किसान महापंचायतों में उमड़ रही भारी भीड़, 26 फरवरी को ‘युवा किसान दिवस’!

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मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ और एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने की मांग को लेकर चल रहा किसान आंदोलन आज 93वें दिन जारी रहा। दिल्ली के बॉर्डर्स पर जहां किसान मोर्चा लगाए हुए बैठे हैं, वहीं देशभर में किसान महापंचायतों का दौर जारी है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के बाद अब राजस्थान में भी बड़ी बड़ी किसान महापंचायतें हो रही हैं। इन महापंचायतों में भारी भीड़ उमड़ रही है। राजस्थान के करौली में आज हुई किसान महापंचायत में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। इस महापंचायत को ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ के नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव और अमराराम समेत कई नेताओं ने संबोधित किया।

किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि किसान दिल्ली से हार कर वापस नहीं आएगा। दिल्ली की सरकार कान खोलकर सुन ले- जब तक कृषि कानून वापस नहीं होंगे और एमएसपी का कानून नहीं बनेगा तब तक किसान वापस नहीं लौटेगा। उन्होंने कहा कि ये लड़ाई किसी जाति बिरादरी की नहीं है, ये लड़ाई किसान के अस्तित्व की है। इस लड़ाई को हमें मजबूती के साथ लड़ना है। जति, धर्म, गोत्र और खाप को छोड़कर ये किसान और मजदूर की लड़ाई है।

राकेश टिकैत ने कहा कि ये लड़ाई है कि गरीब को रोटी तिजोरी में बंद न हो, ये लड़ाई है कि व्यापारियों के चंगुल में अनाज न जाए। ये लड़ाई है कि किसानों को फसलों के दम मिलें। उन्होंने कहा कि 24 मार्च तक विभिन्न स्थानों पर किसान महापंचायतों के कार्यक्रम लगे हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल, असम, कर्नाटक, तमिलनाड़ु और महाराष्ट्र भी जाएंगे। पूरे देश में आंदोलन खड़ा करेंगे।

योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार ने सोचा कि आंदोलन को उखाड़ फैंकेगे। लेकिन, अब यह आंदोलन पूरे देश में फैलने लगा है। देश में सौ से ज्यादा महापंचायतें हो चुकी हैं। किसान के सम्मान को ठेस पहुंची है। आंदोलन को खत्म करने की कोशिशों के चलते सरकार को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।

योगेंद्र यादव ने कहा कि पहले दरबारी मीडिया के जरिए बदनाम करने, फिर स्थानीय लोगों के नाम पर पुलिस के संरक्षण में गुंडों के हमले, ऊपर से किसानों के खिलाफ मुकदमे ठोककर सत्ताधारियों ने सोचा कि आंदोलन को रातोंरात खत्म कर दिया जाएगा। लेकिन किसानों ने बाजी पलट दी।

इस बीच ‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ ने परिवहन व व्यापार संगठनों के आह्वान पर 26 फरवरी को घोषित “भारत बंद” का पूर्ण रूप से समर्थन किया है। किसान मोर्चा ने कहा कि हम देशभर के किसानों से अपील करते है कि कल सभी प्रदर्शनकारियों का कंधा से कंधा मिलाकर सहयोग करें व शांतिपूर्ण तरीके से भारत बंद को सफल बनायें।

‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ ने दिल्ली में 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के बारे में, अपने विद्यार्थियों को एक निबंध लिखने के लिए छात्रों को पूर्वाग्रह से ग्रसित अनुमानों के आधार पर तर्कहीन सवाल पूछने के लिए चेन्नई के गोपालपुरम के डीएवी स्कूल के प्रबंधन की निंदा की है। किसान मोर्चा ने कहा कि ये सवाल किसानों व उनके शांतमयी प्रदर्शन के खिलाफ प्रबंधन के पूर्वाग्रह को दर्शाते हैं।

इसके साथ ही ‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ ने ऐलान किया है कि युवाओं के कृषि और किसान आन्दोलन में अहम भागीदारी का सम्मान करते हुए कल 26 फरवरी को ‘युवा किसान दिवस’ मनाया जाएगा। इस दिन सभी मंचों का संचालन युवा ही करेंगे एवं वक्ता भी युवा ही होंगे।

‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ ने हरियाणा विधानसभा के निर्दलीय सदस्य बलराज कुंडू पर राजनीतिक रूप से प्रेरित आईटी छापे की निंदा की। कुंडू हरियाणा में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के मुखर विरोधी रहे हैं;  वह किसानों के आंदोलन का सक्रिय रूप से समर्थन कर रहे हैं।

‘सयुंक्त किसान मोर्चा’ ने बताया कि नए कृषि कानूनों व चल रहे किसान आंदोलन सम्बध में 26 फरवरी को एक ‘ग्लोबल लाइव वेबिनार’ आयोजित किया जा रहा है। इस वेबिनार में किसान संगठनों के नेता व अन्य लोग मौजूद रहेंगे। इस वेबिनार के लिए पंजीकरण करने के लिए इस लिंक का प्रयोग करें – ‘ग्लोबल लाइव वेबिनार’ पंजीकरण