महिला दिवस पर प्रियंका के नेतृत्व में हज़ारों महिलाओं ने निकाला ‘लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ मार्च!’

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर लखनऊ में आज 1857 क्रांति का रंग भर गया। कांग्रेस ने इस मौक़े पर ‘लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ’ मार्च का आयोजन किया था। महासचिव प्रियंका गाँधी के नेत‌त्व में आयोजित इस मार्च में हज़ारों महिलाओं ने भाग लिया जो 1090 चौराहे से शुरू होकर सिकंदरबाग़ चौराहे स्थित ऊदा देवी की प्रतिमा पर समाप्त हुआ। श्रीमती प्रियंका गांधी ने वीरांगना उदा देवी को माल्यार्पण करने के साथ उनके अमर बलिदान को याद किया। ग़ौरतलब है बेगम हज़रत महल की सेना में शामिल रहीं ऊदा देवी ने 1857 में सिकंदराबाद की लड़ाई में कई अंग्रेज़ों को मारा था और लड़ते हुए शहीद हो गयी थीं।

लखनऊ की ऐतिहासिक भूमि पर हुए इस अनूठे मार्च में कांग्रेस पार्टी की विधानसभा चुनाव लड़ने वाली 159 महिला उम्मीदवार भी शामिल हुईं। महिला सशक्तिकरण का संदेश देने के उद्देश्य से आयोजित महिला मार्च में हजारों महिलाओं का जनसैलाब उमड़ आया।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. उमाशंकर पांडेय ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित इस महिला मार्च के माध्यम से कांग्रेस पार्टी ने संदेश दिया है कि पार्टी सिर्फ महिलाओं के सशक्तिकरण की सिर्फ बात ही नहीं करती है, बल्कि उसे जमीन पर लेकर भी जाती है। यही वजह रही है कि इस विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में महिलाओं की समस्याओं को केंद्रित करते हुए घोषणापत्र बनाया और सरकार बनने पूरे करने की प्रतिज्ञा ली है।

उन्होंने बताया कि लखनऊ के 1090 चौराहे से शुरू हुआ यह महिला मार्च वीरांगना ऊदा देवी प्रतिमा, सिकंदरबाग़ पर ख़त्म हुआ। 1857 क्रांति की वीरांगना ऊदा देवी बेगम हजरतमहल के महिला दस्ते में शामिल थीं। सिकंदरबाग की लड़ाई में वह शहीद हो गई थीं। उन्होंने दलित महिलाओं को साथ लेकर एक अलग बटालियन तैयार की, जिसे ‘दलित वीरांगनाओं’ के रूप में जाना जाता है। सिकंदरबाग में महिला मार्च ख़त्म होने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने वीरांगना ऊदा देवी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। महिला मार्च में कांग्रेस पार्टी की 159 महिला उम्मीदवारों के अलावा पूरे देश से कांग्रेस पार्टी की निर्वाचित, महिला जनप्रतिनिधि और कांग्रेस की पदाधिकारी भी शामिल हुईं। महिला मार्च में डॉक्टर्स, समाज सेविकाओं, शिक्षिकाओं के साथ समाज के तमाम वर्गों की महिलाएं भी शामिल हुईं।

‘‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’’ कांग्रेस के लिए सिर्फ चुनावी नारा नहीं बल्कि देश-प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक-आर्थिक रूप से सशक्त और सक्षम बनाने के लिए शुरू किया गया आंदोलन है। इसका उद्देश्य भारतीय राजनीति में महिलाओं और उनकी आकांक्षाओं को मुख्यधारा में लाना है। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि पार्टी कुल उम्मीदवारों से 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देगी। पार्टी ने वह वादा पूरा किया और इस विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से 159 महिला उम्मीदवारों को पार्टी ने चुनाव लड़ने का मौका दिया।


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