जामिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी ने 15 दिसंबर की शाम जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में पढ़ रहे स्टूडेंट्स पर लाठीचार्ज का वीडियो जारी किया है. जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी की ओर से रिलीज किए गए इस वीडियो को यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी का बताया जा रहा है. करीब 49 सेकंड की इस क्लिप में दिल्ली पुलिस के जवान लाइब्रेरी में बैठे बच्चों पर लाठीचार्ज करते दिख रहे हैं.
Exclusive CCTV Footage of Police Brutality in Old Reading Hall, First floor-M.A/M.Phill Section on
15/12/2019
Shame on you @DelhiPolice @ndtvindia @ttindia @tehseenp @RanaAyyub @Mdzeeshanayyub @ReallySwara @ANI @CNN @ReutersIndia @AltNews @BBCHindi @the_hindu @TheQuint @BDUTT pic.twitter.com/q2Z9Xq7lxv— Jamia Coordination Committee (@Jamia_JCC) February 15, 2020
जामिया यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में लाठीचार्ज पर दिल्ली पुलिस ने कहा कि वे इसकी जांच कर रही है. वीडियो सामने आने के बाद स्पेशल कमिश्नर (क्राइम) प्रवीर रंजन ने कहा- हमने जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी (लाइब्रेरी) के ताजा वीडियो को संज्ञान में लिया है, जो अभी वायरल हो रहा है, हम इसकी जांच करेंगे.
Special Commissioner (Crime) Praveer Ranjan: We have taken cognizance of the latest video(of December 15) of Jamia Millia Islamia University(library) which has surfaced now, we will investigate it. #Delhi pic.twitter.com/Zi6A5eASNk
— ANI (@ANI) February 16, 2020
वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि ओल्ड रीडिंग हॉल में कुछ स्टूडेंट्स बैठे हुए पढ़ाई कर रहे हैं. एक स्टूडेंट पुलिस को देखकर टेबल के नीचे छुप जाता है. एक स्टूडेंट पुलिस से बचने के लिए इधर-उधर भगता हुआ दिख रहा है. जामिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी ने वीडियो जारी करने के साथ ही पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है.
Watch this and realise what kind of trauma and brutality #JamiaMilliaIslamia students faced on the hands of @DelhiPolice.
Students studying in library are being attacked and brutalised for no fault of theirs.#JamiaProtests pic.twitter.com/1yxRK0Ic7b
— Jamia Millia Islamia (@jamiamillia_) February 16, 2020
जामिया यूनिवर्सिटी में 15 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा का बहाना बना कर पुलिस ने यूनिवर्सिटी परिसर में घुसकर छात्रों पर बर्बरता से लाठीचार्ज किया था जिसमें कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गये थे. बाद में प्रदर्शन कर रहे छात्रों के खिलाफ जामिया परिसर में कथित तौर पर पुलिस कार्रवाई से विवाद खड़ा हो गया था. यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर वसीम अहमद खान ने कहा था कि पुलिस विश्वविद्यालय प्रशासन की बिना अनुमति के ही परिसर में घुसी. फिर छात्रों को पीटा गया और उन्हें कैंपस से बाहर निकाला गया.
बता दें कि, पुलिस ने लाइब्रेरी और बाथरूम में घुसकर तोड़फोड़ और लाठीचार्ज कर छात्रों को बाहर निकाला था.पुलिस का कहना था कि कुछ उपद्रवी कैम्पस में दाखिल हो गए थे, जिनके पीछे पुलिस गई.
बता दें कि, जामिया की वाइस चांसलर नजमा अख्तर ने घटना के बाद कहा था कि पुलिस बिना इजाजत कैम्पस में घुसी और मासूम छात्रों को पीटा। हमारी एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई. जरूरत पड़ी तो हम इस मामले में हाईकोर्ट जाएंगे. कुलपति के इस जवाब पर छात्रों ने नारेबाजी की और कहा था कि हमें आपकी बात पर भरोसा नहीं है.