5 दिसंबर को पूरे देश में मोदी-अंबानी-अडानी का पुतला फूँकेंगे किसान

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कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली घेर कर बैठे किसान संगठनों ने अब आंदोलन को देशव्यापी बनाने का ऐलान किया है। इसके तहत 5 दिसंबर को पूरे देश में मोदी सरकार और अंबानी-अडानी समेत दूसरी कॉरपोरेट कंपनियों का पुतला फूँका जायेगा। उन्होंने कहा है कि कृषि क़ानूनों के रद्द होने से कम उन्हें कुछ भी स्वीकर नहीं है। सरकार को संसद का विशेष सत्र बुलाकर कृषि कानूनों को रद्द करना चाहिए।

1 दिसंबर को हुई वार्ता के बेनतीजा होने के बाद सरकार और किसानों के बीच 3 दिसंबर को फिर बातचीत होनी है। सिंघु बार्डर पर हुई प्रेस कान्फ्रेंस में किसान संगठनों ने आज शाम अपनी रणनीति का खुलासा किया। उन्होंने साफ़ कहा कि पिछली बातचीत में सिर्फ 32 संगठनों को बुलाया गया था, लेकिन गुरुवार को सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधि बातचीत में शामिल होने जायेंगे। और अगर सरकार ने उनकी माँगें न मानी तो आंदोलन को और तेज़ किया जायेगा। सरकार की अगर नीयत ठीक है तो वह एमएसपी को वैधानिक बनाये। यानी अगर कोई एमएसपी की दर से कम पर किसानों से ख़रीद करते तो उसे जेल और जुर्माना होना चाहिए।

किसान संगठनों ने भावी कार्यक्रम का ऐलान करते हुए बताया कि अब आंदोलन को पूरे देश में फैलाया जायेगा। 5 दिसंबर को देश के हर ज़िले में मोदी सरकार और अंबानी-अदानी समेत तमाम कॉरपोरेट कंपनियों का पुतला फूँका जायेगा और तीनों कृषि बिल वापस लेने की मांग की जायेगी। इसके बाद 7 दिसंबर को राष्ट्रीय सम्मान से विभूषित कलाकार और खिलाड़ी किसानों पर दमन के खिलाफ़ अपना सम्मान वापस करेंगे। उन्होंने देश भर के सम्मानित विभूतियों का आह्वान किया कि वे सरकार को अपना सम्मान वापस कर दें।

इस बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रभावी भारतीय किसान यूनियन के टिकैत गुट समेत कई अन्य राज्यों के किसान संगठन भी इस आंदोलन में शामिल हो गये हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों ने नोएडा का चिल्ला बार्डर जाम कर दिया है। हरियाणा की ओर सिंघु और टिकरी बार्डर पहले से जाम है। किसानों ने दिल्ली के सभी बार्डर जाम करने की चेतावनी दी है।