किसानों ने तोड़ा मोदी सरकार का दंभ, दिल्ली प्रवेश की इजाज़त, निरंकारी मैदान में होगा जमावड़ा

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किसानों के आंदोलन के सामने आखिरकार मोदी सरकार को झुकना पड़ा। दिल्ली पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन की शर्त पर किसानों को दिल्ली में प्रवेश की इजाज़त दे दी। किसान बुराड़ी के निरंकारी मैदान में प्रदर्शन करेंगे।

स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने ट्वीट पर कहा कि “संयुक्त किसान मोर्चा की चिट्ठी पर सरकार झुकी, बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में आने की किसानों को मिली अनुमति। औपचारिक घोषणा कुछ ही समय में।

आखिरकार किसान “दिल्ली चलो” में सफल हुए!”

इससे पहले किसान संगठनों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को एक खुला खत लिखा गया था जिसमें दिल्ली में प्रवेश करने और शांतिपूर्ण प्रदर्शन रोकने की इजाज़त देने की माँग की गयी थी। उनका साफ कहना है कि दिल्ली ने उनके जीवन को नये कृषि कानूनों के ज़रिये असुरक्षित बनाया है, उन्हें पूरा हक़ है कि दिल्ली में आकर वे विरोध प्रदर्शन करें।

उधर, दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने खेल स्टेडियमों को जेल बनाने की इजाज़त देने से इंकार करके पुलिस की मुसीबत बढ़ा दी थी। दूसरी तरफ़ दिल्ली की सीमाओं पर युद्ध जैसे दृश्य नज़र आ रहे थे। आँसूगैस के गोले और पानी की बौछारें डाली जा रही थीं लेकिन किसानों का हौसला डिगा नहीं। उन्होंने सोनीपत और पानीपत में तमाम बैरीकेड तोड़ दिये थे और दिल्ली बार्डर पर जमा हो गये थे। सड़क पर ही उनके लिए लंगर चलने लगा था और तमाम समाजसेवी संगठन किसानों की मदद के लिए सामने आ गये थे। आख़िरकर मोदी सरकार को किसानों को दिल्ली प्रवेश की इजाज़त देनी पड़ी।

कांग्रेस की ओर से इस आंदोलन को पूरा समर्थन दिया जा रहा है। आज फिर पार्टी महासचिव प्रियंका गाँधी ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया-

उधर, अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा की भेजी रिपोर्ट के मुताबिक-

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश के 500 से ज्यादा किसान संगठनों के “दिल्ली चलो” आह्वान के तहत किसान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड रुलदू सिंह मानसा और बीकेयू धकौदा के नेता जगमोहन सिंह के नेतृत्व में पुलिस बेरिकेट तोड़ दसियों हजार किसानों ने 26 नवम्बर को हरियाणा में प्रवेश कर लिया है। 400 ट्रैक्टर, दर्जनों ट्रक व सैकड़ों मोटरसाइकिलों पर सवार किसानों का यह बड़ा जत्था अब चार बेरिकेटों को तोड़ते हुए हरियाणा के हिसार के पास पहुंच गया है। पीछे से आ रहा 250 ट्रैक्टर ट्रालियों का दूसरा काफिला भी उनसे रात्रि विश्राम स्थल पर मिला। शम्भुजी, रतिया, सरदूलगढ़ व खनौरी बैरीगेड के हर नाके से दसियों (10,000) किसान हरियाणा में दाखिल हुए हैं और ये बहादुरगढ़ सांपला की तरफ जाएंगे।

किसानों के सभी जत्थे रात्रि विश्राम के बाद आज सुबह यात्रा फिर शुरू कर दी है। नेशनल हाइवे नंबर 1 के जत्थों का नेतृत्व बीकेयू नेता बलबीर सिंह राजेवाल और डॉ सतनाम सिंह अजनाला कर रहे हैं। ये जत्थे भी अम्बाला का बेरिकेट तोड़ देर रात तक तमाम अन्य बेरिकेटों को तोड़ते हुए करनाल पहुंच चुके हैं। इसमें भी 20,000 के करीब किसान शामिल हैं। इसके अलावा भी भारी संख्या में पंजाब व हरियाणा के किसानों के जत्थे विभिन्न मार्गों से दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। पुलिस द्वारा सड़कों पर खड़े अवरोधों को हटाने के लिए हरियाणा के किसान भी जगह-जगह खोदी गई सड़कों के गड्ढे भर रहे हैं। ताकि किसानों के जत्थे दिल्ली की ओर जा सकें। किसान महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कामरेड प्रमसिंह गहलावत भी हरियाणा में किसान संगठनों के साथ किसानों के जत्थों को आगे बढ़ने की योजना में लगे हैं।

पंजाब से दिल्ली मार्च कर रहे किसान जत्थों में अखिल भारतीय किसान महासभा से सम्बद्ध पंजाब किसान यूनियन ने अपने नेताओं को जिलेवार किसान जत्थों के नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंपी है। मानसा से कामरेड रुलदू सिंह मानसा, गुरनाम सिंह भीखी, जसबीर कौर नत्त, जिला प्रधान रामफल सिंह चक्क, अलीशेर, भोला सिंह समाओं, सुरजीत सिंह हैपी हैं। जिला बरनाला  से जग्गा सिंह बदला, मोहन सिंह रूड़ेके, जिला बठिंडा से गुरतेज सिंह महिराज, जिला फरीदकोट से बलराज सिंह, जिला संगरूर से सुखदेव सिंह, बलबीर सिंह जरूर, जिला गुरदासपुर से बलबीर सिंह रंधावा, सुखदेव सिंह भागोकांवा, जिला मोहाली से अमन रतिया और जगदीप सिंह, जिला फतहिगड़ साहिब से गुरिंदर सिंह मुख्य रूप से किसान जत्थों की अगुवाई कर रहे हैं।

