जब नरेंद्र मोदी ने बाजारू और पूर्व जनरल वी.के.सिंह ने बतौर केंद्रीय मंत्री प्रेस को प्रेस्टीट्यूट कहा तो गिल्ड की आवाज़ क्यों नहीं फूटी थी ?
संजय बारु की यह स्थापना कि कांग्रेस में सत्ता के दो केन्द्र बने हुए हैं- एक मनमोहन सिंह के नेतृत्व में मुक्त बाज़ार के हिमायतियों का और दूसरा सोनिया गाँधी के नेतृत्व में…
पूर्वी उत्तर प्रदेश के 27 जिलों को अलग कर भारत मे 31 वें राज्य बुद्धालैंड की स्थापना की मांग
आम चुनाव के नोटिफेकिशन में सौ दिन से भी कम का वक्त बचा है।
अरबों रुपये की ग्रांट अगर का अगर ज़मीन पर कोई असर नहीं दिखे तो मतलब यही होता है कि पैसा हवा में उड़ा दिया गया
विभिन्न विषयों के जानकार बनें। पर केवल गूगल ज्ञानी न बनें। जाने कि क्या करें।
आप का अपना सकारात्मक एजेंडा सामने नहीं आ सका और पंजाब में सरकार बनाने की हसरत धूल में मिल गई।
सफ़दर की मौत के आठवें दिन शुरू हुए IFFI के उद्घाटन सत्र का आंखों देखा हाल
50 लाख महिलाएँ 620 किलोमीटर मानवशृंखला बनाने उतर पड़ें तो यह सिर्फ़ सरकारी आह्वान का नतीजा नहीं हो सकता।
ममता बनर्जी ने इस फ्रंट के बारे में चुप्पी साध ली।
जितने किसान खुदकुशी करते हैं उससे दोगुना युवा-छात्र-बेरोजगार खुदकुशी करते हैं पर कहेगा कौन ?
काले रंग के मोज़े और जूते को प्रतिबंधित करने देने से सुरक्षा कैसे सुनिश्चित हो सकती है, यह पहेली है
बहुजन राजनीति के संदर्भ में साल भर का लेखाजोखा
यह पूरी योजना गरीब आदमी के हितों के नाम पर बड़ी पावर कंपनियों को लाभ में लाने की योजना है।
किसी षड्यंत्र के तहत कई दिन पहले मर चुकी गायों के कंकाल वहाँ लाये गए लगते हैं।
बुलंदशहर में साम्प्रदायिक भीड़ द्वारा पुलिस अधिकारी और एक युवक की हत्या पर तथ्यान्वेषी रिपोर्ट
राष्ट्र तब बनता है जब वहाँ रहने वाले एक दूसरे के सुख-दु:ख साझा करें- डॉ.आंबेडकर
मेघालय की एनपीपी-भाजपा सरकार 2014 से प्रतिबंधित इन कोयला खदानों को कानूनी वैधता दिलाना चाहती है।
'ये बेवकूफ मुझे जेल का डर दिखाते हैं। जेल तो क्रांतिकारी के लिए गहना होती है जालिमों जेल तो मेरा घर है।'
जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष एन. साई बालाजी ने कहा- " देश के किसानों की तरह अब देश के युवा भी मोदी सरकार को हटाने की हुंकार भरेंगे।
अपने पहले ही संस्करण से समानांतर साहित्य उत्सव की एक बड़ी पहचान, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बन चुकी है।
सौ वाट का बल्ब फ्यूज़ हो रहा है तो ज़ीरो वाट के कई वल्ब भी एकसाथ सोचने लगे हैं कि रोशनी तो वह भी दे देगें।
मंत्रिपद की शपथ के साथ ही कवासी लखमा ने भी यह दोहराया कि बस्तर का विकास होगा और इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए गोली से नहीं बल्कि बातों से काम…
केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकारों ने इतने मनुष्यो को बचाने के लिए किया किया?
कोंटा सीट से चौथी बार विधायक बने कवासी दादी के पास बैठो तो पता चलेगा.