हरिद्वार के ‘धर्म संसद’ में नफरत भरे भाषण पर प्रियंका बोलीं- यह हमारे संविधान का उल्लंघन है!

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हाल ही में हरिद्वार में आयोजित एक ‘धर्म संसद’ में कथित रूप से नफरत फैलाने वाले भाषणों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि इस तरह के कृत्य संविधान और कानून का उल्लंघन करते हैं। बता दें कि उत्तर भारतीय राज्य उत्तराखंड में पुलिस ने हिंदू नेताओं द्वारा मुसलमानों के खिलाफ हिंसा के आह्वान के बाद आज से जांच शुरू की है।

निंदनीय है कि वह हिंसा करने का खुला आह्वान करने के बाद भी बच जाएंं: प्रियांका गांधी

हरिद्वार कॉन्क्लेव में की गई टिप्पणी पर निशाना साधते हुए प्रियंका गांधी ने ट्वीट में कहा, “इस तरह की नफरत और हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। यह निंदनीय है कि वे हमारे आदरणीय पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या करने और विभिन्न समुदायों के लोगों के खिलाफ हिंसा करने का खुला आह्वान करने के बाद भी यूं ही बच जाएं। इस तरह के कृत्य हमारे संविधान और हमारी भूमि के कानून का उल्लंघन करते हैं।”

तृणमूल कांग्रेस ने भी की कार्रवाई की मांग..

वहीं, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने भी हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ के आयोजकों और वक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, जहां कथित तौर पर मुसलमानों के खिलाफ “घृणास्पद भाषण” दिए गए थे। हरिद्वार जिले के ज्वालापुर थाने में उन्होंने इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। बता दें कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी नेताओं ने गुरुवार को भी हरिद्वार में आयोजित “अभद्र भाषा सम्मेलन” की निंदा की थी और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आह्वान किया था।

नरसिंहानंद ने किया था धर्म संसद का आयोजन..

दरअसल, धर्म संसद 17-19 दिसंबर तक उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित किया गया था। भड़काऊ भाषण देने वाले हिंदू धर्मगुरुओं की एक बैठक का वीडियो इस सप्ताह की शुरुआत में वायरल हुआ, जिससे आक्रोश फैल गया। बता दें कि हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में धर्म संसद का आयोजन जूना अखाड़े के यति नरसिंहानंद गिरि द्वारा किया गया था, जो पहले भी कई बार नफरत भरे भाषण देते और मुसलमानों के खिलाफ हिंसा भड़काते नज़र आए हैं।

जितेंद्र त्यागी और अन्य के खिलाफ धारा 153ए के तहत FIR दर्ज..

इस मामले में उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने शुक्रवार को कहा कि पहाड़ी राज्य में ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डीजीपी ने बताया कि, आईपीसी की धारा 153 ए के तहत मामला दर्ज किया गया है। हम कानून के अनुसार जांच करेंगे और इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं, उत्तराखंड पुलिस ने ट्वीट भी किया है कि वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी और अन्य के खिलाफ हरिद्वार में धारा 153ए आईपीसी के तहत एक धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर कथित तौर पर नफरत फैलाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है। बता दें कि वसीम रिजवी उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व प्रमुख रह चुके हैं। उन्होंने हाल की में अपना धर्म परिवर्तन किया और उन्हें अब जितेंद्र नारायण त्यागी के नाम से जाना जाता है।

भाजपा नेता, धार्मिक नेता और हिंदू संगठनों के प्रमुखों ने भड़काऊ भाषण..

हरिद्वार में आयोजित इस सभा में कई भाजपा नेता, धार्मिक नेता और हिंदू संगठनों के प्रमुखों ने भड़काऊ भाषण दिए थे। वायरस वीडियो में, नरसिंहानंद ने कथित तौर पर हिंदू युवाओं को लिट्टे नेता प्रभाकरन की तरह बनने के लिए 1 करोड़ रुपये की पेशकश की है क्योंकि उन्होंने हिंदू युवाओं को “प्रभाकरन” और “भिंडरांवाले” जैसा बनने का आह्वान किया था।