लखनऊ: घंटाघर पर महिलाओं पर FIR के खिलाफ SDBDA ने कड़ी आपत्ति ज़ाहिर की

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संविधान बचाओ देश बचाओ अभियान को बीते कल लखनऊ पुलिस द्वारा शांतिपूर्वक तरीक़े से घंटाघर पर सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ प्रदर्शनकारी महिलाओं पर जो एफ़आइआर पुलिस ने की है, अभियान के कंवीनर-अमीक जामेई ने इस कृत्य की कड़ी शब्दों में निंदा करती है, उन्होंने कहा- “देश और दुनिया को मालूम है कि शाहीनबाग़ की तर्ज़ पर घंटाघर पर महिलाओ ने अनिश्चितकालीन समय के लिए धरना शुरू किया है, लखनऊ की पुलिस ने 9 डिग्री टेम्परेचर के माहौल में जब महिलाएं प्रदर्शन कर रही देर रात के अंधेरे में प्रदर्शन स्थल पर थी उस वक़्त लखनऊ पुलिस ने कोयले पर पानी डाला और जो भी कम्बल वह मौजूद थे उसको छीन लिया गया और प्रदर्शनकारी महिलाओ से लखनऊ पुलिस ने बदसलूकी की, जिसके बावजूद घंटाघर पर औरते रूह को कंपा देने वाली ठण्ड में संघर्ष में बैठी रही, लखनऊ पुलिस ने उनके कंबल और दरिया लूटी है जिसकी ख़बर पूरे देश दुनिया में लखनऊ पुलिस के कंबल चोर की बतौर मशहूर हुई!”

सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ उत्तर प्रदेश में जो आंदोलन चल रहा है उस आंदोलन की को कन्वीनर सुमैया राना समेत डेढ़ सौ महिलाओ पर लखनऊ पुलिस ने FIR दर्ज की और उन पर दंगा भड़काने, धारा 144 तोड़ने पर एफ़ाइआर दर्ज की है, “संविधान बचाओ देश बचाओ अभियान” उत्तर प्रदेश के कंवीनर-अमीक जामेई मुख्मंत्री योगी आदित्यनाथ जी से पूछना चाहता है तो प्रधानमन्त्री मोदी जी मुस्लिम महिलाओं की बड़ी फ़िक्र करते है देश के गृह मंत्री श्री अमित शाह जी भी ट्रिपल तलाक़ मामले में पूरे देश के मुस्लिम महिलाओं के सबसे बड़े हितैषी होने का दावा कर रहे थे, फिर ऐसा क्या हुआ और यह किसका आदेश था की घंटाघर की महिलाओ से सरकार को इतना डर सता रहा है की सैकड़ो पुरुषो को जेल में डालने के बाद लखनऊ पुलिस अब महिलाओ पर FIR कर रही है? आखिर ऐसा कौन सा कानून है की 21 जनवरी को लखनऊ में धारा 144 लगने के बाद भी श्री अमित शाह जी सीएए-एनआरसी के समर्थन में धरना कर सकते है लेकिन लखनऊ और उत्तर प्रदेश में प्रो सीएए-एनआरसी धरना रैलिया आयोजित करने वालो के लिए इमरजेंसी लागु कर दी गयी है और उनके व महिलाओ के साथ क्रिमनल सा व्यवहार हो रहा है?

“संविधान बचाओ देश बचाओ अभियान” देश की महिलाओं विशेषकर लखनऊ घंटाघर की महिलाओ के साथ है, एसडीबीडीए की को कन्वीनर सुमैया राना ने कहा पुलिस चाहे FIR करले लाठी चलवा दे डंडे बरसा दे टैंक लगा दे, भारत के संविधान के बेसिक प्रियाम्बल के लिए, मुसलमानों के दोयम दर्जे बनाने वाले सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ शांतिपूर्वक डेमोक्रेटिक आन्दोलन और तेज़ होगा!
SDBDA की को कन्वीनर सुमैया राना ने कहा की प्रदेश की पुलिस से हम निवेदन करते हैं कि आप हम महिलाओं को शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन के लिए परमीशन दीजिये, धरना प्रदर्शन आवाज़ उठाना हमारा मौलिक अधिकार है और इसी हम छीनने नहीं देंगे!


जारीकर्ता: अमीक जामेई (कंवीनर)


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