योगी सरकार का तीन साल, UP की बदहाली और बर्बादी के लिए जाना जाएगा: लल्लू

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उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा योगी सरकार के तीन साल के बदहाली और बर्बादी पर प्रेस वार्ता हुई. प्रेस वार्ता में ’यूपी करे सवाल, क्या किया तीन साल’ शीर्षक का बुकलेट जारी करके योगी सरकार सरकार पर तीखा निशाना साधा. योगी सरकार के तीन साल पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एक वेबसाइट योगीजी का रिपोर्ट कार्ड  लान्च किया, जिसमें पिछले तीन साल के योगी सरकार के छात्र, युवा, महिला, किसान, दलित, पिछड़ा, आदिवासी, अल्पसंख्यक विरोधी कारनामे दर्ज हैं.

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सरकार के आज तीन साल पूरे होने पर एक दिन पूर्व ही कल मुख्यमंत्री द्वारा की गयी अपनी आत्मप्रशंसा पर कांग्रेस पार्टी जो लगातार जन मुद्दों पर सड़क से सदन तक संघर्ष करती रही है. जनहित की लड़ाई लड़ती रही. अपना आरोप पत्र जनता के समक्ष आपके द्वारा रखना चाहती है.

सरकार के आत्मप्रशंसा के तीन साल में जनता रही बेजार, रोज हो रहे हत्या और बलात्कार,बदहाल किसान,बेरोजगार और युवा परेशान,गड्ढायुक्त सड़कें, असुरक्षित समाज, व्यापारियों का बुरा हाल, सिसकतीं कन्याएं, बीमार अस्पताल-तो कैसे कहें कि उपलब्धियों भरा रहा यह तीन साल?

हम आप लोगों से पूरी व्यवस्था पर नहीं कुछ बिन्दु पर बात करेंगे-

1. बदहाल किसान-असमय वर्षा, ओलावृष्टि से बर्बाद फसलें और हुई दर्जनों मौतें
2. रोजाना हत्या और बलात्कार
3. शिक्षा का सबसे बुरा हाल
4. बेरोजगार और युवा परेशान
5. जीरो टालरेन्श पर होता रहा बड़ा-बड़ा भ्रष्टाचार
6. निवेश का बुरा हाल
7. सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों में बन्दी और घोटला
आदि वह महत्वपूर्ण बातें हैं जो यह प्रदर्शित करती हैं कि प्रदेश सरकार पिछले तीन वर्षों में समाज के किसी भी वर्ग की आशा और आकांक्षा को पूरा करने में पूरी तरह विफल साबित हुई है. जनता, जिसमें किसान, मजदूर, युवा, महिला, दलित, पिछड़ा, आदिवासी, अल्पसंख्यक आदि सारा समाज आता है जो खुद को निराश और हताश महसूस कर रहे हैं.

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कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा‘मोना’  ने महिला सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा कि सबसे ज्यादा असुरक्षित वातावरण इस सरकार में हमारी बहन, बेटियों के साथ रहा, जहां उन्नाव में तीन-तीन बलात्कार की क्रूरतम घटनाएं हुईं, वहीं शाहजहांपुर में इस घटना के अंजाम के आरोपी भाजपा के पूर्व सांसद एवं पूर्व गृह राज्यमंत्री रहे. भारतीय जनता पार्टी पीड़ित बच्चियों के साथ न्याय करने के बजाए लगातार अपने उन्नाव के पूर्व विधायक एवं शाहजहांपुर के पूर्व सांसद को बचाने में लगी रही. ऐसे में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा बेईमानी साबित होता है. सरकार के तमाम दांव एवं वादों के बावजूद पिछले तीन वर्षों में किसी भी स्तर पर महिलाएं और बहन बेटियां सुरक्षित नहीं हैं.

नेता विधान परिषद दल दीपक सिंह ने कहा कि यह सरकार किसानों और युवाओं से किये गये अपने वादे को पूरा करने में पूरी तरीके से अक्षम साबित रही. जहां बेरोजगारी इन तीन सालों में साढ़े 12 लाख बढ़कर 40 लाख से ऊपर चली गयी वहीं किसानों की आत्महत्या दर देश में सर्वाधिक है. यह सरकार जनता की गाढ़ी कमाई का अरबों रूपये खर्च करके बड़े-बड़े आयोजन और भाषण करती है लेकिन जनता से किया गया अपना वादा पूरा करने में पूरी तरह असफल रही है. सरकार की उपलब्धि के नाम पर दावा ‘‘प्रदेश का मौसम गुलाबी है, मगर सरकार के आंकड़े झूठे और दावा किताबी’’ है.

विधायक सोहेल अंसारी ने बुनकरों की समस्या पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार सबका साथ सबका विकास का नारा तो देती है परन्तु अल्पसंख्यक समाज के सबसे बड़े तबके बुनकर, जिसमें बड़े भाग का जीवन लूम और करघा पर आधारित है उसके हितों की सुरक्षा के लिए सरकार ने पिछले तीन वर्षों में कुछ नहीं किया परिणाम स्वरूप बुनकर समाज सबसे मुश्किल और बुरे दौर में है.

अनुसूचित जाति के चेयरमैन आलोक कुमार पासी ने इस सरकार में दलित उत्पीड़न और दलितों के आरक्षण पर कुठाराघात की बात उठाते हुए कहा कि मौजूदा भाजपा सरकार पूर्व में दिए गए दलित के अधिकारों और हितों को समाप्त करने पर उतारू है और आरक्षण को समाप्त कर देना चाहती हैं.

प्रदेश कांग्रेस के महासचिव मनोज यादव ने कहा कि उप्र में पिछड़ा वर्ग जो सबसे बड़ा समाज है उसके हितों की रक्षा करने में पूरी तरीके से यह सरकार नाकाम साबित हुई है जहां यह आरक्षण को बड़ी चालाकी से खत्म करना चाहती है वहीं दलित, पिछड़े वर्ग को मिलने वाली छात्रवृत्ति में व्यापक पैमाने पर कटौती हुई है, यह सरकार दलित, पिछड़े, आदिवासी और अल्पसंख्यक वर्ग के लिए अभिशाप साबित हो रही है. सबका साथ और सबका विकास का नारा पूरी तरह झूठा और खोखला है.

एनएसयूआई की राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर  करिश्मा ठाकुर ने छात्रों की समस्या उठाते हुए कहा कि मौजूदा सरकार छात्रों के हितों को सुरक्षित करने में पूरी तरीके से असफल साबित हुई है.


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