वर्ल्ड बैंक के अधिकारी ने 2017 में ही कह दिया था कि, 'यह चिंता की बात है कि सरकार लोन हासिल किए बिना कमिटमेंट फीस चुका रही है।'
सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस के साथ नहीं रहने से जो त्रिकोणीय चुनावी मुकाबला होगा उसके कारण भाजपा को और भी ज्यादा नुकसान होगा।
कोटलर के मुताबिक राष्ट्र को, जनता को, सरोकार को, विचार को भी बेचा जा सकता है
इनके अलावा 36 ऐसे नाम हैं भी चार्जशीट में हैं जिनके खिलाफ मुकदमा चलाए जाने लायक पर्याप्त सुबूत नहीं मिले हैं
हफ्ते भर पहले बिहार के गया में एक किशोरी का क्षत-विक्षत शव पाया गया था जिसके बाद पूरा शहर भड़क उठा था
पुण्य प्रसून वाजपेयी अब देश के लिये नहीं वोटरों के लिये बनती है पॉलिसी जैसे जैसे लोकसभा चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे-वैसे बिसात पर चली जा रही हर चाल…
दोनों दलों के प्रत्याशी 38-38 सीटों पर लड़ेंगे। बची हुई चार सीटों में से अमेठी व रायरेली की दो सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी जाएंगी और बाकी दो सीटें अन्य गठबंधन सहयोगियों…
सीवीसी उन पर लगाए गए चार आरोप सही बता रही है तो यह बात सुप्रीम कोर्ट को क्यों नही दिखी?
अखबार पत्रिकाओं के चस्के का पहला बडा असर दिखा सागर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग की प्रवेश परीक्षा में जहां अपन अव्वल आये और विभागाध्यक्ष प्रदीप कृष्णात्रे जी की निगाहों में चढ गये।
कॉरपोरेट कंपनियों के कर्मचारियों को ख़ासतौर पर इसका क़हर झेलना पड़ता है और वे कमउम्र में ही तमाम बीमारियों के शिकार बन रहे हैं।
अब ऐसे राजनेता गिनती के भी नहीं बचे जो वोटों के नुकसान की क़ीमत पर सत्य बोल सकें।
कोन थाना क्षेत्र के बरहमोरी बालू साइट पर ग्रामीणों ने बालू खनन ठेकेदार के खिलाफ हल्ला बोल दिया
उन्होंने आरोप लगाया है कि कश्मीर में जारी अंधाधुंध हिंसा पर केंद्र सरकार कोई गंभीर पहल नहीं कर रही है
यह पहली बार हुआ कि किसी प्रधानमंत्री ने किसी अदालती विवाद में खुद को उसके एक पक्ष का पैरोकार बना लिया
'संघ बोलता नहीं बुलवाता है। और कौन बोल रहा है, और आने वाले वक्त में कौन -कौन बोलेगा....इंतजार कीजिये, फरवरी तक बहुत कुछ होगा।
अमित शाह ने कहा, 'युति होगी तो साथी को जिताएंगे नहीं तो पटक देंगे।
मंडल डैम परियोजना से बिहार को सबसे ज्यादा फायदा होगा मगर इसके लिए झारखंड को बड़ी कीमत चुकानी होगी
औसतन हर बरस बीस लाख करोड़ से ज्यादा का चूना, खनन माफिया देश को लगाते हैं।
देश में बेरोज़गारी दर 8-9 फ़ीसदी जा पहुँची है, और शिक्षित बेरोज़गारी दर 16 फ़ीसदी के आसपास है. साल 2018 में ही एक करोड़ से अधिक रोज़गार कम हुआ है.
आरक्षण गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं है। इसका मक़सद सदियों से वंचित समुदायों को शासन-प्रशासन में हिस्सेदारी देकर उन्हें राष्ट्र का अंग होने का अहसास दिलाना है।
क्या संघ नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का विकल्प तलाश रहा है?
क्या 57 महीने की सत्ता भोगने के बाद कोई शर्म, कोई अपराधबोध नहीं है?
छुट्टा सांड उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में बहुत नुक्सान कर रहे हैं.
सीसैट लागू होने के बाद से हिंदी भाषा माध्यम से पेपर देने वाले छात्रों के चयन का आँकड़ा लगातार गिरता जा रहा है
सामाजिक न्याय वाले तो बस गरीबों के लिए न्यूनतम छोड़े गए सार्वजनिक स्कूलों और अस्पतालों को ही बर्बाद करने के बारे में योजना बनाएंगे