स्वतंत्रता आंदोलन में जिनकी कोई भूमिका नहीं, वही फैला रहे देश में नफ़रत, कांग्रेस चुप नहीं रहेगी: सोनिया गांधी

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आज कांग्रेस के 137वें स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस केवल एक राजनीतिक पार्टी का ही नाम नहीं है, बल्कि एक आंदोलन का नाम कांग्रेस पार्टी है। उन्होंने कहा, जिन लोगों की स्वतंत्रता आंदोलन में कोई भूमिका नहीं थी, वे आज देश में नफरत का माहौल बना रहे हैं।

भारत की मजबूत नींव को कमजोर करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा: सोनिया गांधी

सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस और उसके सभी नेताओं ने स्वतंत्रता आंदोलन में उत्साह के साथ भाग लिया, संघर्ष किया, जेलों में घोर यातनाएं झेलीं और कई देशभक्तों ने अपने प्राणों की आहुति दी, तब हमें आजादी मिली। आजादी के बाद हमें जो भारत मिला उसकी कल्पना करना मुश्किल है, लेकिन हमारे महान नेताओं ने बड़ी सूझबूझ और दृढ़ संकल्प के साथ भारत के नव-निर्माण की एक मजबूत नींव रखी, जिस पर चलकर हमने एक सशक्त भारत खड़ा किया। एक ऐसा भारत जिसमें सभी देशवासियों के अधिकारों और हितों का ख्याल रखा गया। उन्होंने आगे कहा कि जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी नहीं दिखाई, वे कभी भी इसकी कीमत नहीं समझ सकते। आज भारत की उस मजबूत नींव को कमजोर करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है।

गंगा-जमुना संस्कृति को मिटाने का नापाक प्रयास किया जा रहा: सोनिया गांधी

सोनिया गांधी ने कहा, नफरत और पूर्वाग्रह से बंधी ये विभाजनकारी विचारधारा देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने पर कहर बरपा रही है। हमारी विरासत गंगा-जमुना संस्कृति को मिटाने का नापाक प्रयास किए जा रहे हैं। देश का आम नागरिक असुरक्षित और भयभीत महसूस कर रहा है। लोकतंत्र और संविधान को दरकिनार कर तानाशाही चलाई जा रही है। विभाजनकारी विचारधाराएं एक ऐसे इतिहास को फिर से लिखने की कोशिश कर रही हैं जो इसके लायक नहीं है। कांग्रेस देश के लिए इन विनाशकारी विचारधाराओं से लड़ने को तैयार है।

ऐसे वक्त में कांग्रेस चुप नहीं रह सकती। देश की विरासत को किसी को भी नष्ट करने की इजाजत हम नहीं देंगे। आम जनमानस के लिए, लोकतंत्र की रक्षा के लिए, देश विरोधी, समाज विरोधी साजिशों के खिलाफ हर संभव संघर्ष करेंगे, हर कुर्बानी देंगे। सोनिया ने कहा, आज के इस ऐतिहासिक अवसर पर एक-एक कांग्रेस जन को यही संकल्प लेना है और कांग्रेस संगठन को मजबूत बनाना है। बता दें कि स्थापना दिवस के मौके पर नेता और कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन और आंदोलन की रणनीति पर आगे बढ़ने का संकल्प लिया। कांग्रेस अब बेरोजगारी और सरकारी कंपनियों के निजीकरण के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ हल्का बोलेगी।


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