हिरासत से प्रियंका गांधी का ऐलान: छूटते ही जाऊँगी मृत किसानों की परिजनों के पास, यूपी में तानाशाही!

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लखीमपुर खीरी में  किसानों की मौत के बाद यूपी की राजनीति गरमा गयी है। कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गाँधी रात में ही लखनऊ से लखीमपुर के लिए रवाना हो गयीं। लखनऊ में ही पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की फिर भी वे आगे बढ़ती रहीं। उनके साथ बड़ी तादाद में कांग्रेस कार्यकर्ता हैं। उन्होंने कहा है कि हिरासत में लेने के पहले पुलिस ने उनके साथ धक्का मुक्की की और ग़ैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया। प्रियंका को रहने के लिए एक गंदा कमरा दिया गया जिसे उन्होंने खुद झाड़ू लगाकर साफ किया।  प्रियंका गाँधी ने कहा है कि वे जब भी छूटेंगी लखीमपुर जाकर मारे गये किसानों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करेंगी। यह उनका अधिकार है। लेकिन यूपी में तानाशाही है। कोई आवाज़ नहीं उठा सकता।  कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने अपनी बहन का समर्थन करते हुए ट्विटर पर लिखा कि ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

 

प्रियंका के साथ अशालीन व्यवहार

कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उबाल है। बड़ी तादाद में वे सीतापुर पहुँच गये हैं। वे पुलिस की रोक की परवाह नहीं कर रहे हैं। रात में पुलिस ने रोकने की कोशिश में सामान्य नियमों का ख्याल नहीं रखा। प्रियंका गाँधी के साथ पुरुष पुलिसकर्मियों ने बदसलूकी की। उन्होंने घसीटकर गाड़ी में बैठाने की कोशिश की गयी। उनके साथ सांसद दीपेंद्र हुड्डा के साथ भी धक्का-मुक्की की गयी। उन्होंने सुबह चार बजे हिरासत में ले लिया गया।  कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष लल्लू  को भी  पुलिस ने हिरासत में रखा है, उन्हें  पीएसी सेकेंड कमांड के परिसर में रखा गया है। कार्यकर्ता लगातार पुलिस के खिलाफ नारेबाज़ी करते नज़र आये। उधर, लखनऊ में प्रमोद तिवारी, सलमान खुर्शीद और अराधना मिश्र भी नज़रबंद कर दिये गये हैं।

अखिलेश यादव घर से नहीं निकल पाये

लखीमपुर हिंसा के मद्देनज़र पुलिस ने विपक्षी दलों को  नज़रबंद कर दिया। लखनऊ में अखिलेश यादव अपने घर से निकल ही नहीं पाये जिन्हें सुबह लखीमपुर जाना था। दिन में किसी तरह अखिलेश घर से निकले  और बाहर धरने पर बैठ गए । अखिलेश यादव के आवास पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। अखिलेश के साथ सपा नेता राम गोपाल यादव सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद हैं। वहीं, अखिलेश यादव को हिरासत में ले लिया गया। कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है। सपा कार्यकर्ता भी इस मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

 

सतीशचंद्र मिश्र भी नज़रबंद

इसी के साथ बीएसपी के महासचिव सतीशचंद्र मिश्र को भी घर से नहीं निकलने दिया गया। उन्होंने भी लखीमपुर जाने का ऐलान किया था। बसपा सुप्रीम मायावती ने ट्वीट करके इसका विरोध किया है। कुल मिलाकर लखीमपुर की घटना ने यूपी की राजनीति में उबाल ला दिया है।