वहीं गुरुवार 26 नवम्बर को तमाम रुकावटों के बाद भी दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसानों और मजदूरों ने प्रदर्शन किया। उनके समर्थन में छात्र संगठन आइसा और एसएफआई के कार्यकर्ता भी जंतर मंतर प्रदर्शन में शामिल हुए। जंतर मंतर पर पर प्रदर्शन करते किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव कामरेड पुरुषोत्तम शर्मा, अखिल भारतीय किसान सभा के नेता कृष्णा प्रसाद, जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आईसी घोष सहित सैकड़ों लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। गिरफ्तार होने वालों में कई ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता तथा आप पार्टी से बाहर निकले पंजाब के चार विधायक भी शामिल थे।

वहीं गुरुग्राम से किसानों के जत्थे के साथ दिल्ली आ रहे स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव को भी पुलिस ने गुरुग्राम में गिरफ्तार किया। अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा भी को जंतर-मंतर पर तब गिरफ्तार किया गया जब जनचौक कि संवाददाता बीना उनका इंटरव्यू ले रही थी। पुलिस ने बार बार बताने पर भी कि बीना पत्रकार हैं, उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया। शाम तक सभी गिरफ्तार लोगों को छोड़ दिया गया। 25 नवम्बर की रात को ही राजस्थान के रास्ते आगरा जिले में प्रवेश करते सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और प्रतिभा सिंदे सहित उनके साथ दिल्ली आ रहे महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक के 400 किसानों के जत्थे को यूपी पुलिस ने राज्य में प्रवेश करने से रोक दिया। खबर है मेधा पाटकर और प्रतिभा सिंदे को भी गिरफ्तार किया गया।

26-27 नवम्बर को देश भर में किसान संगठन सभी जिला, तहसील व ब्लाक कार्यालयों पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इन कार्यक्रमों में भी लाखों किसानों ने 26 नवम्बर को हिस्सा लिया। 27 नवम्बर को भी देश भर में किसानों के प्रदर्शन/धरने जारी रहेंगे। उधर पंजाब और दिल्ली से सटे हरियाणा के सील किए गए बार्डरों पर लाखों किसानों का जमावड़ा होता जा रहा है। हरियाणा के बार्डरों पर रोके गए किसान जत्थे 3 दिसंबर केंद्र सरकार से वार्ता तक वहीं जमे रहेंगे। उत्तर प्रदेश के बार्डरों से भी किसानों के जत्थों को बुधवार की रात से ही रोका गया।

26 नवम्बर को बिहार विधान सभा के समक्ष भाकपा (माले) के नव निर्वाचित विधायकों ने प्रदर्शन कर केंद्र के कृषि कानूनों को राज्य में अप्रभावी बनाने के  विधेयक लाने की मांग की। बिहार राज्य के कई जिलों में जिला मुख्यालय अनुमंडल मुख्यालय तथा प्रखंड मुख्यालयों पर खेती किसानी से संबंधित तीनों काले कानूनों के खिलाफ तथा नए बिजली बिल 2020 के खिलाफ केंद्र सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन विरोध मार्च आयोजित किए गए। साथ ही संबंधित पदाधिकारियों के माध्यम से मांग पत्र प्रधानमंत्री के नाम सुपुर्द किया गया। वैशाली जिला के हाजीपुर मुख्यालय पर मार्च के बाद प्रदर्शन करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य अध्यक्ष विशेश्वर यादव के नेतृत्व में सभा की गई सभा में मांगों के साथ-साथ कल दिल्ली राजधानी के लिए कुच कर रही जनता पर हरियाणा व पंजाब में चलाए गए दमन की कड़ी शब्दों में निंदा किया गया।

पटना जिला के फतवा ब्लॉक पर कार्यक्रम का नेतृत्व अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सह सचिव उमेश सिंह ने किया। दाउदनगर अनुमंडल कार्यालय पर धरना को अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव राजाराम सिंह ने संबोधित किया। नवादा जिला मुख्यालय पर धरना को किशोरी प्रसाद, जहानाबाद के हुलासगंज ब्लॉक, मोदनगंज ब्लॉक घोसी ब्लॉक तथा काको ब्लॉक पर धरना दिया गया। धरना का नेतृत्व क्रमशः जगदीश पासवान, राजनंदन यादव तथा शौकीन यादव ने किया। इस जिला के तीनों प्रखंडों पर अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सचिव रामाधार सिंह ने संबोधित किया। सभी प्रखंड पर 9 सूत्री मांगों को प्रखंड विकास पदाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को प्रेषित मांग पत्र भेजा गया। राज्य के सभी प्रखंडों पर 27 नवम्बर को किसान धरना प्रदर्शन करेंगे।

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिला मुख्यालय पर अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा के नेतृत्व में किसानों ने प्रदर्शन किया। सुल्तानपुर, सीतापुर, इलाहाबाद सहित कई जिलों से भी किसानों के प्रदर्शनों की खबरें हैं। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने 27 नवम्बर से यूपी सहित कई राज्यों में सड़कें जाम करने की घोषणा की है।

पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, असम, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखण्ड, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक सहित सभी राज्यों में बड़े पैमाने पर किसानों के सड़कों में उतरने की खबरें है। इस आंदोलन में किसानों के साझे मोर्चे में शामिल 500 संगठनों के अलावा भी कई अन्य संगठनों की सक्रिय भागीदारी दिख रही है।