उमर अब्दुल्ला की नज़रबंदी: सारा अब्दुल्ला की याचिका पर SC ने J&K प्रशासन को भेजा नोटिस

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सर्वोच्च न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला की नजरबंदी के खिलाफ बहन सारा अब्दुल्लाह पायलट की याचिका पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी किया है. न्यायालय उमर अब्दुल्ला की नजरबंदी को चुनौती देने वाली सारा की याचिका पर अब 2 मार्च को सुनवाई करेगा.

इसके बाद सारा ने कहा, ‘हमें उम्मीद थी कि चूंकि यह बंदी प्रत्यक्षीकरण का मामला है, इसलिए जल्द ही राहत मिलेगी. लेकिन हमें न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है. हम यहां हैं क्योंकि हम चाहते हैं कि सभी कश्मीरियों को भारत के सभी नागरिकों के समान अधिकार होना चाहिए और हम उस दिन की प्रतीक्षा कर रहे हैं.’

सुनवाई जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की बेंच ने की. उमर अब्दुल्ला की बहन सारा ने PSA के तहत हिरासत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और उन्हें कोर्ट में पेश कर रिहा करने की मांग की है.

सारा अब्दुल्ला वकीलों के साथ

उमर अब्दुल्ला 5 अगस्त, 2019 से सीआरपीसी की धारा 107 के तहत हिरासत में थे. इस कानून के तहत, उमर अब्दुल्ला की छह महीने की एहतियातन हिरासत अवधि गुरुवार यानी 5 फरवरी 2020 को खत्म होने वाली थी. लेकिन फिर उन्हें PSA के तहत हिरासत में ले लिया गया.

सारा ने 10 फरवरी को शीर्ष अदालत का रूख कर जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा कानून 1978 के तहत अपने भाई की हिरासत को अवैध बताया और कहा कि शांति व्यवस्था बहाल रखने को लेकर उनसे किसी खतरे का सवाल ही नहीं उठता.याचिका में पीएसए के तहत उमर अब्दुल्ला को हिरासत में रखने के 5 फरवरी के आदेश को खारिज करने और उन्हें अदालत के समक्ष हाजिर करने की मांग की गई है.


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