हेमंत सोरेने ने की फ़ादर स्टेन की गिरफ़्तारी की निंदा, बीजेपी सांसद निशिकांत से ट्विटर-जंग!


उधर, प्रसिद्ध इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा है कि फादर स्टेन को भी केंद्र सरकार ने आदिवासियों के अधिकारों का सवाल उठाने वाली सुधा भारद्वाज की तरह जेल में डाल दिया है । दरअसल, यह सरकार खनन कंपनियों के मुनाफे को आदिवासियों की ज़िंदगी से ज्यादा तरजीह देती है।


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झारखंड के प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता फ़ादर स्टेन स्वामी को एनआईए द्वारा गिरफ़्तार किये जाने की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कड़ी निंदा की है। उन्होने इस सिलसिले में ट्वीट करते हुए सवाल किया कि 83 वर्षीय वृद्ध स्टेन स्वामी को गिरफ़्तारकर केंद्र की बीजेपी  सरकार क्या संदेश देना चाहती है?

लेकिन इस ट्वीट से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे नाराज़ हो गये। उन्होंने कहा कि दुमका उपचुनाव में वोट पाने के लिए मुख्यमंत्री ने ये बयान दिया है जो संविधान का उल्लंघन है।  उन्होंने इशारों में फ़ादर स्टेन को धर्म परिवर्तन कराने वाला बताया, जिस पर मुख्यमंत्री सोरेन ने उन्हें क़रारा जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी उन्हें भी देशद्रोही बता सकती है।

ग़ौरतलब है कि एनआईए ने 83 वर्षीय फादर स्टेन स्वामी को माओवादी क़रार दिया है जिन्होंने भीमा कोरेगाँव में हिंसा भड़काई। हालाँकि फ़ादर स्टेन कभी पुणे के क़रीब स्थित भीमा कोरेगाँव गये नहीं, लेकिन एनआईए ने बताया है कि उनके कंप्यूटर से ऐसे दस्तावेज़ बरामद हुए हैं जिनसे माओवादियों से उनके रिश्ते प्रमाणित होता है। लेकिन फ़ादर ने अपने बयान में इन तमाम  आरोपों को झूठा क़रार दिया है। उधर, प्रसिद्ध इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा है कि फादर स्टेन को भी केंद्र सरकार ने आदिवासियों के अधिकारों का सवाल उठाने वाली सुधा भारद्वाज की तरह जेल में डाल दिया है । दरअसल, यह सरकार खनन कंपनियों के मुनाफे को आदिवासियों की ज़िंदगी से ज्यादा तरजीह देती
है।

झारखंड में सीपीआईएमएल के विधायक विनोद सिंह ने भी इस गिरफ्तारी की तीखी निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है। फादर स्टेन स्वामी झारखंड में लगभग पचास सालों से मानवाधिकार और आदिवासी अधिकार के मोर्चे पर सक्रिया हैं। जल, जंगल, ज़मीन की लूट के ख़िलाफ जारी हर आंदोलन में वे शामिल रहते हैं और माओवादी बताकर जेल में बंद किये गये सैकड़ों बेगुनाह आदिवासी नौजवानों को उन्होंने कानूनी मदद देकर छुड़वाया है। झारखंड की पिछली बीजेपी सकार ने भी उन पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया था।

 



 


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