दलित दीवाली बेवकूफ़ बनाने की कोशिश, पहले 8 सवालों का जवाब दें अखिलेश-शाहनवाज़

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समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की ओर से 14 अप्रैल यानी डा.आंबेडकर के जन्मदिवस पर दलित दीवाली मनाने के आह्वान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया जतायी है। अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज आलम ने इसे दलितों को बेवकूफ़ बनाने की असफल कोशिश बताई है। उन्होंने कहा कि दिवाली की बात करने का अधिकार उन्हें नहीं जो जीत की जश्न में दलितों की बस्तियां जलाते हैं।

प्रेस विज्ञप्ति में शाहनवाज आलम ने कहा कि दलितों के उत्पीड़न में सपा और भाजपा दोनों एक समान रहे हैं। वहीं बसपा तो सीधे दलित वोटों को भाजपा को बेचती रही है। इसलिये अब दलित समाज कांग्रेस की तरफ़ आ रहा है।

शाहनवाज आलम ने कहा कि प्रदेश की जनता अभी तक नहीं भूली है कि 2012 में सपा के चुनाव जीतते ही अगले एक हफ्ते तक किस तरह प्रदेश भर में दलितों की हत्याएं की गयीं और उनके घर सपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जलाए थे।

शाहनवाज आलम ने कहा कि अखिलेश यादव जी को दलित दिवाली मनाने से पहले 2012 में सपा की जीत की घोषणा के बाद पूरे प्रदेश में हुई दलित विरोधी हिंसा से जुड़े इन 8 सवालों का जवाब देना चाहिये-

1- 2012 में सपा की जीत के उत्सव में सन्तकबीर नगर के मखदूमपुर गांव में नट बिरादरी के झोपड़ियों को क्यों जलाया गया?

2- सीतपुर के भम्बिया गांव में सपा की जीत की खुशी में दलितों के दर्जनों घर क्यों जलाए गये?

3- सपा की जीत के जश्न में अंबेदकरनगर के सम्मनपुर में दलितों की दुकानें क्यों जलाई गयीं?

4- सपा के जीत के जश्न में इलाहबाद के नैनी में दो दलितों की गोली मार कर हत्या क्यों की गई?

5- सपा की जीत के जश्न में आगरा के मनसुखपूर में दलित प्रधान मुन्ना लाल की हत्या सपा के गुंडों द्वारा क्यों कर दी गई?

6- सपा के जीत के जश्न में संभल में एक बच्चे की क्यों गोली मार कर हत्या कर दी गई?

7- फीरोजाबाद में सपा के हारे हुए प्रत्याशी के समर्थकों ने विपक्षी दल के समर्थक की हत्या क्यों की?

8- सपा के पक्ष में जनादेश आने की घोषणा के ठीक बाद झांसी में पत्रकारों पर सपाई गुंडों द्वारा हमला क्यों किया गया?

 

 


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