असम: NRC सूची गायब होने के मामले में पूर्व अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज!

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असम के राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर से जुड़ी नागरकों की सभी डीटेल्स वेबसाइट से ग़ायब होने के मामले में एक पूर्व अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इस अधिकारी पर आरोप है कि वे नौकरी छोड़ने से पहले डेटा सुरक्षित रखने के लिए कोई सुरक्षित पासवर्ड नहीं दे पाए थे.

ख़बरों के अनुसार, डाटा गायब मामले में अब नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजन के पूर्व प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला के सहयोगी रहे अजुपी बरुआ के  खिलाफ केस दर्ज किया गया है. ये केस इसलिए दर्ज किया गया है क्योंकि उन्होंने आधिकारिक ई-मेल आईडी का पासवर्ड साझा नहीं किया था.

गौरतलब है कि, बीते साल अगस्त 31 को बने असम के राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर से जुड़ी नागरकों की सभी डीटेल्स वेबसाइट से ग़ायब हो गई हैं.सूची के आधिकारिक वेबसाइट से ऑफलाइन होने पर गृह मंत्रालय (एमएचए) का कहना है कि एनआरसी का डाटा सुरक्षित है.डेटा फ़िलहाल लोगों को दिख नहीं रहा है क्योंकि क्लाउड स्पेस के लिए किया गया सरकार का क़रार ख़त्म हो गया है.

गायब हुई इस लिस्ट में रजिस्टर में शामिल 3.11 करोड़ लोगों के साथ-साथ रजिस्टर से बाहर 19.06 लाख लोगों की भी पूरी जानकारी थी. एनआरसी कोर्डिनेटर प्रतीक हज़ेला के ट्रांसफ़र होने के बाद उनके जगर पर नए अधिकारी नहीं आए थे जिस कारण फिर से क़रार नहीं किया जा सका.विप्रो कंपनी असम सरकार को एनआरसी डेटा के लिए क्लाउड स्पेस मुहैय्या कराती है और कंपनी का क़रार हाल में ख़त्म हुआ था.

बीते साल असम में एनआरसी की प्रक्रिया पूरी हुई थी, जिससे 19 लाख लोग बाहर हो गए थे. 31 अगस्त 2019 को सरकार की ओर से NRC की फाइनल लिस्ट जारी कर दी थी. असम में 3 करोड़ से अधिक लोगों का नाम लिस्ट में आया था, जबकि 19 लाख बाहर हो गए थे.


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