(14 जनवरी मकर संक्रांति का दिन होता है जब राहुल गाँधी अपनी न्याय यात्रा शुरू करेंगे। इस दिन सूर्य अपनी दिशा बदलकर उत्तरायण में प्रवेश करता है। आम लोग तमाम मैल छुड़ाने के…
गोवा मुक्ति दिवस (19 दिसंबर) के आस-पास प्रथम प्रधानमंत्री पं.जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस को कोसने के लिए बीजेपी की ओर से बयानबाज़ी शुरू हो जाती है। ये सिलसिला दो साल से खासतौर पर…
भारत में अल्पसंख्यकों के दमन का आरोप अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा के केंद्र में है। अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने लगातार चौथे साल बिडेन प्रशासन से भारत को “विशेष चिंता का देश”…
अमेरिका के प्रमुख अख़बार वाशिंगटन पोस्ट में छपी एक रिपोर्ट ने अमेरिकी में बसे उन भारतीयों की चिंता बढ़ा दी है जो मोदी राज में अल्पसंख्यकों, वंचितों और आदिवासियों पर होने वाले ज़ुल्म…
मोदी सरकार बनने के बाद भारत में गैरलाभकारी संगठनों के ज़रिए समाज में चेतनानिर्माण का काम करना लगातार मुश्किल होता जा रहा है। यहाँ तक कि मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और गैरलाभकारी संगठनों (एनपीओ) को…
दिल्ली के रामलीला मैदान में आज संविधान बचाओ रैली हुई जिसमें भारी संख्या मे दलित, आदिवासी, ओबीसी, अल्पसंख्यक और धर्मनिरपेक्ष लोगों ने भागीदारी की। रैली में संविधान को बचाने, पुरानी पेंशन प्रणाली (ओपीएस)…
कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसोम के राज्य विधानसभा द्वारा पारित ऐतिहासिक जाति-विरोधी भेदभाव विधेयक को वीटो करने का फ़ैसला किया है। इस फैसले पर आईएएमसी समेत तमाम मानवाधिकार संगठनों ने गहरी निराशा और…
अक्सर पुलिस, जिसे आम तौर पर थाना पुलिस कहते हैं, पर यह आरोप लगता रहता है कि, वे जानबूझकर कर, सुबूतों से छेड़छाड़ कर या बिना सुबूतों के भी कुछ मामलों में फर्जी…
विषेश आलेख: जवाहर लाल नेहरू के जेल जीवन और क्रांतिकारियों से उनके अन्तर्सम्बन्धों को लेकर मैं निरन्तर सोचता रहा। खास तौर पर नेहरू के जेल जीवन के बारे में पढ़कर मुुझे उनके…
न्यूयॉर्क काउंसिल ऑफ चर्च ने एक खुला पत्र जारी करके भारत में ईसाई तथा अन्य अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ जारी हिंदुत्ववादी हिंसा पर “मजबूत ढंग से बोलने” के लिए बाइडन प्रशासन का आह्वान किया।…
अब यह चर्चा आम है कि देश का संविधान ख़तरे में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक सलाहकार विवेक देबरॉय ने इस सिलसिले में अख़बार में लेख भी लिखा है। उन्होंने साफ़ा कहा…
अडानी-हिंडनबर्ग मामले में, अडानी समूह की कंपनियों के खिलाफ, अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाले, एक याचिकाकर्ता ने, अडानी समूह के बारे में, कुछ मीडिया घरानों द्वारा प्रकाशित कतिपय जांच…
चेतन कुमार भारत में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न अब अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनता जा रहा है। यूरोप और अमेरिका में कई मानवाधिकार संगठन ख़ासतौर पर इस मुद्दे पर सक्रिय हैं। ऐसी पहल लेने में…
भारत और इंडिया का विवाद, जानबूझकर पैदा किया गया विवाद है। इसका उद्देश्य है, विपक्षी एकता गठबंधन को, नुकसान पहुंचना और आरएसएस के धर्म आधारित राष्ट्रवाद की चाशनी में एक और भटकाऊ…
मणिपुर नियंत्रित नहीं हो रहा है, जी20 की तैयारियों से परेशान है दिल्ली और प्रधानमंत्री का मंत्रियों को संदेश, “सनातन टिप्पणी पर उपयुक्त जवाब की आवश्यकता है।” आज यही है टीओआई की…
आज के अखबारों में एक प्रमुख खबर का शीर्षक अलग-अलग इस प्रकार है 1.हिन्दुस्तान टाइम्स (अमित) शाह स्टालिन जूनियर के “सनातन” भाषण से संबंधित विवाद पर हमले का नेतृत्व कर रहे हैं (पहले…
शशि अहलावत यह लेख बिहार में स्थित नालंदा बौद्ध महाविहार के ध्वंस की कथा से सम्बन्धित है। व्यापक प्रचलन में कथा यह ही रही है कि पूर्वी भारत में अपने बारहवीं शताब्दी…
क्या ‘सरकार‘ ने अखबारों को भी झांसा दिया? मुझे लगता है हां, इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा भी है राहुल गांधी दो दिन के लद्दाख दौरे पर गुरुवार, 17 अगस्त को लेह…
चेतन कुमार अमेरिका के शिकागो शहर में 14-18 अगस्त के बीच आयोजित ‘विश्व धर्म संसद’ में भारत में बढ़ती सांप्रदायिक नफ़रत, ख़ासतौर पर दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों की ओर से अल्पसंख्यकों पर बढ़ते…
अधिकारियों को ख़बरों पर नजर रखने का सरकारी आदेश भी हिन्दी में पहले पन्ने पर नहीं है दिल्ली दंगे के अभियुक्तों, अकील अहमद, रहीश खान और इरशाद को बरी कर दिये जाने तथा…
ऐसी रिपोर्टिंग संघ परिवार का भला भले करती हो देश का भला कैसे होगा? द टेलीग्राफ की लीड का आज का शीर्षक तथ्य है। फिर भी किसी और अखबार के शीर्षक में…
गोदी मीडिया अभी भी अपनी जिम्मेदारी समझे तो वहां लोगों का भला हो आज के अखबारों में इंडिया के सांसदों के मणिपुर दौरे की खबर टाइम्स ऑफ इंडिया को छोड़कर मेरे…
आज पढ़िये राहुल गांधी का भाषण जो सिर्फ द टेलीग्राफ में लीड है इंडिया नाम से हैरान-परेशान मोदी कुछ भी बोल रहे हैं और अखबार उन्हें हवा दे रहे हैं आज के…
जब विपक्ष प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहा है अखबार बता रहे हैं कि अमित शाह संसद में चर्चा के लिए तैयार हैं और कह रहे हैं, विपक्ष ऐसा नहीं चाहता है…
आज की खबरों से दिख रहा है- प्रशासन चलाने में गोल पर राजनीति बतियाने में सबसे तेज है भाजपा! पढ़िये और समझिये कि मीडिया इस राष्ट्रवादी पार्टी का साथ कैसे दे रहा है…