“मेरी माँ को कैंसर था, पर उनकी मौत कोरोना के कारण हुई !”

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समाजवादी जनपरिषद की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. स्वाति का 2 मई की शाम बनारस में निधन हो गया। वे कई महीनों से बीमार थीं। वे बनारस विश्वविद्यालय ( BHU )में फिजिक्स की प्रोफेसर और चर्चित समाजवादी नेता अफ़लातून देसाई की जीनवसाथी थीं। उनकी बेटी प्योली स्वातिजा सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं और उन्होंने ही हरिश्चंद्र घाट में उन्हें मुखाग्नि दी। गहरे शोक में डूबी प्योली ने अपने फेसबुक पर जो लिखा है वह बताता है कि कोरोना काल में सरकारें कैसे तमाम दूसरी बीमारियों के प्रति आपराधिक लापरवाही बरत रही हैं। डा.स्वाति की मौत भी इसी का नतीजा है। पढ़िये – 

“मेरी माँ को कैंसर था। पर उनकी मौत कोरोना के कारण हुई। कोरोना पॉज़िटिव नहीं थीं वह।

दस महीने पहले जब माँ की बीमारी (मल्टिपल मायलोमा) का पता चला तभी डॉक्टर्स ने कह दिया था कि ये बीमारी लाइलाज है, पर इसका बेहतर मैनेजमेंट कर के इसके साथ जिया जा सकता है। ये बीमारी शरीर के सभी हिस्सों, विशेषकर किडनी और हड्डियों पर असर करती है। इसलिए विशेष मैनेजमेंट की दरकार रखती है।

क्रूरता की हद तक मूर्खतापूर्ण इस लॉकडाउन ने पूरे देश को मिसमैनेज किया है। मेरी माँ की बीमारी भी मिसमैनेज की गई। डायलिसिस के दौरान उनका BP लो हो जाया करता था, कई मरीजों का हो जाता है। परसों डिप करने लगा तो डॉक्टर्स ने कहा कि ऐसी हालत में हम हमेशा ICU में भर्ती कर देते हैं। पर BHU हॉस्पिटल का ICU पहले कोरोना वार्ड बना दिया था और फिर उसे disinfect नहीं किया तो हॉस्पिटल में ICU अवेलेबल ही नहीं है। डायलिसिस वॉर्ड के ठीक नीचे की मंज़िल वाले खाली पड़े ICU में अम्माँ को नहीं ले जाया जा सका।

मेरी माँ अकेली नहीं है। न जाने कितनी बीमारियों के कितने मरीजों को मौत तक पहुँचाएगा यह लॉक डाउन।

मेरे अंदर इतना गुस्सा है कि वह शोक को उसकी जगह देने को तैयार नहीं है।”

नीचे डॉ.स्वाति की अंतिम यात्रा की दो तस्वीरें–

 

 


 


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