
मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आदोलन का नेतृत्व कर रहे ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ (SKM) के राष्ट्रव्यापी आह्वान के तहत हुए रेल रोको आंदोलन का देशभर में असर देखा गया। देश भर के सैकड़ों स्थानों पर दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक ट्रेनों को रोका गया। देशभर में ये कार्यक्रम सफल रहे व कोई हिंसक गतिविधि नहीँ हुई। ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ (SKM) के नेताओं ने कहा कि उत्तर भारत में हर जगह किसानों ने बड़ी संख्या में इस आंदोलन में शामिल होकर केंद्र सरकार के रवैये का विरोध किया।
सरकार ने आंदोलन को दबाने की की कोशिश की और जैसे दबाने वाली चीज फैलती है, कुछ उसी तर्ज पर आज किसान आंदोलन भी पूरे देश मे फैल गया है।
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रेल रोको आन्दोलन: #FarmersProtestpic.twitter.com/vB3zEjEwRk
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) February 18, 2021
‘संयुक्त किसान मोर्चा’ के नेताओं ने कहा कि देशभर के किसान करीब तीन महीने से एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने, तीन कृषि कानूनों, विद्युत विधेयक और प्रदूषण विधेयक को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं। किसानों में गुस्सा तेज हो रहा है और केंद्र सरकार को कानून को रद्द करना ही होगा।
देशभर में विभिन्न जगहों पर किसानों को संबोधित करते हुए, किसान नेताओं ने लोगों से आंदोलन को मजबूत करने के लिए दिल्ली आने की अपील की। किसान नेताओं ने देश के मजदूरों, किसानों और अन्य कामगार वर्गो को साथ आकर आन्दोलन को मजबूत बनाने और किसान नेतृत्व में अपार विश्वास दिखाने के लिए लोगों का धन्यवाद किया।
#BKUEKTAUGRAHAN called for rail roko. Massive Crowd Gathering at Sunam Railway Station for supporting the farmers protesting against 3 Farm Laws. We extend our support to all protesting in different forms for repealing 3 Farm laws and supporting protesting farmers. pic.twitter.com/v6Wo33mDRE
— BKU EKTA UGRAHAN (@Bkuektaugrahan) February 18, 2021
किसान नेताओं ने कहा कि देश के लोगों के अद्वितीय समर्थन और चौतरफा सक्रियता ने इस विश्वास को और मजबूत किया कि किसान आंदोलन विजयी होगा और मोदी सरकार के इरादों को नाकाम किया जाएगा।
रेल रोको आंदोलन के साथ साथ ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ के आह्वान पर राजस्थान के श्रीगंगानगर में किसान महापंचायत हुई जिसमें भारी संख्या में किसानों ने भागीदारी की। इस किसान महापंचायत को संयुक्त किसान मोर्चा नेता डॉ दर्शन पाल, योगेंद्र यादव समेत कई किसान नेताओं ने संबोधित किया। महापंचायत में किसान नेताओं ने कहा कि देश की सबसे बड़ी आबादी आज भी कृषि क्षेत्र पर आश्रित है। लेकिन मोदी सरकार की कोशिश है कि इनके कुछ पूंजीपति मित्रों को इस बड़े क्षेत्र पर नियंत्रण मिल जाये।
हरियाणा के खरक पूनिया और बालसमंद में आज बड़ी किसान पंचायतें हुई। इन पंचायतों में किसानों भारी भीड़ उमड़ी। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने इन महापंचायतों को संबोधित किया। इस किसान पंचायतों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि मोदी सरकार ये ना सोचे कि किसान फसल की कटाई के लिए वापस चले जाएंगे और आंदोलन खत्म हो जाएगा।
टिकैत ने कहा कि हम अपनी फसलों को जला देंगे लेकिन वापस नहीं जाएंगे। सरकार यह न सोचे कि विरोध दो महीने में खत्म हो जाएगा। हम फसल कटाई के साथ-साथ विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि फसलों की कीमतों में वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन ईंधन की कीमतें बढ़ गई हैं। जरूरत पड़ी तो हम अपने ट्रैक्टरों को पश्चिम बंगाल में भी ले जाएंगे। किसानों को वहां भी एमएसपी नहीं मिल रही है।
@किसान महापंचायत बालसमन्द "हिसार" pic.twitter.com/CrUXCZABBo
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) February 18, 2021
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