किसान संगठनों की प्रेस कॉन्फ्रेंस- ‘बुराड़ी मैदान नहीं जाएंगे, वो खुली जेल है!’

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मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सरकार से वार्ता के लिए गृहमंत्री अमित शाह की बुराड़ी में प्रदर्शन करने की शर्त को ठुकरा दिया है। किसानों का कहना है कि बुराड़ी मैदान नहीं खुली जेल है। इसलिए वो दिल्ली के 5 एंट्री प्वाइंट पर ही अपना आंदोलन जारी रखेंगे। किसानों ने कहा कि अगर सरकार बिना शर्त के मीटिंग के लिए बुलाएंगी तो ही हम जाएंगे।

दरअसल गृहमंत्री अमित शाह ने एक वीडियो जारी कर आंदोलनरत किसानों को 3 दिसंबर को सशर्त बातचीत का न्योता दिया था। अमित शाह ने कहा था कि अगर किसान उससे पहले वार्ता करना चाहते हैं तो उन्हें दिल्ली-हरियाणा सीमा छोड़कर बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड पर जाना होगा।

पंजाब के 30 किसान संघों ने आगे की रणनीति के लिए आज दिन में दो बार बैठक की। बैठक के बाद किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला।  प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि सरकार द्वारा बातचीत के लिए जो शर्त थी हम उसे किसान संगठनों का अपमान मानते हैं। अब हम बुराड़ी मैदान में बिलकुल नहीं जाएंगे। हमें पता चला है कि वो पार्क नहीं ओपन ज़ेल है। हम ओपन ज़ेल में जाने की बजाय 5 मेन मार्ग जाम कर दिल्ली की घेराबंदी करेंगे। हमारे पास चार महीने का राशन है तो हमारे लिए चिंता की बात नहीं है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेताओं ने कहा हम अपने मंच पर किसी भी राजनीतिक दल को जगह नहीं देंगे। हम लोग 2 महीने से आंदोलन कर रहे हैं चाहे वह कांग्रेस हो, बीजेपी हो, AAP हो या कोई और पार्टी हो, हम किसी को अपना मंच नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि जो संगठन हमारा समर्थन कर रहे हैं, अगर वो हमारे नियमों का पालन करते हैं तो हमारी समिति उन्हें बोलने के लिए अनुमति देगी।

किसान नेता हरमीत सिंह कादियां ने कहा कि हमने फैसला लिया कि सभी बॉर्डर और सड़कें ऐसे ही ब्लॉक रहेंगी। गृहमंत्री अमित शाह ने शर्त रखी थी कि अगर हम बुराड़ी के मैदान में धरना देते हैं तो वो तुरंत मीटिंग के लिए बुला लेंगे। हमने गृहमंत्री की शर्त को खारिज़ कर दी है।

स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह के बयान के बाद कल रात गृह सचिव की तरफ से बातचीत के लिए जो चिट्ठी भेजी गई थी उसमें सड़कें खाली करके बुराड़ी जाने की शर्त लगाई गई थी, जिसे किसानों ने नामंजूर कर दिया है।

इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर किसानों के सामने बातचीत का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार किसानों से तीन दौर की वार्ता कर चुकी है, चौथी बार तीन दिसंबर को मिलने का प्रस्ताव दिया था। सरकार हर स्तर पर खुले मन से बातचीत करने को तैयार है पर किसान यूनियन को बातचीत का माहौल बनाना चाहिए। उन्हें आंदोलन का रास्ता छोड़ चर्चा का रास्ता अपनाना चाहिए।