उन्नाव केस : CBI ने चार्जशीट में कुलदीप सेंगर पर हत्या का आरोप हटाया

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उन्नाव रेप पीड़िता के एक्सीडेंट केस में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआइ ने अपनी चार्जशीट में मुख्य आरोपी पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर से हत्या का आरोप हटा लिया है. इस हादसे में रेप पीड़िता और उसके वकील को गंभीर चोट आई थी, जबकि इस सड़क हादसे में पीड़िता के दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी.

मामले में ड्राइवर आशीष कुमार पाल को आईपीसी की धारा 304-ए, 338 और 279 के तहत आरोपी बनाया गया है. चार्जशीट लखनऊ में दाखिल हुई. कुलदीप सिंह सेंगर और अन्य आरोपियों पर 120 बी के तहत आरोप लगाए गए हैं.

सीबीआई ने शुक्रवार को उन्नाव बलात्कार पीड़िता दुर्घटना मामले में आरोपपत्र दायर कर दिया. अधिकारियों ने कहा कि इसमें भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और और उनके सहयोगियों के खिलाफ आपराधिक साजिश और डराने-धमकाने के आरोप हैं. मामले में कुलदीप सिंह सेंगर और उसके सहयोगियों के खिलाफ सीबीआई के आरोपपत्र में हत्या का कोई आरोप शामिल नहीं किया गया है.

बता दें कि सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में सेंगर और नौ अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश, हत्या, हत्या के प्रयास और डराने धमकाने से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.

सेंगर ने 2017 में पीड़िता का कथित तौर पर बलात्कार किया था. उस समय पीड़िता नाबालिग थी. वह 28 जुलाई को उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में हुए सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गई थी. पीड़िता की कार को एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें उसके दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी और उनका वकील गंभीर रूप से घायल हो गया था.हादसे के समय पीड़िता की सुरक्षा में तैनात उत्तर प्रदेश पुलिस का कोई सुरक्षा कर्मी उसके साथ नहीं था. इन सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.

हादसे के दो दिन बाद सीबीआई ने 30 जुलाई को सेंगर, उसके भाई मनोज सिंह सेंगर, उत्तर प्रदेश के एक मंत्री के दामाद अरुण सिंह और सात अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

पीड़िता के परिजनों ने इसे हादसे के पीछे कुलदीप सिंह सेंगर का हाथ लगाते हुए हत्या और हत्या के प्रयास का आरोप लगाया था.

साल 2017 में कुलदीप सिंह सेंगर के गांव की ही एक लड़की ने उन पर बलात्कार का आरोप लगाया था. लड़की ने पुलिस पर शिकायत दर्ज न करने का आरोप लगाते हुए लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्महत्या की कोशिश की थी. उसके अगले ही दिन लड़की के पिता की पुलिस हिरासत में संदिग्ध मौत हो गई. पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया कि ऐसा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के इशारे पर हुआ.

पिछले महीने दोनों को एम्स से छुट्टी मिली लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित लड़की की दिल्ली में ही रहने की व्यवस्था करने का सरकार को निर्देश दिया है.इस हादसे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित लड़की और उसके परिजनों को सीआरपीएफ़ की सुरक्षा देने के निर्देश दिए थे.

इस बीच ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की एक खबर के मुताबिक, शुक्रवार को सीबीआई ने दिल्ली की एक अदालत को बताया कि उन्नाव रेप पीड़िता का 2017 में जब वह नाबालिग थी कथित तौर पर अपहरण कर तीन लोगों ने उनके साथ 9 दिनों तक अगल-अलग जगहों पर बलात्कार किया.

यह मामला भाजपा द्वारा निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर मामले से अलग है.


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