पढ़िए, दिल्ली पुलिस के नये मुखिया राकेश अस्थाना से जुड़े 15 विवाद!


सीबीआई ने कोर्ट में कहा था कि राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ लगे आरोप संज्ञेय अपराध हैं। उसके पास इस मामले में अस्थाना और अन्य के ख़िलाफ़ पर्याप्त संदिग्ध दस्तावेज़ हैं। सीबीआई ने कोर्ट को ये भी बताया कि जांच में उसके हाथ बंधे हुए हैं क्योंकि कुछ फाइलें केंद्रीय सतर्कता आयोग की निगरानी में हैं। (बीबीसी, एक नवंबर 2018) 


संजय कुमार सिंह संजय कुमार सिंह
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राकेश अस्थाना जब चर्चा में आए तो पता चला कि उनकी बेटी की शादी का खर्च गुजरात के किसी कारोबारी ने उठाया था। उनकी इस प्रतिभा से मैं मान गया था कि वे दिन दूनी तरक्की करेंगे और एक दिन मुझे उनकी प्रतिभा पर लिखने का मौका जरूर मिलेगा। आज पता चला कि वे संयुक्त बिहार के नेतरहाट स्कूल के पढ़े हुए हैं तो उनके बारे में विस्तार से जानने की इच्छा और प्रबल हो गई। दरअसल मेरा छोटा भाई बिहार के दूसरे सबसे मशहूर आवासीय विद्यालय का पढ़ा हुआ है और न जाने क्यों मेरे माता पिता ने मेरा नाम पहले मशहूर स्कूल में नहीं लिखवाया। नेतरहाट वालों से इसलिए मुझे कुछ खास लगाव हो जाता है। जनसत्ता में रहते हुए मैं दिल्ली में उसके ओल्डब्वायज एसोसिएशन की बैठक कवर करने भी गया था वहां पता चला कि मेरे ही नामराशि के मित्र वहां पहले से थे। तो बिहारियों के लिए है नेतरहाट ऐसा है और यहीं मुझे अपने स्कूल के पुराने छात्रों को इकट्ठा करने का आईडिया आया था। 

मैं बात कर रहा था बेटी की शादी उद्योगपति से प्रायोजित करवा लेने की प्रतिभा की। दरअसल बचपन में मैंने बिहार में देखा है कि रिश्वत लेने वाला बेटी की शादी के लिए ही कमाता था और हर कंजूस बेटी की शादी के लिए ही बचत करता था। आम कमाने वालों के लिए इलाज, रिटायरमेंट और बेटी को पढ़ाने से भी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है शादी के लिए बचत। यह इतना जरूरी हुआ करता था कि ना कोई कंजूसी को बुरा मानता था और ना रिश्वत लेने को। बेटियों को पढ़ाना तो मुद्दा ही नहीं था। राकेश अस्थाना को जानने के बाद लगा था पूरे कैरियर में एक करोड़पति से दोस्ती हो जाए तो बेटी की शादी का खर्चा नहीं बचाना पड़ेगा (और बहुत कमाने की भी जरूरत नहीं रहेगी)। पर ईश्वर ने मुझे बेटी तब दी जब मैं नौकरी छोड़ चुका था और अपनी पसंद से दोस्ती नहीं कर सकता था। ऐसे में अस्थाना के अन्य गुणों को जानने पढ़ने में आज मैंने पूरा दिन लगा दिया। भारत सरकार ने नियम से हटकर उनकी तमाम प्रशंसा के बावजूद उन्हें दिल्ली पुलिस का मुखिया बनाया है तो आपके लिए भी उन्हें जानना दिलचस्प होगा। पेश है उनकी खासियतें-

1.पुलिस कल्याण कोष के 20 करोड़ रुपए भाजपा को चंदा दिए। वैसे तो इस खबर को गलत बताने वाले लोग भी है। लेकिन किसी जांच की कोई ठोस खबर नहीं है। मुंबई मिरर की 2018 की एक खबर के अनुसार आयकर विभाग ने टीडीएस काटने के संबंध में नोटिस भेजा था। इसके बाद पुलिस कल्याण कोष के संबंधित दस्तावेज गायब हो गए। धन की गड़बड़ी ऑडिट विभाग ने पकड़ी थी। 2015 में आरटीआई के तहत सूचना नहीं दी गई थी।

