RCEP: देश में जबरदस्त विरोध के चलते PM मोदी ने लिया बाहर रहने का फैसला

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क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी यानि रीजनल कंप्रेहेंसिव इकनॉमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) में भारत ने शामिल होने से इनकार कर दिया है. यह एलान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आरसीईपी समिट में अपने भाषण के दौरान किया. पीएम ने कहा कि आरसीईपी वार्ताओं में भारत की चिंताओं को दूर नहीं किया जा सका है. इसके मद्देनजर भारत ने यह फैसला किया है.

दरअसल देश भर में क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौते के खिलाफ चल रहे जबरदस्त विरोध के चलते प्रधानमंत्री मोदी को आरसीईपी में शामिल न होने का निर्णय लेना पड़ा है. इस निर्णय के लिए स्वदेशी जागरण मंच ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है.

वहीं कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि आरसीईपी में भारत के शामिल न होने के निर्णय के पीछे कांग्रेस पार्टी का विरोध सबसे बड़ा कारक है. कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा सरकार जबरन RCEP समझौते पर दस्तखत कर देश के किसानों, मछुआरों, लघु व मध्यम उद्योगों के हितों की बली दे रही थी.आज जब भाजपा व श्री अमित शाह अपनी झूठी पीठ थपथपा रहे हैं तो उन्हे सनद रहे कि कांग्रेस के विरोध के चलते ही सरकार को यह निर्णय वापस लेना पड़ा. उन्होंने इसे ‘राष्ट्र हित’ की जीत कहा है.

गौरतलब है कि आरसीईपी को लेकर देश भर में विरोध चल रहा था. खुद भाजपा से जुड़ा स्वदेशी जागरण मंच इस समझौते का विरोध कर रहा था.

4 नवंबर को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) के आह्वान पर देश भर के किसानों ने आरसीईपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

वहीं बीजेपी का कहना कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश के गरीबों के हित में यह साहसिक निर्णय लिया है. हालांकि पीयूष गोयल प्रतिक्रिया अब तक नहीं मिली है.

जबकि अभी कुछ दिन पहले तक मोदी कैबिनेट में व्यापार मंत्री पीयूष गोयल कहते रहे हैं कि यदि भारत इसमें शामिल नहीं हुआ तो अलग-थलग पड़ जायेगा !

प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट किया है.

यह समझौता 10 आसियान देशों (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ) और छह व्यापार देशों -भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच होना था. आसियान देशों में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, थाइलैंड, फिलीपींस, लाओस और विएतनाम शामिल हैं. वर्ष 2012 में भारत ने इसमें शामिल होने की रजामंदी जताई थी.


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