पश्चिम बंगाल पहुंचे किसान नेता, चुनाव में बीजेपी को दंडित करने की अपील की!

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मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ और एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने की मांग को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहा आंदोलन आज 107 वें दिन भी जारी रहा है। देशभर में किसान महापंचायतों का दौर भी जारी रहा। आज ‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ के किसान नेताओं का एक समूह कोलकाता में मौजूद रहा। इन नेताओं ने बंगाल के मतदाताओं से अपील की, कि वे किसान विरोधी रवैये के कारण आगामी चुनावों में भाजपा को दंडित करें। दोपहर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने के बाद, उन्होंने राम लीला पार्क में पश्चिम बंगाल ‘किसान-मजदूर महापंचायत’ को भी संबोधित किया।

‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने 5 चुनाव वाले राज्यों के किसानों के लिए एक अपील पत्र जारी किया है। इसके तहत किसान संगठनों द्वारा पश्चिम बंगाल के सभी निर्वाचन क्षेत्रों में ले जाने के लिए अपील पत्र जारी किया गया।  इस बीच, हुगली में आलू किसानों ने एमएसपी के लिए एक आंदोलन शुरू किया है।

‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने बिजली संशोधन विधेयक 2021 को ससंद में पेश करने के भारत सरकार के कदम का विरोध किया है और मांग की है कि सरकार संसद के चालू सत्र में सारणीकरण के लिए सूचीबद्ध विधेयक के मसौदे को सार्वजनिक करे। विद्युत अधिनियम में कोई भी संशोधन केंद्र सरकार द्वारा किसान संगठनों को अपना मसौदा विधेयक वापस लेने के लिए की गई प्रतिबद्धता का स्पष्ट रूप से उल्लंघन है।

तमिलनाडु पुलिस के अलोकतांत्रिक व दमनकारी रवैये को एक बार फिर देखा गया जब कन्याकुमारी में किसानों के समर्थन में निकल रही साइकिल रैली को रोक दिया गया। ‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ इसकी कड़ी निंदा करता है।

‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ ने कहा कि सरकार किसानों की मांगें मानने की बजाय किसानों का समर्थन करने वालो को लगातार परेशान कर रही है। सुखपाल सिंह खैरा पर असंवैधानिक व अमानवीय रूप की ED की रेड द्वारा तंग किया जा रहा है, जिसकी ‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ कड़ी निंदा करता है। 26 जनवरी की पुलिस की गोली से शहीद हुए नवरीत की मौत की जांच की लगातार मांग करने वाले सुखपाल खैरा की किसान आंदोलन में सक्रियता से सरकार उन्हें परेशान कर रही है।

वहीं किसानों के आंदोलन के समर्थन में पूरे भारत में नियमित रूप से रैलियां और विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। ऐसी ही एक रैली जहानाबाद में स्वामी सहजानंद सरस्वती की 123 वीं जयंती के अवसर पर आयोजित की गई थी। 18 मार्च 2021 को विधान सभा मार्च से पहले 7 “किसान यात्रा” बिहार के लगभग सभी जिलों में यात्रा कर रही हैं।

उत्तरप्रदेश के बाँदा में आज किसान महापंचायत आयोजित की गई। प्रशासन ने 7 दिन पहले पंचायत की अनुमति स्वयं दी थी लेकिन कल रात 11 बजे पुलिस-प्रशासन ने बलपूर्वक पंडाल उखाड़ दिया एवम किसानों को बाँदा में पहुंचने से रोकने के लिए भारी पुलिसबल तैनात किया गया। उसके बावजूद बाँदा में कलेक्टर आफिस के सामने बड़ी संख्या में किसानों ने इकट्ठे होकर महापंचायत की और बुंदेलखंड के सभी जिलों में जाकर कृषि कानूनों एवम MSP गारंटी कानून पर किसानों को जागरूक करने का प्रण लिया।


‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ की ओर से डॉ दर्शन पाल द्वारा जारी