राहुल गांधी ने वैक्सीन के अधूरे लक्ष्य और चीनी गतिरोध पर मोदी सरकार को घेरा!

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक बार फिर से मोदी सरकार पर निशाना साधा हैं। इस बार उन्होंने मोदी सरकार को साल के अंत तक COVID-19 के खिलाफ सभी पात्र लाभार्थियों को टीके की दोनों डोज लगाने के अपने वादे को पूरा नहीं करने को लेकर घेरा है। दरअसल, सरकार ने जून में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसे उम्मीद है कि साल के अंत तक पूरी पात्र आबादी को COVID-19 के खिलाफ टीका लगाया जाएगा। हालांकि आज साल का अंतिम दिन है और अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें पहली डोज तक नही मिली है।

अब भी वैक्सीन से दूर, एक और जुमला चकनाचूर…

राहुल गांधी न एक रिपोर्ट द्वारा तीसरी लहर के लिए भारत को अलर्ट करने की एक खबर को पोस्ट करते हुए अपने ट्वीट में लिखा, केंद्र सरकार का वादा था कि #2021 के अंत तक सबको दोनों डोज़ वैक्सीन लगाएँगे। आज साल का अंत है- देश अब भी वैक्सीन से दूर, एक और जुमला चकनाचूर!

दुनिया टीकाकरण नीति तैयार करने में व्यस्त थी, पीएम बर्तन पीटने के लिए प्रोत्साहित करने में…

बता दें कि शुक्रवार दोपहर तक देश भर में कोरोना टीकों की 144.67 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं। 84.51 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को टीकों की पहली खुराक मिल चुकी है, जबकि 60.15 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को दोनों खुराक मिल चुकी हैं। द हिंदू की एक खबर के अनुसार, कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने बताया कि “पात्र आबादी में से केवल 40% को ही टीके की दोनों खुराक मिली हैं। यह विश्व के औसत 48% और एशियाई औसत 55% से बहुत पीछे है। उन्होंने कहा कि चीन ने अपनी 85% आबादी को दो खुराकें दी हैं।” वल्लभ ने पीएम पर हमला करते हुए कहा, “जब बाकी दुनिया अपनी टीकाकरण नीति तैयार करने में व्यस्त थी, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमें बर्तन पीटने के लिए प्रोत्साहित करने में व्यस्त थे। सरकार बताए कि उसने सुप्रीम कोर्ट में गलत हलफनामा क्यों दायर किया?

खोखले जुमलों से जीत नहीं मिलती: राहुल गांधी

वहीं राहुल ने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में 15 स्थानों का नाम बदलने की एक खबर को पोस्ट करते हुए भी मोदी की खिंचाई की है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, अभी कुछ दिनों पहले हम 1971 में भारत की गौरवपूर्ण जीत को याद कर रहे थे। देश की सुरक्षा और विजय के लिए सूझबूझ व मज़बूत फ़ैसलों की ज़रूरत होती है। खोखले जुमलों से जीत नहीं मिलती!

मोदी सरकार हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता से समझौता क्यों कर रही है?

वहीं, कांग्रेस ने भारत की क्षेत्रीय अखंडता से जुड़े मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने अहम जानकारी साझा करते हुए सरकार से सवाल किए हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ चीन अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदल रहा है, भारतीय क्षेत्र में गांवों की स्थापना कर रहा है और दूसरी तरफ, सरकार अभी भी चीन के साथ 100 अरब डॉलर का व्यापार कर रही है। चीन 90,000 वर्ग किलोमीटर अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता है। भारत सरकार चुप क्यों है? प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी भी चीन को एक हमलावर के रूप में नामित नहीं किया है।

पिछले 19 महीनों में चीनी आक्रमण के प्रति भारत की प्रतिक्रिया मौन रही है। सवाल यह है कि मोदी सरकार हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता से समझौता क्यों कर रही है? उन्होंने पीएम से सवाल करते हुए कहा, प्रधानमंत्री जी आप इतना चुप क्यों हैं? आप अपनी चुप्पी कब तोड़ेंंगे। आप चीन का नाम लेने से परहेज क्यों करते हैं? हमारे जवानों ने चीन से लड़ते हुए जान दे दी, लेकिन उनके बलिदान का सरकार अपमान क्यों कर रही है? आए दिन चीन मौखिक, भौगोलिक, सैन्य और रणनीतिक तरीके से आक्रामक हो रही है। सरकार उसपर चुप क्यों है? हम चीन का एग्रेशन क्यों बर्दाश्त कर रहे हैं. इसपर हम कुछ कर क्यों नहीं रहे हैं?

हम चाहते हैं कि सरकार ठोस नीति बनाकर चीन को जवाब दे..

1 जनवरी, 2022 से चीन का नया लैंड बॉर्डर लॉ भी लागू हो जाएगा। यह बहुत महत्वपूर्ण है। इसके तहत चीन अपनी सीमाओं का असैन्य बंदोबस्त (civilian settlement) करेगा। यह चीनी सरकार द्वारा पारित किया गया है। यह कानून भारत और भूटान के साथ सीमा विवाद को सुलझाने की बात करता है। हम चाहते हैं कि सरकार ठोस नीति बनाकर चीन को जवाब दे।


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