चंदौली में दबंगों ने दलितों के साथ मारपीट के बाद घर फूँके


भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने इस घटना पर आक्रोश व्यक्त किया है। भाकपा (माले) का एक जांच दल चंदौली में सदर कोतवाली क्षेत्र के बर्थरा कला गांव का दौरा करेगा, जहां गुरुवार को हुए भूमि विवाद में दबंग ठाकुरों द्वारा दलितों पर हमला करने, महिलाओं से दुर्व्यवहार करने और उनके घर जला देने की घटना सामने आई है। माले की टीम पीड़ितों से मिलकर उन्हें ढाढ़स बंधायेगी


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यूपी के चंदौली से योगी आदित्यनाथ के रामराज की एक बानगी आयी है। वहाँ के सवर्ण दबंगों ने दलित बस्ती पर हमला बोला, महिलाओं से बदसलूकी की और विरोध करने पर झोपड़ियों में आग लगा दी।

दरअसल,  खेत से गुजर रहे दलित युवक और गाँव के ठाकुर नौजवानों में कहा सुनी हुई उसके बाद दर्जन भर लोगों ने दलित बस्ती पर हमला बोल दिया। मारीपीट-गालीगलौज के बाद घरों में आ लगा दी।

घटना सदर कोतवाली के अंतर्गत आने वाले बर्थरा गाँ की है। आरोप है कि जब पीड़ितों ने गुरुवार शाम घटना के बाद कोतवाली जाकर शिकायत की तो पीड़ितों के साथ ही दुर्व्यवहार किया गया। लेकिन घटना का वीडियो वायरल हो गया जिसके बाद आला प्रशासन दबाव में आया और चार लोगों को गिरफ्तार किया गया।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने इस घटना पर आक्रोश व्यक्त किया है। भाकपा (माले) का एक जांच दल चंदौली में सदर कोतवाली क्षेत्र के बर्थरा कला गांव का दौरा करेगा, जहां गुरुवार को हुए भूमि विवाद में दबंग ठाकुरों द्वारा दलितों पर हमला करने, महिलाओं से दुर्व्यवहार करने और उनके घर जला देने की घटना सामने आई है। माले की टीम पीड़ितों से मिलकर उन्हें ढाढ़स बंधायेगी

पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि चंदौली की घटना इस बात का गवाह है कि योगी सरकार में दलितों पर दबंगई सर चढ़कर बोल रही है। सत्ता का संरक्षण पाकर दबंग ताकतें हमलावर हो गई हैं। पीड़ित दलितों की शिकायतें दर्ज कर कार्रवाई करने की जगह थानों से उन्हें भगाया जा रहा है। दलित लोग दबंगों और पुलिस के दोहरे उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं।

कामरेड सुधाकर यादव ने कहा कि पुलिस ने एक दिन बाद यानी शुक्रवार को एफआईआर तभी दर्ज की, जब घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ और जनदबाव बढ़ा। इसके पहले शिकायत दर्ज करने गए दलितों को न सिर्फ थाने से भगा दिया गया, बल्कि उनके साथ अभद्रता भी की गई। यानी प्रशासन की कोशिश मामले को रफादफा करने की थी।

सुधाकर ने कहा कि एक अन्य घटना में, लखीमपुर खीरी में ब्लाक प्रमुख का नामांकन करने गयी महिला प्रत्याशी का पुलिस की उपस्थिति में सत्ता समर्थित गुंडों द्वारा चीरहरण किया गया। चंदौली और लखीमपुर खीरी की घटनाएं योगी सरकार के दलित व महिला विरोधी चेहरे को उजागर करती हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में जनता योगी सरकार को सबक सिखाएगी।

माले नेता ने हमलावरों को कड़ी सजा देने, थाने में दलितों से दुर्व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और पीड़ितों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की।

 


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