जहां कुचले गए किसान, 12 को वहीं होगी अंतिम अरदास, बढ़ी जिला प्रशासन की मुश्किलें!

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संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से 3 अक्टूबर को लखीमपुर में हुई हिंसा में शहीद हुए लोगो के लिए 12 अक्टूबर को संयुक्त अरदास की घोषणा कर दी गई है। संयुक्त अरदास की घोषणा से प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन तक में हड़कंप मच गया है। क्योंकि लखीमपुर खीरी की तिकुनिया घटना को लेकर भाकियू नेता राकेश टिकैत ने देश और राज्य सरकार को अंतिम चेतावनी दी थी कि यदि संघर्ष में मारे गए किसानों की संयुक्त अरदास तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त और उनके बेटे को गिरफ्तार नहीं किया गया तो पूरे देश में आंदोलन शुरू हो जाएगा।

अब पुलिस के पास 72 घंटे शेष, नही तो आंदोलन शुरू..

आज 9 अक्टूबर है और अभी तक न मंत्री बर्खास्त हुए है न ही मुख्य आरोपी बेटा गिरफ्तार। 7 अक्टूबर को समन भेज कर उसे बयान देने के लिए 8 अक्टूबर की सुबह बुलाया गया था लेकिन वह हाज़िर नही हुआ। पुलिस ने दोबारा मंत्री के घर के बाहर नोटिस लगा कर आज 11 बजे तक आशीष मिश्रा को बुलाया है अगर वह नही आया तो जिला प्रशासन की मुश्किल बढ़ सकती है। क्योंकि 12 अक्टूबर को 72 घंटे ही बचे हैं। लेकिन अभी तक न तो बर्खास्तगी और न ही गिरफ्तारी हुई है। तिकुनिया में हुए हिंसक बवाल को लेकर जिले में ही नहीं, बल्कि प्रदेश व देश में बेहद तनाव है। अगर 72 घंटे में गिरफ्तारी और बर्खास्तगी नही हुई तो पूरे देश में आंदोलन शुरू हो सकता है।

राकेश टिकैत ने प्रेसवार्ता में कहा था…

भारतीय किसान यूनियन प्रमुख राकेश टिकैत ने बुधवार को जिले में आकर मोहल्ला हाथीपुर स्थित गुरुद्वारा गुरुसिंह सभा में संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि चारों मृतक किसानों की संयुक्त अंतिम अरदास एक ही स्थान पर होगी, जिसकी तिथि यूनाइटेड किसान मोर्चा द्वारा तय होगी। हालांकि अब संयुक्त मोर्चा ने संयुक्त अंतिम अरदास की तिथि 12 अक्टूबर घोषित कर दी है और महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज क्रीड़ा स्थल का स्थान तय कर इसका पोस्टर जारी कर दिया है।