आरे फारेस्ट : 29 प्रदर्शनकारियों को न्यायिक हिरासत, बीजेपी-शिवसेना फिर आमने-सामने

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गाेरेगांव स्थित आरे काॅलाेनी में मेट्राे कार शेड के लिए करीब 2700 पेड़ काटने का काम शुक्रवार देर रात शुरू हो गया. पर्यावरण कार्यकर्ताओं के साथ आमजन भी इसका विरोध कर रहे हैं.मुंबई पुलिस पीआरओ ने शनिवार को बताया कि मेट्रो-रेल प्रोजेक्ट साइट पर धारा 144 लागू कर दी गई है. इस इलाके में विरोध प्रदर्शन दर्ज करवाने के लिए लोग भारी संख्या में इकट्ठा हो रहे थे.

शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के अधिकारियों को पीओके भेजा जाना चाहिए ताकि वे पेड़ काटने के बजाए वहां आतंकी ठिकानों को नष्ट कर सकें. शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी सहित 29 लोगों को हिरासत में लिया गया है.

गिरफ्तार 29 प्रदर्शनकारियों को बोरीवली कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

आरे में पेड़ों की कटाई ने शिवसेना को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का नेतृत्व कर रही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ मोर्चा खोलने का मौका दे दिया है.

इस दौरान उद्धव ठाकरे ने पेड़ों को काटने पर गहरी नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा है कि आरे में पेड़ों को काटने का मुद्दा बेहद गंभीर है. महाराष्ट्र के चुनावी माहौल के बीच उद्धव ठाकरे ने कहा कि जिन लोगों ने पेड़ों का खून किया है उन्हें देख लेंगे.

पर्यावरणविदों ने इसे सीएम देवेंद्र फडणवीस की कायरतापूर्ण कार्रवाई करार दिया है.

लोग यहां पेड़ों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं लेकिन फडणवीस सरकार की नजर में ये जंगल खटक रहे हैं और हर कीमत पर इन्हें कटवाने पर जोर आजमाइश कर रही है.

गौरतलब है कि बीएमसी ने 29 अगस्त काे इसकी इजाजत दी थी. इसके विरोध में एनजीओ ने कोर्ट में याचिका दायर कर काॅलाेनी काे वन एवं संवेदनशील क्षेत्र घाेषित करने की मांग उठाई थी.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ही आरे काॅलाेनी से जुड़ी एनजीओ और पर्यावरण कार्यकर्ताओं की चार याचिकाएं खारिज कर दी. इसके बाद प्रशासन ने रात में चुपके से पेड़ काटने का प्लान बना डाला और आरे में आरी चलाना शुरू कर दिया.

चीफ जस्टिस प्रदीप नंदराजोग और जस्टिस भारती डांगरे की पीठ ने गोरेगांव की आरे कॉलोनी से जुड़ी याचिकाओं को खारिज किया. गोरेगांव मुंबई का प्रमुख हरित क्षेत्र है.

वहीं कोर्ट ने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में लंबित है. इसलिए याचिका को एक जैसा मामला होने के कारण खारिज कर रहे हैं. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इसे गुण-दोष के आधार पर खारिज नहीं किया जा रहा है.

वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने ट्वीट किया है, “हिंदू धर्म सिखाता है की सूर्य के ढलने के बाद एक भी पत्ता पेड़ से नहीं काटा जा सकता! यहां कलयुग में सारे झाड़ के झाड काटे जा रहे हैं: शर्मनाक!”

सोशल मुद्दों पर काफी ऐक्‍टिव रहने वाले ऐक्‍टर फरहान अख्‍तर ने ट्वीट किया, ‘रात में पेड़ों को काटना एक गलत प्रयास है। ऐसा करने वाले भी जानते हैं कि वे गलत कर रहे हैं.’

स्‍वरा भास्‍कर ने लिखा, ‘और यह शुरू हो गया! आरे फॉरेस्‍ट आरे कॉलोनी नष्‍ट हो रही है.’


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