पीएम सरासर झूठ बोल सकते हैं पर हमारा मज़ाक़ करना अपराध: अरुंधति



मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय के ख़िलाफ़ दिल्ली के तिलकनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई गयी है। सुप्रीम कोर्ट के वकील राजीव कुमार रंजन ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि अरुंधति रॉय ने दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित एक सभा में एनपीआर के ख़िलाफ लोगों को भड़काया। उन्होंने लोगों से कहा कि वे सरकारी अफ़सरों को अपने बारे में ग़लत जानकारी दें।

टीवी चैनलों ने इसे लेकर उन्मादी कवरेज किया। इसी के साथ सरकार समर्थकों की ओर से अरुंधति रॉय की गिरफ़्तारी की माँग की जा रही है।

अरुंधति रॉय ने इस संबंध में आज एक बयान जारी करते हुए कहा है कि उन्होंने लोगों से नागरिक अवज्ञा आंदोलन शुरू करने का आह्वान किया था। उन्होंने सवाल किया है कि क्या देश के प्रधानमंत्री का हम लोगों से झूठ बोलना सही और हमारा मज़ाक़ करना अपराध और सुरक्षा के लिए ख़तरा है?

नीचे पढ़िये अरुंधति राय का पूरा बयान-

दिल्ली विश्वविद्यालय में 25 दिसंबर 2019 को नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (जिसे देश नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स के लिए अधिकृत डाटा बेस के रूप में जानता है) के बारे में दिए गए वक्तव्य के बारे में

“मैंने कहा था कि दिल्ली के रामलीला मैदान में 22 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स और डिटेंशन सेंटर नहीं होने के बारे में हम से सरासर झूठ बोला।

मैंने कहा कि इस झूठ के जवाब में हम सबको मिलकर एनपीआर के लिए डाटा एकत्र करने आये लोगों को हास्यास्पद जानकारियाँ देनी चाहिए। दरअसल, मैंने मुस्कराते हुए एक नागरिक अवज्ञा आंदोलन का प्रस्ताव किया था। 

उस समय वहां मौजूद सारे मेनस्ट्रीम टीवी चैनल मौजूद थे जिनके पास मेरे पूरे भाषण का फुटेज है। जाहिर है उन्होंने उसे प्रसारित नहीं किया। वे बस गलत अर्थ लगाकर और भाषण के बारे में झूठ बोलकर लोगों को भड़काने में जुट गये। नतीजा ये है कि मेरी गिरफ़्तारी की माँग हो रही है और टीवी चैनलों ने मेरे घर को घेर लिया है। 

अच्छी बात है कि मेरा भाषण यूट्यूब पर मौजूद है। मेरा सवाल है कि क्या देश के प्रधानमंत्री का हम लोगों से झूठ बोलना सही और हमारा मज़ाक़ करना अपराध और सुरक्षा के लिए ख़तरा है?

अविश्वसनीय समय।!अविश्वसनीय मास मीडिया !!