छात्र-युवाओं ने विधानसभा मार्च कर कहा-‘हेमंत सरकार वादा निभाओ, रोजगार कहां है यह बतलाओ!’

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झारखड़ के छात्र- युवाओं ने ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन( आइसा) और इंक़लाबी नौजवान सभा (आरवाईए) के बैनर तले रोजगार के सवाल पर आज रांची में जोरदार दस्तक दी। छात्र-युवाओं ने ‘हेमंत सरकार वादा निभाओ, रोजगार कहां है यह बतलाओ’ नारे के साथ हटिया स्टेशन से झारखंड विधानसभा तक मार्च किया। मार्च के बाद विधानसभा के समक्ष सभा की गई। विधानसभा मार्चा में आरवाईए के राष्ट्रीय महासचिव नीरज कुमार, आइसा के कार्यकारी राष्ट्रीय महासचिव प्रसेनजीत कुमार और वगोदर से माले विधायक विनोद सिंह समेत कई छात्र-युवा नेता शामिल थे।

छात्र-युवाओं की सभा को संबोधित करते हुए इंक़लाबी नौजवान सभा (RYA) के महासचिव नीरज कुमार ने कहा देश में बेरोजगारी पिछले 45 साल में सबसे अधिक है और झारखंड अधिकतम बेरोजगारी वाले राज्यों में से एक है। हेमंत सरकार ने 5 लाख रोजगार देने का वादा कर सत्ता में आई लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। हेमंत सरकार रोजगार देने की गारंटी करे।

नीरज कुमार ने कहा कि मोदी सरकार कोरोना के नाम पर देश पर लॉकडाउन थोप कर देश को और भी बड़े तबाही-बर्बादी-मुसीबत में धकेल दिया। इस मुसीबत का फायदा उठाकर मोदी सरकार खेती किसानी को कंपनियों के हवाले करने वाला कृषि कानून लेकर आई। भारतीय रेल आज निलामी के बाजार में लाकर रख दिया गया है। देश ने पिछले 70-72 सालों में जो कुछ भी सरकारी कंपनियां हासिल किया आज सबको औने-पौने दाम पर अपने चहेते पूंजीपतियों के  हवाले किया जा रहा है। हेमंत सरकार इसके खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पाए।

भाकपा माले के वगोदर विधायक विनोद सिंह ने कहा सरकार ने बेरोजगारी भत्ता देने की जो घोषणा की है वह धोखा के अलावे कुछ नहीं है। टेक्निकल एजुकेशन पाप्त छात्रों को सालाना मात्र 5 हजार भत्ता झारखंड के नौजवानों के साथ धोखा नहीं तो और क्या है। ठेका मानदेय पर काम कर रहे कर्मियों को स्थायी करने की दिशा में सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है इस लिए नौजवानों की यह लड़ाई समय की मांग है।

AISA के कार्यकारी महासचिव प्रसेनजीत कुमार ने कहा सरकार ने जो नई शिक्षा नीति लाई है वह आम छात्रों के लिए बेदखली का फरमान है। हेमंत सरकार तुरंत इसे वापस करने की मांग उठाए और सदन में प्रस्ताव लाए। सभी कॉलेजों/विश्वविद्यालयों को अविलंब खोला जाय।

सभा को  संबोधित करते हुए RYA के राज्य अध्यक्ष रामेश्वर चौधरी ने कहा राज्य में छात्राओं और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ बलात्कार हत्या जैसी घटनाओं में वृद्धि हो रही है, बेरोजगारी चरम पर है और यह सरकार छात्रों-नौजवानों के सवालों पर संवेदनशील नहीं दिख रही है इसलिए इस लड़ाई को और भी तेज किया जाएगा।

AISA झारखंड के अध्यक्ष शोहेल ने कहा राज्य के अंदर नौकरियों के लाखों की संख्या में पद खाली हैं लेकिन नियुक्तियां बंद हैं। सरकार द्वारा किए गए वादे, प्रतिवर्ष 5 लाख रोजगार और बेरोजगारी भत्ता महज अखबारों की सुर्खियों में बन के रह गए हैं। राज्य की सरकार गठन के 14 महीने से ज्यादा हो गए परंतु रोजगार सहित ज्वलंत सवालों पर कोई भी नीति स्पष्ट नहीं दिख रही है दूसरी ओर कोरोना के नाम पर छात्रों का एक साल बर्बाद हो गया है।

छात्र-युवा नेताओं ने कहा कि गरीब छात्रों को पैसे के अभाव में रूम वह हॉस्टल से धक्का मार के निकाला गया है। राज्य के अंदर बाजार और यातायात शुरू हो गए परंतु अभी तक स्कूल कॉलेज में सुचारू रूप से फिजिकल क्लास शुरू नहीं हो पाई है। ऊपर से छात्रवृत्ति में कटौती और ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है। झारखंड में 80% छात्रों के पास लैपटॉप या एंड्रॉयड फोन रिचार्ज के पैसे व बिजली उपलब्ध नहीं है। आखिर गरीब छात्र ऑनलाइन शिक्षा कैसे प्राप्त करेंगे। सरकार इसपर ठोस कदम उठाए।

सभा को RYA राष्ट्रीय सचिव संदीप जायसवाल, गिरिडीह  जिला सचिव विनय संथालिया समेत कई वक्ताओं ने संबोधित किया। संचालन तरुण कुमार ने किया।

 

विधानसभा मार्च में छात्र-युवाओं की मांगें

 

  1. 5 लाख रोजगार देने का वादा पूरा किया जाय व तमाम रिक्त पड़े नियुक्तियों को अविलंब पूरा किया जाय।
  2. सभी शिक्षित बेरोजगारों का जिले में अविलंब रजिस्ट्रेशन कर  बेरोजगारी भत्ता न्यूनतम 10000 रुपये प्रति महीना सुनिश्चित किया जाय।
  3. रेलवे सहित तमाम सरकारी संस्थानों को बेचे जाने के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया जाय।
  4. प्राइवेट कंपनियों में झारखंड के नौजवानों के लिए 80% सीट आरक्षित  किया जाय।
  5. पारा शिक्षक, सहिया, आंगनबाड़ी सेविका, रसोईया आदि संविदा आधारित कर्मियों को अविलंब स्थाई नियुक्ति दी जाय।
  6. सभी स्कूलों,कॉलेजों, पुस्तकालयों, छात्रावासों को तुरंत खोलें एवं कक्षाएं शुरू की जाए।
  7. नई शिक्षा नीति 2020′ वापस लेने हेतु विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया जाय और सत्र 2020 से 22 तक के छात्रों का फी माफ हो, छात्रवृत्ति कटौती वापस लिया जाय।
  8. जे पी एस सी की अनियमितता को दूर कर समय सीमा में परीक्षा व परिणाम घोषित करने की गारंटी करे।
  9. अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के लिए राज्य में उर्दू अकादमी का विशेष शाखा बनाया जाए।