कि- ‘इसलिए ही सब आपको कहते हैं कि आप भगवा हैं।’

पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ” इसलिए तो कहा था: यदि शोहरत मिले तो सोनू सूद बनना, कंगना नहीं।”

कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने इस बयान पर कहा,”ऐसे लोगों को पद्मश्री दिलाने वाले मोदी जी जवाब दें, क्या हम कुर्बानियों में मिली आजादी के 75वे वर्ष का जश्न मना रहे हैं, या आपके भक्तों के अनुसार भीख में मिली आज़ादी का?”

मणिकर्णिका का रोल निभाने वाली आर्टिस्ट आज़ादी को भीख कैसे कह सकती है?

वहीं, अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी कंगना के इस बयान की आलोचना की है। उन्होंने भी कंगना का वीडियो ट्वीट करते हुए साथ में लिखा, ‘मणिकर्णिका का रोल निभाने वाली आर्टिस्ट आज़ादी को भीख कैसे कह सकती है!!! लाखों शहादतों के बाद मिली आज़ादी को भीख कहना कंगना रनौत का मानसिक दीवालियापन है।’

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कंगना को माफी मांगने को कहते हुए  लिखा ” कंगना रनौत ने 1947 में भारत की आजादी को भीख कहकर अनगिनत भारतीयों की शहादत का अपमान किया है। मैं भारत के माननीय राष्ट्रपति से अनुरोध करता हूं कि उन्हें दिए गए सम्मान पर पुनर्विचार करें। उसे अपने अपमानजनक शब्दों के लिए माफी मांगनी चाहिए। सिरसा ने इस ट्वीट के साथ अपना एक वीडियो संदेश में पोस्ट किया जिसमे उन्होंने माफी ना मांगने पर कंगना के खिलाफ केस दर्ज करवाने की बात कही।”