2.राकेश अस्थाना ने आलोक वर्मा और वर्मा ने अस्थाना की शिकायत की थी। आधी रात की कार्रवाई के बाद वर्मा को रिटायर हो जाने दिया गया और अस्थाना के खिलाफ जांच में क्लीन चिट मिल गई। आज उन्हें उसका इनाम भी मिल गया। आलोक वर्मा वाले मामले का क्या हुआ राम जाने। पर उनका अपराध शायद इतना ही था कि उन्हें एक्सटेंशन नहीं मिला। 

3.सरकार अस्थाना को सीबीआई प्रमुख बनाना चाहती थी पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने पहले के आदेश का हवाला देकर उनकी उम्मीदवारी ही खत्म कर दी। कायदे से उस पैनल में नाम होना ही गलत था पर कोई बात नहीं। इस चक्कर में जो सीबीआई प्रमुख बने उनकी योग्यता चाहे जो हो आदेश जारी हुआ तो उसमें लिखा था, “या अगले आदेश तक।” उस समय विनीत नारायण ने इसपर सवाल उठाया था। आप जानते हैं कि सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति से संबंधित आदेश उनकी याचिका के बाद ही आया था। 

4.अब जिस ढंग से उन्हें बीएसएफ के पद को खाली छोड़कर (अतिरिक्त चार्ज देकर) रिटायरमेंट से पहले सेवा विस्तार देकर एडजस्ट किया गया है उससे सवाल पैदा होता है कि बीएसएफ का प्रमुख समय रहते क्यों नहीं तलाशा गया और कोई एक महीने दिल्ली पुलिस का काम अस्थायी प्रमुख से क्यों चलाया गया गया? समय की कमी या 18 घंटे काम करने का प्रचार करने के लिए। गृहमंत्री के पास समय की कमी है तो उन्हें एक नये मंत्रालय का भार क्यों दिया गया है। 

5.सीबीआई की आधी रात की कार्रवाई राकेश अस्थाना को गिरफ्तारी से बचाने के लिए की गई थी। बाद में उन्हें क्लिन चिट मिल गयी पर मामला ऐसा नहीं है कि हवा में आरोप लग गया होगा। फिर भी किसी दागी को इतना महत्वपूर्ण पद देने के मुकाबले अपेक्षाकृत कनिष्ठ या अयोग्य को यह पद देना उतना बुरा नहीं होता। 

6.सीबीआई में रहते हुए अस्थाना पर मोइन कुरैशी मामले में दो बिचौलियों से 2.95 करोड़ रुपए के भुगतान का आरोप था। दूसरी ओर, वर्मा पर आरोप साबित तो नहीं ही हुए, कुछ गलत भी पाए गए हैं। इससे बात समझ में आती है लेकिन उसका कोई महत्व इन दिनों नहीं है। 

7.चंडीगढ़ के दंत चिकित्सक मोहित धवन ने पुलिस पर अवैध वसूली, प्रताड़ना एवं जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करने के आरोप लगाए हैं। शीर्ष अदालत में दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि केंद्रीय सतर्कता आयोग और सीबीआई शिकायत को 16 महीने से अधिक समय से दबा कर बैठे हैं और याचिकाकर्ता को नहीं बताया जा रहा है कि इस शिकायत के संबंध में क्या कदम उठाए गए हैं। धवन ने अदालत से अनुरोध किया था कि नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के प्रमुख राकेश अस्थाना पर उनके आरोपों के आधार पर जांच करने और फौजदारी मामला चलाने के निर्देश दिए जाएं। बाद में उन्होंने यह मामला वापस ले लिया कि वे हाईकोर्ट जाएंगे। (भाषा, 8 फरवरी 2021) 

8.ऊपर के मामले में पता चलता है कि चुनाव के समय और खास मौकों पर सक्रिय हो जाने वाले कुछ सरकारी विभाग आम लोगों के मामले में कितनी तेजी से और कैसी कार्रवाई करते हैं। आज अस्थाना साब विशेषता चारा घोटाले की जांच बताई जा रही है। मुझे इनकी जांच की निष्पक्षता पर भरोसा नहीं है। और सरकार ने ईनाम देने की जो मजबूरी दिखाई है उससे मेरी ऐसी राय बनी है। आप इस बारे में अपनी राय बनाने के लिए स्वतंत्र हैं। 

