
उत्तर प्रदेश में पिछले मार्च सरकार बदलने के बाद से एक साल के भीतर करीब बारह सौ पुलिसिया मुठभेड़े हुई हैं जिनमें 44 लोग अब तक मारे जा चुके हैं। सरकार का दावा है कि मारे गए लोग अपराधी हैं, लेकिन इनके परिजनों की मानें तो मारे गए सभी अपराधी नहीं थे बल्कि कुछ निर्दोष लड़के भी थे।
शुक्रवार 23 मार्च को शहीद दिवस के मौके पर दिल्ली के कांस्टिट्यूशन क्लब में ऐसे ही कुछ परिवार जमा हुए थे जिनके बच्चों को अपराधी बताकर मार दिया गया। योगी राज में हुई मुठभेड़ और हत्याओं पर यह पहला सार्वजनिक ट्रिब्यूनल था जहां मारे गए लोगों के परिजन और प्रत्यक्षदर्शियों ने अपनी गवाही दी।
नीचे हम कुछ परिजनों के बयान दे रहे हैं। इन्हें सुनकर समझ आएगा कि दरअसल मुठभेड़ के नाम पर उत्तर प्रदेश में क्या चल रहा है। साथ में निर्दोषों के लिए मुकदमे लड़ने वाले वकील असद हयात का भाषण भी शामिल है।
मारे गए लड़कों के परिजन
असद हयात, अधिवक्ता
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