यूपी में बिजली महँगी करने का प्रस्ताव वापस ले सरकार-प्रियंका

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कोरोना काल में आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों को योगी सरकार बिजली का झटका देने की तैयारी कर रही है। जी हां, यूपी में बिजली की दरें बढ़ सकती हैं। बिजली कंपनियों ने विद्युत नियामक आयोग को स्लैब परिवर्तन का प्रस्ताव दिया है। स्लैब परिवर्तन से बिजली दरों का बढ़ना तय माना जा रहा है।

बिजली कंपनियों के प्रस्ताव को लेकर कांग्रेस महासचिव व यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने कहा कि यूपी में नई सरकार बनने के बाद बिजली के दाम तीसरी बार बढ़ने जा रहे हैं। बढ़ती बेरोजगारी और आर्थिक मोर्चे पर जूझ रहे लोगों को राहत देने की बजाय सरकार लगातार उनकी जेब काटने में लगी है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह प्रस्ताव तुरंत वापस लेना चाहिए और कोरोना काल में लोगों को राहत देने के लिए उनका बिल माफ करना चाहिए।

प्रियंका गांधी ने फेसबुक पोस्ट लिखकर कहा है कि “यूपी में नई सरकार बनने के बाद बिजली के दाम तीसरी बार बढ़ने जा रहे हैं।

1- 2017 में योगी सरकार बनने के बाद निकाय चुनाव समाप्त होते ही बिजली की दरों में औसतन 12.73 फीसदी का इजाफा किया गया था।

2- सितंबर 2019 में लोकसभा चुनाव के बाद दरों में 8 से 12 फीसदी तक की बढ़ोतरी की।

3- अब फिर से बिजली दरों के स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव आया जिससे बिजली बिल में 3 से 4 फीसदी की बढ़ोतरी होगी।

यूपी में बढ़ती बेरोजगारी और आर्थिक मोर्चे पर जूझ रहे आम लोगों को राहत देने की बजाय सरकार लगातार जेब काटने में लगी है। यूपी सरकार को यह प्रस्ताव तुरंत वापस लेना चाहिए और आम उपभोक्ताओं को राहत के वास्ते कोरोना काल का बिजली बिल माफ़ करना चाहिए”।

https://www.facebook.com/priyankagandhivadra/posts/653717712235451

प्रियंका गांधी ने फेसबुक पोस्ट के साथ न्यूज18 की खबर को शेयर किया है। खबर के मताबिक बिजली कंपनियों ने जो प्रस्ताव भेजा है उसमें मौजूद 80 स्लैब को घटाकर 53 करने का सुझाव दिया गया है। इसमें बीपीएल को छोड़कर शहरी घरेलू के लिए 3 स्लैब और कमर्शियल, लघु एवं मध्यम उद्योग के लिए 2 स्लैब बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। हालांकि, भारी उद्योग के स्लैब में कोई बदलाव नहीं होगा। बिजली दरों के स्लैब में बदलाव होने से शहरी उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ पड़ेगा। इससे बिजली के बिल में 3 से 4 फ़ीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है। अब गेंद नियामक आयोग के पाले में है जो स्लैब में बदलाव पर फैसला लेगा।

मौजूदा समय में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए चार स्लैब हैं, जिसे घटाकर तीन स्लैब करने का प्रस्ताव भेजा गया है। इसी तरह कमर्शियल श्रेणी में ग्रामीण अनमीटर्ड स्लैब को कम करते हुए 2 किलोवाट के स्थान पर 4 किलोवाट का नया स्लैब प्रस्तावित किया गया है। शहरी कमर्शियल का एक स्लैब कम करके दो प्रस्तावित किया गया है। लघु एवं मध्यम उद्योग के लिए भो दो स्‍लैब प्रस्तावित हैं। एक 20 किलोवाट और दूसरा इससे ऊपर के भार के लिए।


 


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