9.सीबीआई प्रमुख से भिड़ंत के बाद दोनों को छुट्टी पर भेज दिया गया था। इसके खिलाफ आलोक वर्मा अदालत गए और उन्हें बहाल किया गया। राकेश अस्थाना हाईकोर्ट गए जहां उनकी गिरफ्तारी पर स्टे लगा। इसके बाद गिरफ्तारी की तैयारी की खबर थी पर उन्हें पद से हटा दिया गया। (पता नहीं सूचना पेगासुस से मिली थी या कैसे)   

10.दुबई में सतीश साना से मुलाकात के दौरान सोमेश प्रसाद ने कहा कि राकेश अस्थाना गत वर्ष लंदन में उसके आवास पर ठहरे थे। उसी समय सोमेश ने सामंत गोयल और परवेज हयात के साथ अपने संबंध होने की बात कही थी। तीन करोड़ रुपये रिश्वत मामले में सोमेश वह कड़ी है, जो लगातार सीबीआई अधिकारियों के संपर्क में रहा है। सोमेश का भाई मनोज प्रसाद भी इस मामले में नामजद हैं। 

11.प्राथमिकी के अनुसार 13 फरवरी 2018 को डीएसपी देवेंद्र कुमार ने ई-मेल से सतीश साना को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस भेजा था। यह नोटिस मिलने के बाद वह परेशान हो गया कि 2.95 करोड़ रुपये देने के बाद भी उसे नोटिस भेजा जा रहा है। इसके बाद उसे एक और नोटिस भेजा गया। नोटिस मिलने पर  सतीश साना ने मनोज प्रसाद से संपर्क किया कि यह क्या हो रहा है। इस पर मनोज ने कहा कि जो बैलेंस पेमेंट दो करोड़ देना है वह दे दो उसके बाद सीबीआई तुम्हे पूरी तरह से राहत दे देगी। ईमानदार सरकार ने इस मामले की जांच तो नहीं ही करवाई एक अभियुक्त को ऐसा इनाम दिया कि दूसरे के निष्पक्ष होने का भी भरोसा नहीं रहा। देश में यह सीबीआई और सरकार की कार्यशैली रही है। (बिन्दु 10 और 11, हिन्दुस्तान, 25 अक्तूबर 2018 से) 

12.राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार के तहत मुकदमा चलाने की मांग वाली याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। इस याचिका पर सुनवाई करने से हाई कोर्ट के जज योगेश खन्ना ने अज्ञात कारणों से खुद को अलग कर लिया था। यह याचिका ऊपर उल्लिखित डॉ. मोहित धवन की थी। सुनवाई जस्टिस सुरेश कुमार कैत की सिंगल बेंच में हुई। उन्होंने कहा कि मोहित धवन द्वारा बताई गई शिकायतें पहले से ही बंद कर दी गई है। पाठक फैसले के बारे में कोई राय बनाने से पहले पूरे मामले को ठीक से समझ लें। यहां विस्तार में जाना संभव नहीं है। (आजतक, 15 फरवरी 2021)

13.अस्थाना शुरू में लाल कृष्ण आडवाणी के काफी करीब थे। 2002 में जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, अस्थाना को साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन से जुड़ी त्रासदी जिसे गोधरा कांड के नाम से जाना जाता है, की जांच के लिए कहा गया। अस्थाना ने ही पहली बार सार्वजनिक बयान देते हुए इसे सोची-समझी साजिश करार दिया था। भीतरखाने लोगों का कहना है कि एसआईटी का नेतृत्व करने के लिए अस्थाना की नियुक्ति वास्तव में मोदी की मदद करने का आडवाणी का आइडिया था। आज जिस ढंग से उन्हें इनाम दिया गया है उसे सेवकों का ख्याल रखने की मोदी शैली कही जा सकती है। 

14.जैसे-जैसे मोदी का कद बढ़ता गया और वह आडवाणी से दूर होते चले गए, अस्थाना ने भी सीएम से करीबी बढ़ानी शुरू कर दी। अस्थाना के करीबी होने का दावा करने वाले एक उद्योगपति ने मिरर को बताया, ‘मोदी भक्त बनने के लिए हमने 2002 में अस्थाना को चिढ़ाया था। हालांकि उन्होंने कभी भी विरोध नहीं किया। (बिन्दु 13, 14, नवभारत टाइम्स-इंडियाटाइम्स डॉट कॉम से)

15.सीबीआई ने कोर्ट में कहा था कि राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ लगे आरोप संज्ञेय अपराध हैं। उसके पास इस मामले में अस्थाना और अन्य के ख़िलाफ़ पर्याप्त संदिग्ध दस्तावेज़ हैं। सीबीआई ने कोर्ट को ये भी बताया कि जांच में उसके हाथ बंधे हुए हैं क्योंकि कुछ फाइलें केंद्रीय सतर्कता आयोग की निगरानी में हैं। (बीबीसी, एक नवंबर 2018) 

दैनिक भास्कर की तीन साल पुरानी (2018 की) एक खबर के अनुसार वडोदरा की स्टर्लिंग बायोटेक कंपनी में मुंबई और उटी स्थित इमारतों पर 28 जून 2011 को आयकर विभाग ने छापा मारा था। 25 स्थानों पर जब्त दस्तावेजों से राकेश अस्थाना समेत आयकर के तीन अधिकारियों और कांग्रेस के एक बड़े नेता के दामाद के साथ नकद या अन्य रूप से लेन-देन की बात सामने आई थी। कॉमन कॉज नाम के एनजीओ ने नवंबर 2011 में राकेश अस्थाना की सीबीआई में हुई नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। डायरी में लिखे गए नामों के आधार पर अगस्त 2017 में पहली शिकायत दर्ज हुई थी। इसी मामले में अक्टूबर 2017 में बैंक अधिकारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज कराया गया था। डायरी में राकेश अस्थाना का नाम आर एकोड वर्ड में लिखा गया था। डायरी से राकेश अस्थाना की बेटी की शादी में खर्च हुए करोड़ों रुपए का आंकड़ा सामने आया है। अस्थाना के बेटे का स्टर्लिंग बायोटेक में असिस्टेंट मैनेजर की पोस्ट पर ड्यूटी के दौरान किए गए आर्थिक लेन-देन का ब्यौरा भी डायरी से मिला था। अस्थाना का बेटा अंकुश असिस्टैंट मैनेजर के पद एक साल तक स्टार्लिंग बायोटेक में था। सांडेसरा परिवार ने वडोदरा में गरबा का आयोजन किया गया था। गरबा से इकट्‌ठा रकम में से एक करोड़ रुपए ट्रैफिक एजुकेशन ट्रस्ट में जमा कराया गया था। वीटीएफटी द्वारा ट्रैफिक ब्रिगेड के जवानों को ट्रेंड कर शहर में तैनात किया जाता है। 

सांडेसरा और अस्थाना के बीच गहरे संबंध होने के कारण अस्थाना की बेटी की शादी वडोदरा में हुई थी। कॉमन कॉज के अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सवाल उठाया था कि उस दौरान अस्थाना की पोस्टिंग दिल्ली में थी, इसके बावजूद वडोदरा में शादी क्यों की गई? शादी के बाद ही अस्थाना की सीबीआई में नियुक्ति हुई थी। अस्थाना के लिए नई पोस्ट बनाई गई थी। नियुक्ति के बाद प्रशांत भूषण ने कोर्ट में चुनौती दी थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस नियुक्ति को योग्य पाया था। राकेश अस्थाना की पत्नी एक इंश्योरेंस कंपनी में काम करती थी। अस्थाना जब वडोदरा में पुलिस कमिश्नर थे तब उनकी पत्नी ने शहर के उद्योगपतियों को इंश्योरेंस पॉलिसी दी थी। अस्थाना की पत्नी ने पॉलिसी से तगड़ी कमाई की थी।

और भी बहुत सी सूचना आप इस लिंक पर पढ़ सकते हैं-

/rakesh-full-married-the-daughter-of-asthana-spending-sandesra-rhttps://www.bhaskar.comaised-01154798.html/

 

बाकी लिंक रिकार्ड के लिए 

https://www.amarujala.com/india-news/know-about-cvc-report-on-ousted-cbi-chief-alok-verma

https://www.livehindustan.com/national/story-know-what-allegation-against-cbi-special-director-rakesh-asthana-2237370.html

https://www.aajtak.in/india/delhi/story/cbi-ex-director-rakesh-asthana-corruption-case-delhi-high-court-1208379-2021-02-15

https://navbharattimes.indiatimes.com/india/rakesh-asthana-from-the-student-to-gujarat-cadre-ips-officer-know-all-about-him/articleshow/66341340.cms

लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।